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सदन में गूंजा राजवेस्ट से 5 करोड़ चंदे का मामला, संयम बोले- तमाम प्रक्रिया व अनुबंध भाजपा सरकार में...फिर आरोप कांग्रेस पर क्यों ?

लिग्नाइट खनन मामले में राजवेस्ट कंपनी से 5 करोड़ रुपये का चंदा लेकर नियमों के तहत की जाने वाली वसूली ना करने के भाजपा के आरोपों पर बुधवार को सदन में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पलटवार किया. बजट पर बहस के दौरान संयम लोढ़ा ने इस मामले में कांग्रेस पर आरोप लगाने वाले राजेंद्र राठौड़ और उनकी पिछली (Sanyam Lodha Alleged BJP) भाजपा सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.

Sanyam Lodha in Rajasthan Assembly
भाजपा पर संयम लोढ़ा का पलटवार
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Published : Mar 2, 2022, 6:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बजट बहस के दौरान (Budget Debate in Rajasthan Assembly) संयम लोढ़ा ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पिछली भाजपा सरकार पर जमकर मिशाना साधा. मामला राजवेस्ट कंपनी से जुड़ा हुआ है. संयम लोढ़ा ने कहा कि सदन में राजेंद्र राठौड़ कांग्रेस सरकार पर 5 करोड़ का चंदा लेने का आरोप लगाते हुए लिग्नाइट खनन के अंदर जो कंपनी थी, उसकी वसूली नहीं करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन यह आरोप तथ्यहीन है.

निर्दलीय विधायक लोढ़ा ने कहा कि साल 2003 से 08 के बीच प्रदेश में भाजपा की वसुंधरा सरकार थी और तब आरोप लगाने वाले राठौड़ और सामने बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया दोनों ही मंत्री थे. लोढ़ा ने कहा कि उस समय 13 नवंबर 2006 को भारत सरकार ने कपूर डी और जालिया ब्लॉक को लिग्नाइट के लिए आरएसएमएम के पक्ष में आवंटित किया और बाद में यह एक संयुक्त उपक्रम बना, जिसमें 51 फीसदी भागीदारी आरएसएमएम और 9 प्रतिशत भागीदारी राजवेस्ट कंपनी के पास रही.

संयम लोढ़ा ने क्या कहा, सुनिए...

संयम लोढ़ा ने कहा कि इस कंपनी को चाहे खनन का पट्टा जारी करना हो या सरकार के साथ कोई एग्रीमेंट हस्ताक्षर करना हो, यह सब घटनाएं भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही हुईं और इन सबके डॉक्यूमेंट मैं टेबल करूंगा. संयम लोढ़ा ने कहा कि जालिया ब्लॉक का पट्टा भी 25 मई 2015 को अनुबंधित हुआ और तब भी प्रदेश में सरकार भाजपा की थी. तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस संबंध में तीन बार केंद्र सरकार को भी पत्र लिखे गए, लेकिन जब केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी तब राजस्थान की तत्कालीन भाजपा सरकार ने पट्टा हस्तांतरण की संविदा का पंजीयन कर दिया.

पढ़ें : Rajasthan Assembly: किसानों के 164 करोड़ रुपये अब तक अटके पड़े, सरकार ने माना बीमा कम्पनी ने रोके पैसे...दो सवाल स्पीकर ने किए स्थगित

संयम लोढ़ा ने कहा कि इस कंपनी से 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन इस कंपनी से मिलने वाले कोयले से हो रहे हैं और जो भी प्रक्रिया (Discussion on Rajwest Company in Rajasthan Vidhan Sabha) अपनाई गई है वो राजस्थान के हित में अपनाई गई है. ऐसे में कांग्रेस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.

राठौड़ ने कहा- आप धन्ना सेठों को बचाने की वकालत कर रहे हैं, लोढ़ा ने कहा- कमजोर आदमी ही चिल्लाता है : सदन में जब विधायक संयम लोढ़ा ने इस मामले में पिछली वसुंधरा राजे सरकार और भाजपा पर आरोप लगाए तो सामने बैठे प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इसका विरोध किया. राठौड़ ने यह भी कहा कि (Rajendra Rathore Targeted Sanyam Lodha) आप धन्ना सेठों को बचाने की वकालत कर रहे हो. मैं यह सिद्ध कर दूंगा कि 5 करोड़ का चंदा लेने के बाद ही कंपनी से सरकार ने वसूली रोकी.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Session: सदन में संयम लोढ़ा बोले- सीएम गहलोत को किसी की सलाह की जरूरत नहीं

राठौड़ ने यह भी कहा कि एजी की रिपोर्ट जो साल 2019 की है, उसमें साफ तौर पर लिखा है कि राजवेस्ट कंपनी से करोड़ों रुपये की वसूली की जाए, लेकिन नहीं की गई. हालांकि, इस दौरान संयम लोढ़ा ने कहा कि एजी का जो पैरा था वो साल 2016 का था.

