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SPECIAL: सावधान!..साइबर हैकर्स के निशाने पर कॉर्पोरेट सेक्टर, फॉरवर्डर के जरिए लगा रहे करोड़ों का चूना - Cyber ​​hacker

कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई विभिन्न कंपनियों को इन दिनों साइबर हैकर अपने निशाने पर ले रहे हैं. जिसका कंपनियों को पता भी नहीं चलता और उन्हें एक बार में ही लाखों का नुकसान हो जाता है. सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजस्थान में इन दिनों साइबर हैकर्स की ओर से की जा रही एक नई तरह की ठगी के बारे में जानकारी दी. देखिए पूरी रिपोर्ट...

Hacking in Corporate Sector, Cyber ​​security audit, IT Security Audit
फॉरवर्डर के जरिए ठगी की घटना
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Published : Jun 22, 2020, 4:15 PM IST

जयपुर. यदि आप कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े हुए हैं और दिन रात ई-मेल के जरिए कंपनी से जुड़े हुए महत्वपूर्ण डाटा, इन वॉइस, बिल भेजने या अन्य काम करते हैं, तो सावधान हो जाएं. यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. साइबर हैकर्स अब राजस्थान में कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई विभिन्न कंपनियों को एक नई तरीके से अपना शिकार बना रहे हैं.

कंपनियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उनकी प्रतिष्ठा को भी गिराने का काम हैकर्स कर रहे हैं. ताज्जुब की बात तो यह है कि कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई विभिन्न कंपनियों को उनके साथ होने वाली इस ठगी का अहसास भी नहीं होता है और जब उन्हें इस ठगी का पता चलता है, तब तक उन्हें काफी घाटा हो चुका होता है.

साइबर हैकर्स ठगी के लिए अपना रहे नए तरीके

राजस्थान की विभिन्न कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई कंपनियों के लिए आईटी सिक्योरिटी ऑडिट और साइबर सिक्योरिटी ऑडिट करने वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजस्थान में इन दिनों साइबर हैकर्स की ओर से की जा रही एक नई तरह की ठगी के बारे में जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- अजमेर: शातिर ठग ने पहले महिला को प्रेम जाल में फंसाया, फिर खाते से उड़ा दिए 16 लाख रुपये

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन ने बताया कि साइबर हैकर विभिन्न कॉर्पोरेट सेक्टर कंपनियों की ई-मेल पर फॉरवर्डर लगाकर ठगी की बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. राजस्थान में भी ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं. वहीं, लोगों की सूझबूझ के चलते भी साइबर हैकर अनेक वारदातों विफल भी हुए हैं.

Hacking in Corporate Sector, Cyber ​​security audit, IT Security Audit
फॉरवर्डर के जरिए ठगी का नया तरीका

क्या है मेल फॉरवर्डर

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि साइबर हैकर किसी भी कंपनी के ई-मेल आईडी में फॉरवर्डर लगाकर उस कंपनी की पूरी ई-मेल आईडी को अपनी ई-मेल आईडी पर फॉरवर्ड कर लेता है. ऐसा करने पर साइबर हैकर को कंपनी के ई-मेल अकाउंट पर आने वाली तमाम मेल प्राप्त हो जाती हैं और फिर मेल पर आने वाले कंपनी से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा, बिल या इन वॉइस को हैकर अपने अनुसार बदल सकता है.

Hacking in Corporate Sector, Cyber ​​security audit, IT Security Audit
साइबर हैकर्स के निशाने पर कॉर्पोरेट सेक्टर

कंपनी से जुड़े हुए क्लाइंट को हैकर इन वॉइस या बिल में खुद का बैंक अकाउंट लिखकर मेल कर सकता है और हैकर की ओर से की गई मेल कंपनी के ही ईमेल अकाउंट से क्लाइंट को प्राप्त होती है. ऐसे में क्लाइंट को भी कोई शक नहीं होता है और फिर वह हैकर की ओर से बताए गए बैंक अकाउंट में करोड़ों रुपये का ट्रांजैक्शन कर देता है.

ये भी पढ़ें- करोड़ो की धोखाधड़ी करने वाला साधू के भेष में गिरफ्तार, जयपुर पुलिस ने वृंदावन से किया दस्तयाब

ई-मेल सिक्योरिटी में लापरवाही साइबर हैकर को आमंत्रण

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि ई-मेल के सिक्योरिटी ऑप्शन में कंपनी की ओर से बरते जाने वाली लापरवाही के चलते ही साइबर हैकर बड़ी आसानी से कंपनियों की ईमेल आईडी को फॉरवर्डर लगाकर हैक कर लेते हैं. ई-मेल के सिक्योरिटी ऑप्शन में ऐसे कई विकल्प होते हैं जिसे जानकारी के अभाव के चलते कंपनी डिसेबल रखती है.

