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ACB ने परिवहन विभाग में दलालों के जरिए डरा-धमकाकर मासिक बंधी वसूलने का किया बड़ा खुलासा, 1 करोड़ 20 लाख रुपए बरामद

एसीबी ने रविवार को वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर मासिक बंधी वसूलने का खुलासा किया है. एसीबी ने परिवहन निरीक्षक को दलाल से 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एसीबी के सर्च अभियान में अब तक करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए नगद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और दलालों के पास से रिश्वत लेनदेन की सूचियों सहित अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद हुए हैं. फिलहाल एसीबी की कार्रवाई जारी है.

जयपुर में एसीबी कार्रवाई, ACB action in Jaipur
जयपुर में एसीबी की कार्रवाई
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Published : Feb 17, 2020, 12:08 AM IST

जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रविवार को परिवहन विभाग में दलालों के जरिए वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर मासिक बंधी वसूलने का बड़ा खुलासा किया है. एसीबी ने परिवहन निरीक्षक को दलाल से 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. साथ ही दलाल के पास से अन्य अधिकारियों को बंधी देने के लिए रखे एक लाख 20 हजार रुपए भी जब्त किए गए.

जयपुर में एसीबी की कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक एसीबी की ओर से परिवहन विभाग के 7 अधिकारियों और 9 दलालों को गिरफ्तार किया गया है. एसीबी के सर्च अभियान में अबतक करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए नगद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और दलालों के पास से रिश्वत लेनदेन की सूचियों सहित अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद हुए हैं. फिलहाल एसीबी की कार्रवाई जारी है.

पढ़ें- जोधपुर: ACB के शिकंजे में कॉलेज संचालक, 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया, कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से दलालों के जरिए वाहन मालिकों को डरा धमकाकर मासिक बंधी लेने के रूप में रिश्वत राशि प्राप्त करने की सूचना मिली थी. इस पर मुख्यालय स्तर पर गोपनीय सत्यापन किया गया.

वहीं, संदिग्ध आरोपियों के गोपनीय रूप से किए गए सत्यापन में सामने आया, कि परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से दलालों के जरिए कमर्शियल वाहनों और बसों को चलाए जाने के लिए वाहन संचालकों को धमकियां देकर प्रति माह रिश्वत राशि मासिक बंधी के रूप में नियमित रूप से ली जा रही है.

त्रिपाठी ने बताया, कि सत्यापन के बाद तकनीकी और मानवीय निगरानी भी की गई. इसी क्रम में तनुश्री लॉजिस्टिक और अन्य मध्यस्थ दलालों की ओर से 16 फरवरी को फरवरी महीने की मासिक बंधी के रूप में परिवहन अधिकारियों को रिश्वत राशि का भुगतान किए जाने की संभावना थी. इस पर एसीबी मुख्यालय से महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशानुसार अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन की ओर से करीब 15 टीमों का गठन कर परिवहन विभाग में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया.

पढ़ें- हिमाचल प्रदेश से जयपुर लाकर अवैध चरस की सप्लाई, 2 आरोपी गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक कार्रवाई के दौरान परिवहन निरीक्षक उदयवीर सिंह को दलाल मनीष मिश्रा की ओर से 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और मनीष मिश्रा के पास से अन्य अधिकारियों को मासिक बंधी देने के लिए रखे एक लाख 20 हजार रुपए भी जब्त किए गए.

इस बड़े पैमाने पर प्राइवेट दलालों के जरिए वाहनों की सूची बनाकर उनकी मासिक बंदी प्राप्त की जा रही थी और उसे परिवहन विभाग के अधिकारियों को पहुंचाया जा रहा था. इस क्रम में परिवहन विभाग के अधिकारी डीटीओ शाहजहांपुर गजेंद्र सिंह, डीटीओ चौमू विनय बंसल, डीटीओ मुख्यालय महेश शर्मा, परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, उदयवीर सिंह, आलोक बुडानिया, नवीन जैन और रतनलाल को निरुद्ध कर इनके निवास की तलाशी ली जा रही है.

फिलहाल एसीबी की कार्रवाई जारी है. एसीबी की ओर से चलाए जा रहे सर्च अभियान के दौरान बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है.

जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रविवार को परिवहन विभाग में दलालों के जरिए वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर मासिक बंधी वसूलने का बड़ा खुलासा किया है. एसीबी ने परिवहन निरीक्षक को दलाल से 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. साथ ही दलाल के पास से अन्य अधिकारियों को बंधी देने के लिए रखे एक लाख 20 हजार रुपए भी जब्त किए गए.

जयपुर में एसीबी की कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक एसीबी की ओर से परिवहन विभाग के 7 अधिकारियों और 9 दलालों को गिरफ्तार किया गया है. एसीबी के सर्च अभियान में अबतक करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए नगद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और दलालों के पास से रिश्वत लेनदेन की सूचियों सहित अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद हुए हैं. फिलहाल एसीबी की कार्रवाई जारी है.

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एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया, कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से दलालों के जरिए वाहन मालिकों को डरा धमकाकर मासिक बंधी लेने के रूप में रिश्वत राशि प्राप्त करने की सूचना मिली थी. इस पर मुख्यालय स्तर पर गोपनीय सत्यापन किया गया.

वहीं, संदिग्ध आरोपियों के गोपनीय रूप से किए गए सत्यापन में सामने आया, कि परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से दलालों के जरिए कमर्शियल वाहनों और बसों को चलाए जाने के लिए वाहन संचालकों को धमकियां देकर प्रति माह रिश्वत राशि मासिक बंधी के रूप में नियमित रूप से ली जा रही है.

त्रिपाठी ने बताया, कि सत्यापन के बाद तकनीकी और मानवीय निगरानी भी की गई. इसी क्रम में तनुश्री लॉजिस्टिक और अन्य मध्यस्थ दलालों की ओर से 16 फरवरी को फरवरी महीने की मासिक बंधी के रूप में परिवहन अधिकारियों को रिश्वत राशि का भुगतान किए जाने की संभावना थी. इस पर एसीबी मुख्यालय से महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशानुसार अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन की ओर से करीब 15 टीमों का गठन कर परिवहन विभाग में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया.

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जानकारी के मुताबिक कार्रवाई के दौरान परिवहन निरीक्षक उदयवीर सिंह को दलाल मनीष मिश्रा की ओर से 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और मनीष मिश्रा के पास से अन्य अधिकारियों को मासिक बंधी देने के लिए रखे एक लाख 20 हजार रुपए भी जब्त किए गए.

इस बड़े पैमाने पर प्राइवेट दलालों के जरिए वाहनों की सूची बनाकर उनकी मासिक बंदी प्राप्त की जा रही थी और उसे परिवहन विभाग के अधिकारियों को पहुंचाया जा रहा था. इस क्रम में परिवहन विभाग के अधिकारी डीटीओ शाहजहांपुर गजेंद्र सिंह, डीटीओ चौमू विनय बंसल, डीटीओ मुख्यालय महेश शर्मा, परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, उदयवीर सिंह, आलोक बुडानिया, नवीन जैन और रतनलाल को निरुद्ध कर इनके निवास की तलाशी ली जा रही है.

फिलहाल एसीबी की कार्रवाई जारी है. एसीबी की ओर से चलाए जा रहे सर्च अभियान के दौरान बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है.

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