जयपुर. राजधानी के गाडोता स्थित एसडीआरएफ के नवनिर्मित बटालियन के मुख्यालय को डीसीपी एमएल लाठर ने विजिट किया. जहां पहले एसडीआरएफ के जवानों ने पुलिस महानिदेशक को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. मुख्य भवन पर जवानों ने ध्वस्त संरचना खोज और बचाव, रस्सी द्वारा बचाव और प्राथमिक चिकित्सा उपचार से संबंधित लाईव डेमोट्रेशन भी दिया.
इस मौके पर डीजीपी मोहनलाल लाठर ने आपदा प्रबंधन में काम आने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया. प्रदर्शनी में अभी हाल ही में राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग से आवंटित बजट और पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत आवंटित बजट से खरीदे गए नए उपकरणों को भी प्रदर्शित किया गया. वहीं प्रदर्शनी के बाद जवानों की संपर्क सभा भी हुई. जिसमें पुलिस महकमे के मुखिया ने संबोधित किया.
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इस संपर्क सभा में पुलिस महानिदेशक ने अपने संबोधन में जवानों का आह्वान करते हुए आपदा प्रबंधन राहत कार्य के लिए बधाई दी. एसडीआरएफ में नए तकनीकी प्रशिक्षणों को शामिल करने के लिए कहा गया और सभी प्रकार की ड्यूटी के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने के निर्देश दिए. पुलिस महानिदेशक ने जवानों की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि कुछ समय पहले एसडीआरएफ परिसर पूरा जंगल था, लेकिन एसडीआरएफ के कमांडेंट और अधिकारियों ने कम समय में बटालियन परिसर को बहुत ही अच्छा विकसित किया है, जो आने वाले 5 वर्षों में हरा भरा स्वच्छ परिसर होगा.
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डीसीपी एमएल लाठर ने एसडीआरएफ के जवान को किसी भी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने और रेस्क्यू टीमें को हर दिन अलर्ट रहने, सभी कार्मिक अपने फिटनेस का ध्यान रखें और एसडीआरएफ के जवानों का प्रशिक्षण और उपकरणों का संचालन रो लिए एक शेड्यूल तैयार कर नियमित अभ्यास करवाया जाने के निर्देश भी दिए. इसके बाद पुलिस के जवानों कि सरहना करते हुए अन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस के जवानों ने विभिन्न प्रकार के खेलों में विभाग का नाम ऊंचा किया है. भविष्य में खेलों को और अधिक विकसित किया जाएगा.