Cyber security expert sachin sharma, Hacking in Corporate Sector
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा

इसके साथ ही कंपनियों के सिस्टम में जो एंटीवायरस इंस्टॉल होता है, उसे भी डिसेबल रखा जाता है. जिसके चलते कंपनी का ई-मेल अकाउंट हाई रिस्क पर होता है और बड़ी आसानी से साइबर हैकर उसे हैक कर लेते हैं. राजधानी जयपुर की अनेक कंपनियों को साइबर हैकर की ओर से अब तक करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा चुका है. हालांकि कंपनियां अपना नाम खराब होने के डर के चलते उनके साथ होने वाली इस तरह की ठगी की वारदातों को सार्वजनिक नहीं होने देती हैं.

क्लाइंट की सूझबूझ के चलते साइबर हैकर के मंसूबों पर फिरा पानी

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि हाल ही में एक नामी कंपनी की ई-मेल पर फॉरवर्डर लगाकर साइबर हैकर ने उसे हैक कर लिया. इस दौरान कंपनी की ओर से विदेश में एक क्लाइंट को 38 लाख रुपये का एक इनवॉइस भेजा गया और इनवॉइस में कंपनी के बैंक खातों की जानकारी भेजी गई.

ये भी पढ़ें- चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स की बड़ी कार्रवाई...2 क्विंटल डोडा चूरा के साथ दो गिरफ्तार

कंपनी के ई-मेल से क्लाइंट को मेल होने के तुरंत बाद ही हैकर ने कंपनी के क्लाइंट को एक दूसरा मेल करते हुए नया इनवॉइस भेजा. जिसमें उसने खुद के बैंक अकाउंट की डिटेल भेजते हुए कंपनी की ओर से भेजे गए पहले इन वॉइस के स्थान पर दूसरे इन वॉइस में भेजे गए बैंक अकाउंट में पेमेंट जमा कराने को कहा.

हालांकि, क्लाइंट ने हैकर की ओर से भेजे गए बैंक खाते में पेमेंट जमा कराने से पहले कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क कर नए इनवॉइस और बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी ली. जिसके बाद कंपनी को उनका ई-मेल अकाउंट हैक होने का पता चला.

ऐसे बचें साइबर हैकर के निशाने से

साइबर सिक्योरिटी एक्सपोर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि साइबर हैकर की ओर से की जा रही इनवॉइस ठगी से बचने के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर और तमाम कंपनियों को ई-मेल सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही प्रत्येक कंप्यूटर सिस्टम में एंटीवायरस को डिसएबल ना कर इनेबल रखें. वहीं, पायरेटेड एंटीवायरस कंप्यूटर में इंस्टॉल ना करें, ऐसे पायरेटेड एंटीवायरस क्रैश हो जाते हैं और वह भी साइबर हैकर को बुलावा देते हैं.

जयपुर. यदि आप कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े हुए हैं और दिन रात ई-मेल के जरिए कंपनी से जुड़े हुए महत्वपूर्ण डाटा, इन वॉइस, बिल भेजने या अन्य काम करते हैं, तो सावधान हो जाएं. यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. साइबर हैकर्स अब राजस्थान में कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई विभिन्न कंपनियों को एक नई तरीके से अपना शिकार बना रहे हैं.

कंपनियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उनकी प्रतिष्ठा को भी गिराने का काम हैकर्स कर रहे हैं. ताज्जुब की बात तो यह है कि कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई विभिन्न कंपनियों को उनके साथ होने वाली इस ठगी का अहसास भी नहीं होता है और जब उन्हें इस ठगी का पता चलता है, तब तक उन्हें काफी घाटा हो चुका होता है.

साइबर हैकर्स ठगी के लिए अपना रहे नए तरीके

राजस्थान की विभिन्न कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़ी हुई कंपनियों के लिए आईटी सिक्योरिटी ऑडिट और साइबर सिक्योरिटी ऑडिट करने वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजस्थान में इन दिनों साइबर हैकर्स की ओर से की जा रही एक नई तरह की ठगी के बारे में जानकारी दी.

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साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन ने बताया कि साइबर हैकर विभिन्न कॉर्पोरेट सेक्टर कंपनियों की ई-मेल पर फॉरवर्डर लगाकर ठगी की बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. राजस्थान में भी ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं. वहीं, लोगों की सूझबूझ के चलते भी साइबर हैकर अनेक वारदातों विफल भी हुए हैं.

