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शिक्षा विभाग में तबादले : स्थानांतरण में मनमर्जी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच तबादला नीति की मांग तेज

राजस्थान में तबादलों को लेकर सियासत का दौर चल रहा है. शिक्षक संगठनों ने तबादला नीति की मांग तेज कर दी है. शिक्षक नेताओं ने तबादलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं.

शिक्षा विभाग में तबादले
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Published : Aug 23, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 10:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान में शिक्षा विभाग में तबादलों के दौर के दौर के साथ तबादला नीति पर भी बहस तेज हो गई है. इसके साथ ही स्कूल व्याख्याता और शिक्षक ग्रेड-2 की तबादला सूचियां जारी होने के बाद अब शिक्षक ग्रेड-3, प्रबोधक, शारीरिक शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक और पुस्तकालयाध्यक्ष के तबादलों के लिए भी ऑनलाइन आवेदन चल रहे हैं. तबादलों को लेकर राजस्थान में सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

एक तरफ चूरू विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे रफीक मंडेलिया का शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को लिखा एक पत्र वायरल हो रहा है. तो दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों ने तबादला नीति बनाने और इसे लागू कर इसी के आधार पर तबादले करने की मांग तेज कर दी है. शिक्षकों के लिए तबादला नीति कांग्रेस का चुनावी मुद्दा था. लेकिन सरकार में आने के बाद कांग्रेस ने इसे लेकर कोई खास कवायद नहीं की. पिछले दिनों स्कूल व्याख्याता और शिक्षक ग्रेड-2 के तबादलों में मनमर्जी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग का कहना है कि तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण करने शुरू कर दिए हैं. लेकिन स्थानांतरण नीति लागू नहीं की है. जबकि उनके संगठन लंबे समय से तबादला नीति लागू करने की मांग कर रहा है. उनका कहना है कि सरकार ने तबादला नीति लागू करने का वादा किया था. शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने इस बारे में कई बार आश्वासन दिया है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी शिक्षक तबादला नीति चाहते हैं. शिक्षक संघ शेखावत भी शिक्षकों की इस मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है. यह आम चर्चा है कि शिक्षकों के तबादले के लिए दो लाख रुपए लिए गए हैं. यह सब किसके माध्यम से और कैसे हुआ. यह अलग बात है और सरकार के लिए जांच का मुद्दा है. लेकिन हकीकत यह है कि तबादलों के लिए शिक्षकों ने रुपए दिए हैं.

पढ़ें- वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में छिड़ी सियासत: प्रीति शक्तावत को टिकट देने के विरोध में उतरे देवेंद्र शक्तावत

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री यदि चाहते हैं कि इस तरह के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और शिक्षकों को न्याय मिले तो हमारी मांग है कि शिक्षकों के लिए तुरंत तबादला नीति लागू की जाए. इसी के आधार पर सभी संवर्गों के तबादले किए जाएं.

टीएसपी क्षेत्र में लगे नॉन टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के भी हों तबादले

महावीर सिहाग का कहना है कि टीएसपी क्षेत्र में लगे शिक्षकों के तबादले का मामला बड़ा मुद्दा है. वहां के स्थानीय लोग भी चाहते हैं कि बाहर के लोगों को वहां से हटाया जाए और ऐसे इलाकों में लगे शिक्षक भी चाहते हैं कि उनका तबादला हो. फिर भी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए टीएसपी क्षेत्र में लगे नॉन टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के भी तबादले होने चाहिएं.

तबादलों से पहले तबादला सूची जारी करने के आरोप

शिक्षक ग्रेड-3 के साथ ही प्रयोगशाला सहायक और पुस्तकालयाध्यक्ष के तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हुई थी. लेकिन निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-3 और प्रयोगशाला सहायक ग्रेड-3 की तबादला सूचियां पहले ही जारी कर दी गई. ये सूचियां 14 अगस्त को जारी की गई थी.

