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जयपुर: जिला कलेक्टर ने एमजीडी स्कूल की प्रिंसिपल को जारी किया नोटिस, कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन का पाया दोषी

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Published : Apr 20, 2021, 10:21 PM IST

जयपुर में जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने एमजीडी स्कूल की प्रिंसिपल को जिला प्रशासन से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना अभिभावकों को भ्रमित कर प्रायोगिक परीक्षा करवाने और राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के उल्लंघन का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसपर जब जांच के लिए स्कूल में टीम भेजी गई तो स्कूल प्रशासन की ओर से जांच के लिए गई टीम को भी 3 घंटे तक बिठाए रखा जो कि एक निंदनीय कृत्य है.

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जिला कलेक्टर ने एमजीडी स्कूल की प्रिंसिपल को जारी किया नोटिस

जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने एमजीडी स्कूल की प्रिंसिपल को जिला प्रशासन से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना अभिभावकों को भ्रमित कर प्रायोगिक परीक्षा करवाने एवं राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड-19 गाइडलाइन के उल्लंघन का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिला कलेक्टर नेहरा ने बताया कि स्कूल प्रशासन की ओर से प्रायोगिक परीक्षा करवाने के लिए जिला प्रशासन से कोई लिखित अनुमति नहीं ली गई थी.

मामला संज्ञान में आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए. इसपर जब जांच के लिए स्कूल में टीम भेजी गई तो स्कूल प्रशासन की ओर से जांच के लिए गई टीम को भी 3 घंटे तक बिठाए रखा जो कि एक निंदनीय कृत्य है.

पढ़ें: कोरोना के बढ़ते केसों के बीच राजस्थान में धारा 144 की अवधि एक महीने के लिए बढ़ी

साथ ही कोरोना संक्रमण के दौर में जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहा है और आमजन को जागरूक भी कर रहा है. ऐसे में अभिभावकों को भ्रमित करवा कर प्रायोगिक परीक्षा करवाना गलत है. यह बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है.

नेहरा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. बता दें कि कोविड गाइडलाइन के चलते सरकार ने शिक्षण संस्थाओं को बंद रखने और परीक्षाएं और प्रैक्टिकल परीक्षाओं पर रोक के आदेश जारी किए हुए हैं.

इसके बावजूद एमजीडी स्कूल में 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का कैमिस्ट्री का प्रैक्टिकल एग्जाम करवाया जा रहा था. शिकायत मिलने पर जांच करने स्कूल पहुंची शिक्षा विभाग की टीम को 3 घंटे तक बैठाए रखा.

जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने एमजीडी स्कूल की प्रिंसिपल को जिला प्रशासन से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना अभिभावकों को भ्रमित कर प्रायोगिक परीक्षा करवाने एवं राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड-19 गाइडलाइन के उल्लंघन का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिला कलेक्टर नेहरा ने बताया कि स्कूल प्रशासन की ओर से प्रायोगिक परीक्षा करवाने के लिए जिला प्रशासन से कोई लिखित अनुमति नहीं ली गई थी.

मामला संज्ञान में आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए. इसपर जब जांच के लिए स्कूल में टीम भेजी गई तो स्कूल प्रशासन की ओर से जांच के लिए गई टीम को भी 3 घंटे तक बिठाए रखा जो कि एक निंदनीय कृत्य है.

पढ़ें: कोरोना के बढ़ते केसों के बीच राजस्थान में धारा 144 की अवधि एक महीने के लिए बढ़ी

साथ ही कोरोना संक्रमण के दौर में जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहा है और आमजन को जागरूक भी कर रहा है. ऐसे में अभिभावकों को भ्रमित करवा कर प्रायोगिक परीक्षा करवाना गलत है. यह बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है.

नेहरा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. बता दें कि कोविड गाइडलाइन के चलते सरकार ने शिक्षण संस्थाओं को बंद रखने और परीक्षाएं और प्रैक्टिकल परीक्षाओं पर रोक के आदेश जारी किए हुए हैं.

इसके बावजूद एमजीडी स्कूल में 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का कैमिस्ट्री का प्रैक्टिकल एग्जाम करवाया जा रहा था. शिकायत मिलने पर जांच करने स्कूल पहुंची शिक्षा विभाग की टीम को 3 घंटे तक बैठाए रखा.

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