Hacking in Corporate Sector, Cyber ​​security audit, IT Security Audit
फॉरवर्डर के जरिए ठगी का नया तरीका

क्या है मेल फॉरवर्डर

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि साइबर हैकर किसी भी कंपनी के ई-मेल आईडी में फॉरवर्डर लगाकर उस कंपनी की पूरी ई-मेल आईडी को अपनी ई-मेल आईडी पर फॉरवर्ड कर लेता है. ऐसा करने पर साइबर हैकर को कंपनी के ई-मेल अकाउंट पर आने वाली तमाम मेल प्राप्त हो जाती हैं और फिर मेल पर आने वाले कंपनी से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा, बिल या इन वॉइस को हैकर अपने अनुसार बदल सकता है.

Hacking in Corporate Sector, Cyber ​​security audit, IT Security Audit
साइबर हैकर्स के निशाने पर कॉर्पोरेट सेक्टर

कंपनी से जुड़े हुए क्लाइंट को हैकर इन वॉइस या बिल में खुद का बैंक अकाउंट लिखकर मेल कर सकता है और हैकर की ओर से की गई मेल कंपनी के ही ईमेल अकाउंट से क्लाइंट को प्राप्त होती है. ऐसे में क्लाइंट को भी कोई शक नहीं होता है और फिर वह हैकर की ओर से बताए गए बैंक अकाउंट में करोड़ों रुपये का ट्रांजैक्शन कर देता है.

ये भी पढ़ें- करोड़ो की धोखाधड़ी करने वाला साधू के भेष में गिरफ्तार, जयपुर पुलिस ने वृंदावन से किया दस्तयाब

ई-मेल सिक्योरिटी में लापरवाही साइबर हैकर को आमंत्रण

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि ई-मेल के सिक्योरिटी ऑप्शन में कंपनी की ओर से बरते जाने वाली लापरवाही के चलते ही साइबर हैकर बड़ी आसानी से कंपनियों की ईमेल आईडी को फॉरवर्डर लगाकर हैक कर लेते हैं. ई-मेल के सिक्योरिटी ऑप्शन में ऐसे कई विकल्प होते हैं जिसे जानकारी के अभाव के चलते कंपनी डिसेबल रखती है.

Cyber security expert sachin sharma, Hacking in Corporate Sector
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा

इसके साथ ही कंपनियों के सिस्टम में जो एंटीवायरस इंस्टॉल होता है, उसे भी डिसेबल रखा जाता है. जिसके चलते कंपनी का ई-मेल अकाउंट हाई रिस्क पर होता है और बड़ी आसानी से साइबर हैकर उसे हैक कर लेते हैं. राजधानी जयपुर की अनेक कंपनियों को साइबर हैकर की ओर से अब तक करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा चुका है. हालांकि कंपनियां अपना नाम खराब होने के डर के चलते उनके साथ होने वाली इस तरह की ठगी की वारदातों को सार्वजनिक नहीं होने देती हैं.

क्लाइंट की सूझबूझ के चलते साइबर हैकर के मंसूबों पर फिरा पानी

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि हाल ही में एक नामी कंपनी की ई-मेल पर फॉरवर्डर लगाकर साइबर हैकर ने उसे हैक कर लिया. इस दौरान कंपनी की ओर से विदेश में एक क्लाइंट को 38 लाख रुपये का एक इनवॉइस भेजा गया और इनवॉइस में कंपनी के बैंक खातों की जानकारी भेजी गई.

ये भी पढ़ें- चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स की बड़ी कार्रवाई...2 क्विंटल डोडा चूरा के साथ दो गिरफ्तार

कंपनी के ई-मेल से क्लाइंट को मेल होने के तुरंत बाद ही हैकर ने कंपनी के क्लाइंट को एक दूसरा मेल करते हुए नया इनवॉइस भेजा. जिसमें उसने खुद के बैंक अकाउंट की डिटेल भेजते हुए कंपनी की ओर से भेजे गए पहले इन वॉइस के स्थान पर दूसरे इन वॉइस में भेजे गए बैंक अकाउंट में पेमेंट जमा कराने को कहा.

हालांकि, क्लाइंट ने हैकर की ओर से भेजे गए बैंक खाते में पेमेंट जमा कराने से पहले कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क कर नए इनवॉइस और बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी ली. जिसके बाद कंपनी को उनका ई-मेल अकाउंट हैक होने का पता चला.

ऐसे बचें साइबर हैकर के निशाने से

साइबर सिक्योरिटी एक्सपोर्ट सचिन शर्मा ने बताया कि साइबर हैकर की ओर से की जा रही इनवॉइस ठगी से बचने के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर और तमाम कंपनियों को ई-मेल सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही प्रत्येक कंप्यूटर सिस्टम में एंटीवायरस को डिसएबल ना कर इनेबल रखें. वहीं, पायरेटेड एंटीवायरस कंप्यूटर में इंस्टॉल ना करें, ऐसे पायरेटेड एंटीवायरस क्रैश हो जाते हैं और वह भी साइबर हैकर को बुलावा देते हैं.

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