भाजपा और कांग्रेस को मिले चंदे के आंकड़े भी सदन में गिनाए : संयम लोढ़ा ने अपने संबोधन के दौरान सदन में साल 2010-11 से लेकर साल 2019-20 तक भाजपा को जो चंदा मिला, उसके आंकड़े भी रखे और उसकी तुलना कांग्रेस को मिले चंदे से की गई. संयम लोढ़ा ने कहा कि साल 2010-11 में भाजपा को जहां 14 करोड़ राशि का चंदा मिला था, वहीं साल 2018-19 में यह चंदे की राशि 742 करोड़ और साल 2019-20 में यह राशि 785 करोड़ रुपये थी. संयम लोढ़ा ने कहा कि कांग्रेस को साल 2019-20 में 148 करोड़ का चंदा मिला तो वहीं साल 2019-20 के बीच मिलने वाले चंदे की राशि 139 करोड़ रुपये थी.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बजट बहस के दौरान (Budget Debate in Rajasthan Assembly) संयम लोढ़ा ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पिछली भाजपा सरकार पर जमकर मिशाना साधा. मामला राजवेस्ट कंपनी से जुड़ा हुआ है. संयम लोढ़ा ने कहा कि सदन में राजेंद्र राठौड़ कांग्रेस सरकार पर 5 करोड़ का चंदा लेने का आरोप लगाते हुए लिग्नाइट खनन के अंदर जो कंपनी थी, उसकी वसूली नहीं करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन यह आरोप तथ्यहीन है.

निर्दलीय विधायक लोढ़ा ने कहा कि साल 2003 से 08 के बीच प्रदेश में भाजपा की वसुंधरा सरकार थी और तब आरोप लगाने वाले राठौड़ और सामने बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया दोनों ही मंत्री थे. लोढ़ा ने कहा कि उस समय 13 नवंबर 2006 को भारत सरकार ने कपूर डी और जालिया ब्लॉक को लिग्नाइट के लिए आरएसएमएम के पक्ष में आवंटित किया और बाद में यह एक संयुक्त उपक्रम बना, जिसमें 51 फीसदी भागीदारी आरएसएमएम और 9 प्रतिशत भागीदारी राजवेस्ट कंपनी के पास रही.

संयम लोढ़ा ने क्या कहा, सुनिए...

संयम लोढ़ा ने कहा कि इस कंपनी को चाहे खनन का पट्टा जारी करना हो या सरकार के साथ कोई एग्रीमेंट हस्ताक्षर करना हो, यह सब घटनाएं भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही हुईं और इन सबके डॉक्यूमेंट मैं टेबल करूंगा. संयम लोढ़ा ने कहा कि जालिया ब्लॉक का पट्टा भी 25 मई 2015 को अनुबंधित हुआ और तब भी प्रदेश में सरकार भाजपा की थी. तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस संबंध में तीन बार केंद्र सरकार को भी पत्र लिखे गए, लेकिन जब केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी तब राजस्थान की तत्कालीन भाजपा सरकार ने पट्टा हस्तांतरण की संविदा का पंजीयन कर दिया.

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संयम लोढ़ा ने कहा कि इस कंपनी से 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन इस कंपनी से मिलने वाले कोयले से हो रहे हैं और जो भी प्रक्रिया (Discussion on Rajwest Company in Rajasthan Vidhan Sabha) अपनाई गई है वो राजस्थान के हित में अपनाई गई है. ऐसे में कांग्रेस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.

राठौड़ ने कहा- आप धन्ना सेठों को बचाने की वकालत कर रहे हैं, लोढ़ा ने कहा- कमजोर आदमी ही चिल्लाता है : सदन में जब विधायक संयम लोढ़ा ने इस मामले में पिछली वसुंधरा राजे सरकार और भाजपा पर आरोप लगाए तो सामने बैठे प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इसका विरोध किया. राठौड़ ने यह भी कहा कि (Rajendra Rathore Targeted Sanyam Lodha) आप धन्ना सेठों को बचाने की वकालत कर रहे हो. मैं यह सिद्ध कर दूंगा कि 5 करोड़ का चंदा लेने के बाद ही कंपनी से सरकार ने वसूली रोकी.

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राठौड़ ने यह भी कहा कि एजी की रिपोर्ट जो साल 2019 की है, उसमें साफ तौर पर लिखा है कि राजवेस्ट कंपनी से करोड़ों रुपये की वसूली की जाए, लेकिन नहीं की गई. हालांकि, इस दौरान संयम लोढ़ा ने कहा कि एजी का जो पैरा था वो साल 2016 का था.

भाजपा और कांग्रेस को मिले चंदे के आंकड़े भी सदन में गिनाए : संयम लोढ़ा ने अपने संबोधन के दौरान सदन में साल 2010-11 से लेकर साल 2019-20 तक भाजपा को जो चंदा मिला, उसके आंकड़े भी रखे और उसकी तुलना कांग्रेस को मिले चंदे से की गई. संयम लोढ़ा ने कहा कि साल 2010-11 में भाजपा को जहां 14 करोड़ राशि का चंदा मिला था, वहीं साल 2018-19 में यह चंदे की राशि 742 करोड़ और साल 2019-20 में यह राशि 785 करोड़ रुपये थी. संयम लोढ़ा ने कहा कि कांग्रेस को साल 2019-20 में 148 करोड़ का चंदा मिला तो वहीं साल 2019-20 के बीच मिलने वाले चंदे की राशि 139 करोड़ रुपये थी.

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