जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में हर दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हर दिन करीब 2000 संक्रमित मरीज प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं. इसमें सबसे अधिक संक्रमित मामले राजधानी जयपुर से सामने आ रहे हैं. राजधानी में हर दिन करीब 300 से 400 मरीज कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. ऐसे में बढ़ते मरीजों के आंकड़ों के बीच चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने लॉकडाउन लगाने की बात कही है, जिससे संक्रमण पर काबू पाया जा सके.
जयपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरोत्तम शर्मा ने भी माना है कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से संक्रमण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन आम लोग ना तो मास्क लगा रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालना कर रहे हैं. इसी के चलते संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
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नरोत्तम शर्मा का कहना है कि ऐसे में एक प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास चिकित्सा विभाग की ओर से भेजा गया है, जिसमें सीमित लॉकडाउन लगाने की बात कही गई है ताकि संक्रमण को रोका जा सके. शर्मा ने यह भी कहा कि जयपुर में बीते कुछ समय से संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, जांच की क्षमता बढ़ने के बाद भी इन आंकड़ों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, लेकिन लोग बेवजह घरों से बाहर घूम रहे हैं तो ऐसे में संक्रमण का खतरा भी अब बढ़ने लगा है.
एक महीने में दोगुने मामले
राजधानी जयपुर में अब तक कोरोना के 19,841 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 1 महीने पहले यानी 27 अगस्त तक जयपुर में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 9558 थी. यानी एक महीने में संक्रमण के मामले दोगुने हो गए हैं जो एक चिंता का विषय है. वहीं, प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में भी सीमित लॉकडाउन प्रशासन की ओर से लगाया गया था, लेकिन जयपुर में अभी तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है.
जयपुर से जुड़े आंकड़ों पर एक नजरः
अस्पतालों में बेड फुल
जयपुर की बात करें तो कोरोना संक्रमण के बीच जयपुर के सरकारी और निजी अस्पताल जवाब देने लगे हैं. अस्पतालों में जो व्यवस्था की गई थी वह नाकाफी साबित हो रही है. अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड और आईसीयू फुल हो चुके हैं. ऐसे में प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रयास कर रहा है, लेकिन जिस तरह से हर दिन जयपुर में करीब 400 नए मामले सामने आ रहे हैं उससे अस्पताल की व्यवस्थाएं दम तोड़ने लगी है.