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प्रताप-अकबर के बीच नहीं हुआ था धर्म युद्ध, सत्ता प्राप्ति और व्यापार के लिए हुआ था संघर्षः शिक्षा राज्य मंत्री - शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा

राजस्थान की पाठ्य पुस्तकों में महाराणा प्रताप के बारे में लिखी बातों पर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. इस संबंध में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री ने इस मामले में मुझे और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को विवाद सुलझाने का जिम्मा दिया है और हम दोनों बैठ कर उस समिति के साथ चर्चा करेंगे की किताब में जो बातें लिखी गई है उनका आधार क्या है.

महाराणा प्रताप पाठ्यक्रम विवाद, Maharana Pratap course dispute
शिक्षा राज्य मंत्रा गोविंद सिंह डोटासरा
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Published : Jul 9, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 6:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान की पाठ्य पुस्तकों में महाराणा प्रताप को लेकर कुछ विवादित बातें लिखी गई है जिससे विवाद लगातार गहराता जा रहा है. राजपूत समाज लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है. बुधवार को इस मुद्दे को लेकर कुछ जन प्रतिनिधि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके निवास पर भी मिलने गए थे. सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाएगा.

शिक्षा राज्य मंत्रा गोविंद सिंह डोटासरा

गहलोत ने इस विवाद को सुलझाने के लिए शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को जिम्मा सौंपा है. इस मामले में गुरुवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा का एजेंडा हमेशा विवाद करने का होता है. क्योंकि जितनी बड़ी बातें और वादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किए वह काम भाजपा कर नहीं पा रही है इसलिए विवाद पैदा कर रही है.

डोटासरा ने कहा कि पिछले सत्र में जो किताब सिलेबस का हिस्सा रही उसमें जो पाठ्यक्रम था वहीं पाठ्यक्रम अब भी पढ़ाया जा रहा है. विधानसभा में 40 सदस्यों ने इसे लेकर सवाल भी उठाए और सब का जवाब भी दिया गया. डोटासरा ने कहा कि उस समय भी डिमांड पर चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच धर्म युद्ध नहीं हुआ था, बल्कि यह सत्ता प्राप्ति और व्यापार करने के लिए युद्ध था.

पढ़ेंः CBSE के बाद अब RBSE का सिलेबस भी होगा कम, शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने दिए संकेत

यह वह युद्ध था जिसमें हिंदू राजा का सेनापति मुस्लिम और मुस्लिम राजा का सेनापति हिंदू था. इस बात पर मैं आज भी कायम हूं. मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में मुझे और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को विवाद सुलझाने का जिम्मा दिया है और हम दोनों बैठ कर उस समिति के साथ चर्चा करेंगे की किताब में जो बातें लिखी गई है उनका आधार क्या है.

पढ़ेंः स्पेशल: वीरान हुई शिक्षा नगरी, हॉस्टल संचालकों को हो रहा भारी नुकसान

डोटासरा ने कहा कि महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य राजस्थान के कण-कण में विद्यमान है. उनके महत्व को कोई कम नहीं कर सकता है. इस मामले में जो असमंजस पैदा हुआ है वह RSS की देन है. उसे दूर करने के लिए मैं पहले भी तैयार था और आज भी तैयार हूं. डोटासरा ने कहा कि इस विषय पर कोई भी आकर उनसे चर्चा करना चाहे और तथ्यों का आधार जानना चाहे तो हम उन से चर्चा करके संतुष्ट करने को तैयार हैं. राजस्थान की सरकार बनाने में हर किसी का योगदान है और सबको संतुष्ट करने के लिए ही हम सरकार में हैं. डोटासरा ने कहा कि महाराणा प्रताप का यश शौर्य गाथा पहले भी कम नहीं था और आगे भी कम नहीं होगा.

जयपुर. राजस्थान की पाठ्य पुस्तकों में महाराणा प्रताप को लेकर कुछ विवादित बातें लिखी गई है जिससे विवाद लगातार गहराता जा रहा है. राजपूत समाज लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है. बुधवार को इस मुद्दे को लेकर कुछ जन प्रतिनिधि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके निवास पर भी मिलने गए थे. सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाएगा.

शिक्षा राज्य मंत्रा गोविंद सिंह डोटासरा

गहलोत ने इस विवाद को सुलझाने के लिए शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को जिम्मा सौंपा है. इस मामले में गुरुवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा का एजेंडा हमेशा विवाद करने का होता है. क्योंकि जितनी बड़ी बातें और वादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किए वह काम भाजपा कर नहीं पा रही है इसलिए विवाद पैदा कर रही है.

डोटासरा ने कहा कि पिछले सत्र में जो किताब सिलेबस का हिस्सा रही उसमें जो पाठ्यक्रम था वहीं पाठ्यक्रम अब भी पढ़ाया जा रहा है. विधानसभा में 40 सदस्यों ने इसे लेकर सवाल भी उठाए और सब का जवाब भी दिया गया. डोटासरा ने कहा कि उस समय भी डिमांड पर चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच धर्म युद्ध नहीं हुआ था, बल्कि यह सत्ता प्राप्ति और व्यापार करने के लिए युद्ध था.

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यह वह युद्ध था जिसमें हिंदू राजा का सेनापति मुस्लिम और मुस्लिम राजा का सेनापति हिंदू था. इस बात पर मैं आज भी कायम हूं. मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में मुझे और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को विवाद सुलझाने का जिम्मा दिया है और हम दोनों बैठ कर उस समिति के साथ चर्चा करेंगे की किताब में जो बातें लिखी गई है उनका आधार क्या है.

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डोटासरा ने कहा कि महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य राजस्थान के कण-कण में विद्यमान है. उनके महत्व को कोई कम नहीं कर सकता है. इस मामले में जो असमंजस पैदा हुआ है वह RSS की देन है. उसे दूर करने के लिए मैं पहले भी तैयार था और आज भी तैयार हूं. डोटासरा ने कहा कि इस विषय पर कोई भी आकर उनसे चर्चा करना चाहे और तथ्यों का आधार जानना चाहे तो हम उन से चर्चा करके संतुष्ट करने को तैयार हैं. राजस्थान की सरकार बनाने में हर किसी का योगदान है और सबको संतुष्ट करने के लिए ही हम सरकार में हैं. डोटासरा ने कहा कि महाराणा प्रताप का यश शौर्य गाथा पहले भी कम नहीं था और आगे भी कम नहीं होगा.

Last Updated : Jul 9, 2020, 6:32 PM IST
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