जयपुर. राजधानी के सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में अल सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ता हुआ नजर आया. इस मंदिर की काफी मान्यताएं हैं और भक्तों की आस्था का केंद्र है. दूरदराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए भगवान भोलेनाथ के दरबार में पहुंचे. भक्तों ने हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे लगाए.
भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक कर बेर, गाजर, फूल, फल सहित कई सामग्रियां अर्पित कर पूजा अर्चना की. भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर सभी ने अपने मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना की. सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर काफी प्राचीन है. इस मंदिर की मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के दरबार में आने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
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वहीं मंदिर में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया. दर्शन के लिए आने वाली वस्तुओं को मास्क लगाना अनिवार्य रखा. जिन भक्तों के पास मास्क उपलब्ध नहीं था. उन्हें मंदिर प्रशासन की ओर से निशुल्क मास्क के वितरित किए गए. कुकस स्थित सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में अष्ट धातु से बनी भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा विराजमान है. जिसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं. यानी भगवान भोलेनाथ के 12 स्वरूप यहां देखने को मिलते हैं. मंदिर का निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था. इससे पहले छोटा मंदिर बना हुआ था जिसका 2002 में निर्माण करवाया गया. इस मंदिर की मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के दरबार में पूजा अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
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सदाशिव ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव मंदिर में नन्हे-मुन्ने बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी भगवान भोलेनाथ के दरबार में अलसुबह से ही अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचे, जहां पर सभी ने पूजा अर्चना कर भगवान भोलेनाथ से अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए प्रार्थना की. कई युवा अपने विवाह को लेकर भगवान भोलेनाथ के दरबार में मनोकामना लेकर पहुंचे, तो कई संतान प्राप्ति के लिए मनोकामना लेकर पहुंचे. वहीं कई भक्त अपने शारीरिक दुखों का निवारण करने के लिए भी भगवान भोलेनाथ के दरबार में प्रार्थना करने पहुंचे.