जयपुर. राजधानी जयपुर में आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई जारी है. आयकर छापों में मिली एंटीक आइटम और बेशकीमती ज्वेलरी से जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. आयकर के छापों पर अब डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस यानी डीजीजीआई की भी पैनी नजर है. एंटीक और बेशकीमती ज्वेलरी के मामले में डीजीजीआई जांच करेगी. डीजीजीआई आयकर विभाग से सभी ज्वेलरी की रिपोर्ट मांग सकती है. अगर जीएसटी कानूनों का उल्लंघन पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.
एंटीक आइटम और ज्वेलरी के क्रेता और विक्रेताओं से भी डीजीजीआई पूछताछ कर सकती है. आयकर की कार्रवाई में जेम्स एंड ज्वेलर्स कारोबारी के ठिकानों पर एंटीक आइटम और बेशकीमती ज्वेलरी भारी मात्रा में मिली है. डीजीजीआई एंटीक आइटम्स मिलने के बाद जेम्स एंड ज्वेलरी, प्रिसियस एंड सेमी प्रिसियस स्टोन के अवैध धंधों पर कार्रवाई कर सकती है. डीजीजीआई के एडीजी राजेंद्र कुमार के मुताबिक जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ एंटीक आइटम्स जीएसटी के दायरे में आते हैं, डीजीजीआई कारोबारी समूह के ठिकानों पर जांच कर सकती है.
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आयकर विभाग ने सिल्वर आर्ट ग्रुप, चोरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई के दौरान तीनों समूह के ठिकानों पर करीब 2000 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है. प्रदेश में आयकर विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. आयकर विभाग ने तीनों कारोबारी समूहों के 28 ठिकानों पर कार्रवाई की है. कार्रवाई के दौरान पता चला कि कारोबारियों ने सुरंग में करोड़ों रुपए की ज्वेलरी, एंटीक आइटम और अन्य सामान समेत संपत्ति के दस्तावेजों को छुपा रखा था.
हैंडीक्राफ्ट एवं ज्वैलर कारोबारी के ठिकाने पर मिली सुरंग में लगातार करोड़ों रुपए की अघोषित आय का खुलासा हो रहा है. करीब 700 करोड़ रुपए की काली कमाई का सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग में से खुलासा हुआ है. रियल स्टेट ग्रुप के लगभग 1000 करोड़ के अघोषित लेनदेन का भी खुलासा हुआ है. कारोबारियों के ठिकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए हैं. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर छापेमारी कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि एंटीक और आर्ट के नाम पर पर्यटकों को 5 से 10 गुना कीमत तक सामान बेचा गया है. आयकर को कीमती पत्थर, आभूषण, प्राचीन वस्तुएं, हस्तशिल्प, कालीन वस्त्र जैसे कई सामान मिले हैं.
अघोषित काली और ज्यादा कमाई के बढ़ने की उम्मीद है. आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई के दौरान दिन प्रतिदिन करोड़ों रुपए का हिसाब मिल रहा है. आयकर विभाग को अरबों रुपए के लेन-देन की सूची भी मिली है. जिसके आधार पर प्रदेश में कई बड़े कारोबारी, बिजनेसमैन, फाइनेंस, ब्रोकर, हवाला कारोबारी और राजनेता भी आयकर विभाग की रडार पर हैं.