जयपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर ने ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी है. इसके साथ ही प्राधिकरण ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा है कि क्या स्कूल फीस का भुगतान नहीं होने पर बच्चों का स्कूल से नाम काटा जा सकता है, इस संबंध में सरकार की ओर से क्या दिशा निर्देश दिए गए हैं.
प्राधिकरण ने यह जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर और बाल अधिकारिता विभाग को 3 दिन में पेश करने को कहा है. प्राधिकरण के सचिव सत्य प्रकाश सोनी ने ये कार्रवाई कक्षा 6 के छात्र की ओर से भेजे पत्र पर संज्ञान लेते हुए की है.
प्राधिकरण की ओर से राज्य सरकार के अधिकारियों से पूछा गया है कि महामारी के इस दौर में बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के संबंध में कोई गाइडलाइन जारी की गई है या नहीं? इसके अलावा यदि कोई बच्चा आर्थिक या स्वास्थ्य कारणों से ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के लिए सक्षम नहीं है तो उसके अध्यापन के लिए क्या निजी स्कूलों की ओर से किसी गाइडलाइन की पालना की जा रही है?
प्राधिकरण के सचिव की ओर से भेजे पत्र में यह भी पूछा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों की फीस में किसी प्रकार की छूट देने के संबंध में राज्य सरकार की ओर से क्या दिशा निर्देश दिए गए हैं? वहीं कक्षा 8 तक के बच्चे अपने स्तर पर मोबाइल या लैपटॉप के उपयोग की कुशलता नहीं रखते हैं, ऐसे बच्चों की पढ़ाई के संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से क्या-क्या उपाय किए जाने प्रस्तावित हैं?
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कक्षा 6 के छात्र की ओर से प्राधिकरण को भेजे पत्र में कहा गया कि उसके पिता ऑटो चलाकर परिवार का पालन करते थे, लेकिन लॉकडाउन में काम नहीं मिला और ऑटो बिक गया. इसके अलावा उसके पास इंटरनेट सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं. दूसरी ओर स्कूल संचालक ऑनलाइन क्लास में शामिल होने और फीस के लिए दबाव बना रहे हैं.