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ग्रेटर निगम आयुक्त से अभद्रता का मामला: महापौर सौम्या गुर्जर के जमानत-मुचलके छह माह तक रखें प्रभावी-कोर्ट - ETV Bharat Rajasthan News

अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र देव सिंह से अभद्रता के मामले में निचली अदालत को निर्देश दिए हैं. अदालत ने ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वह मामले में महापौर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते समय जो जमानत व मुचलके निरस्त करने संबंधी आदेश दिया गया था, उसमें संशोधन कर सौम्या के जमानत व मुचलके आगामी छह माह तक प्रभावी रखने के संबंध में आदेश जारी (hearing of Mayour Somya Gurjar case) करे.

hearing of Mayour Somya Gurjar case
महापौर सौम्या गुर्जर के जमानत-मुचलके छह माह तक रखें प्रभावी-कोर्ट
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Published : Apr 20, 2022, 8:00 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र देव सिंह से अभद्रता के मामले में निचली अदालत को निर्देश दिए हैं. अदालत ने ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वह मामले में सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते समय जो जमानत व मुचलके निरस्त करने संबंधी आदेश दिया गया था, उसमें संशोधन कर सौम्या गुर्जर के जमानत व मुचलके आगामी छह माह तक प्रभावी रखने के संबंध में आदेश जारी करे.

अदालत ने निचली अदालत का मूल रिकॉर्ड तलब करते हुए कहा है कि यदि प्रकरण में 23 जून, 2022 तक रिवीजन याचिकाओं का निस्तारण नहीं हो पाता है, तो अदालत पत्रावली ट्रायल कोर्ट के समक्ष भिजवाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर सकेगा. अदालत ने यह आदेश यज्ञ मित्र देव सिंह की रिवीजन याचिका पर (Revision petition against Soumya Gurjar) दिए. सुनवाई के दौरान यज्ञ मित्र की ओर से स्टे प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि रिवीजन याचिका की सुनवाई के दौरान सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने और उसके जमानत मुचलके निरस्त करने के आदेश की क्रियान्विति स्थगित की जाए.

पढ़ें: निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में आरोप मुक्त हुई मेयर सौम्या गुर्जर से कोर्ट ने मांगा जवाब

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट को सीआरपीसी की धारा 437ए के तहत सौम्या गुर्जर को अपीलीय न्यायालय में उपस्थिति के लिए उसके जमानत मुचलके लेने चाहिए थे या पूर्व में पेश जमानत मुचलके की अवधि छह माह बढ़ानी चाहिए थी. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने सौम्या गुर्जर की उपस्थिति के संबंध में जमानत मुचलके निरस्त कर दिए. गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञ मित्र ने गत 4 जून को ज्योति नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की.

पढ़ें: मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने के खिलाफ रिविजन अर्जी पेश, आरोपी पार्षदों ने भी दायर की अर्जी

घटना के बाद राज्य सरकार ने सौम्या को मेयर पद से निलंबित कर दिया था. वहीं बाद में सौम्या को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनका निलंबन बहाल हुआ था. वहीं पुलिस ने सौम्या सहित चार पार्षदों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या को आरोप मुक्त करते हुए पार्षदों पर आरोप तय किए थे. इस आदेश को राज्य सरकार, यज्ञ मित्र और पार्षदों ने रिवीजन याचिका के जरिए चुनौती दी है.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र देव सिंह से अभद्रता के मामले में निचली अदालत को निर्देश दिए हैं. अदालत ने ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वह मामले में सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते समय जो जमानत व मुचलके निरस्त करने संबंधी आदेश दिया गया था, उसमें संशोधन कर सौम्या गुर्जर के जमानत व मुचलके आगामी छह माह तक प्रभावी रखने के संबंध में आदेश जारी करे.

अदालत ने निचली अदालत का मूल रिकॉर्ड तलब करते हुए कहा है कि यदि प्रकरण में 23 जून, 2022 तक रिवीजन याचिकाओं का निस्तारण नहीं हो पाता है, तो अदालत पत्रावली ट्रायल कोर्ट के समक्ष भिजवाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर सकेगा. अदालत ने यह आदेश यज्ञ मित्र देव सिंह की रिवीजन याचिका पर (Revision petition against Soumya Gurjar) दिए. सुनवाई के दौरान यज्ञ मित्र की ओर से स्टे प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि रिवीजन याचिका की सुनवाई के दौरान सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने और उसके जमानत मुचलके निरस्त करने के आदेश की क्रियान्विति स्थगित की जाए.

पढ़ें: निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में आरोप मुक्त हुई मेयर सौम्या गुर्जर से कोर्ट ने मांगा जवाब

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट को सीआरपीसी की धारा 437ए के तहत सौम्या गुर्जर को अपीलीय न्यायालय में उपस्थिति के लिए उसके जमानत मुचलके लेने चाहिए थे या पूर्व में पेश जमानत मुचलके की अवधि छह माह बढ़ानी चाहिए थी. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने सौम्या गुर्जर की उपस्थिति के संबंध में जमानत मुचलके निरस्त कर दिए. गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञ मित्र ने गत 4 जून को ज्योति नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की.

पढ़ें: मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने के खिलाफ रिविजन अर्जी पेश, आरोपी पार्षदों ने भी दायर की अर्जी

घटना के बाद राज्य सरकार ने सौम्या को मेयर पद से निलंबित कर दिया था. वहीं बाद में सौम्या को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनका निलंबन बहाल हुआ था. वहीं पुलिस ने सौम्या सहित चार पार्षदों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या को आरोप मुक्त करते हुए पार्षदों पर आरोप तय किए थे. इस आदेश को राज्य सरकार, यज्ञ मित्र और पार्षदों ने रिवीजन याचिका के जरिए चुनौती दी है.

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