ऐसे में भले ही सरकार और शिक्षा मंत्री पारदर्शिता के आधार पर निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत तबादले करने के दावे कर रहे हैं. लेकिन यह आरोप कहीं न कहीं इन दावों की पोल खोलते दिख रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान में शिक्षा विभाग में तबादलों के दौर के दौर के साथ तबादला नीति पर भी बहस तेज हो गई है. इसके साथ ही स्कूल व्याख्याता और शिक्षक ग्रेड-2 की तबादला सूचियां जारी होने के बाद अब शिक्षक ग्रेड-3, प्रबोधक, शारीरिक शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक और पुस्तकालयाध्यक्ष के तबादलों के लिए भी ऑनलाइन आवेदन चल रहे हैं. तबादलों को लेकर राजस्थान में सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

एक तरफ चूरू विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे रफीक मंडेलिया का शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को लिखा एक पत्र वायरल हो रहा है. तो दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों ने तबादला नीति बनाने और इसे लागू कर इसी के आधार पर तबादले करने की मांग तेज कर दी है. शिक्षकों के लिए तबादला नीति कांग्रेस का चुनावी मुद्दा था. लेकिन सरकार में आने के बाद कांग्रेस ने इसे लेकर कोई खास कवायद नहीं की. पिछले दिनों स्कूल व्याख्याता और शिक्षक ग्रेड-2 के तबादलों में मनमर्जी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग का कहना है कि तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण करने शुरू कर दिए हैं. लेकिन स्थानांतरण नीति लागू नहीं की है. जबकि उनके संगठन लंबे समय से तबादला नीति लागू करने की मांग कर रहा है. उनका कहना है कि सरकार ने तबादला नीति लागू करने का वादा किया था. शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने इस बारे में कई बार आश्वासन दिया है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी शिक्षक तबादला नीति चाहते हैं. शिक्षक संघ शेखावत भी शिक्षकों की इस मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है. यह आम चर्चा है कि शिक्षकों के तबादले के लिए दो लाख रुपए लिए गए हैं. यह सब किसके माध्यम से और कैसे हुआ. यह अलग बात है और सरकार के लिए जांच का मुद्दा है. लेकिन हकीकत यह है कि तबादलों के लिए शिक्षकों ने रुपए दिए हैं.

पढ़ें- वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में छिड़ी सियासत: प्रीति शक्तावत को टिकट देने के विरोध में उतरे देवेंद्र शक्तावत

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री यदि चाहते हैं कि इस तरह के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और शिक्षकों को न्याय मिले तो हमारी मांग है कि शिक्षकों के लिए तुरंत तबादला नीति लागू की जाए. इसी के आधार पर सभी संवर्गों के तबादले किए जाएं.

टीएसपी क्षेत्र में लगे नॉन टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के भी हों तबादले

महावीर सिहाग का कहना है कि टीएसपी क्षेत्र में लगे शिक्षकों के तबादले का मामला बड़ा मुद्दा है. वहां के स्थानीय लोग भी चाहते हैं कि बाहर के लोगों को वहां से हटाया जाए और ऐसे इलाकों में लगे शिक्षक भी चाहते हैं कि उनका तबादला हो. फिर भी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए टीएसपी क्षेत्र में लगे नॉन टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के भी तबादले होने चाहिएं.

तबादलों से पहले तबादला सूची जारी करने के आरोप

शिक्षक ग्रेड-3 के साथ ही प्रयोगशाला सहायक और पुस्तकालयाध्यक्ष के तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हुई थी. लेकिन निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-3 और प्रयोगशाला सहायक ग्रेड-3 की तबादला सूचियां पहले ही जारी कर दी गई. ये सूचियां 14 अगस्त को जारी की गई थी.

ऐसे में भले ही सरकार और शिक्षा मंत्री पारदर्शिता के आधार पर निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत तबादले करने के दावे कर रहे हैं. लेकिन यह आरोप कहीं न कहीं इन दावों की पोल खोलते दिख रहे हैं.

Last Updated : Aug 23, 2021, 10:27 PM IST
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