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जयपुर : फेक वेबसाइट के जरिए साइबर ठग बना रहे लोगों को अपना शिकार - rajasthan

साइबर ठग इन दिनों फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने में लगे हुए हैं. साइबर ठग किसी भी वेबसाइट के यूआरएल से मिलते जुलते यूआरएल का प्रयोग कर फर्जी वेबसाइट बना रहे हैं और लोगों को बड़ी आसानी से अपने जाल में फंसा रहे हैं.

फेक वेबसाइट के जरिए साइबर ठग बना रहे लोगों को अपना शिकार
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Published : Jul 14, 2019, 3:10 PM IST

जयपुर. साइबर ठग किसी भी यूनिवर्सिटी, शॉपिंग वेबसाइट और प्रतियोगी परीक्षाएं कंडक्ट करवाने वाली संस्थाओं की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस तरह से ठगी का शिकार हुए लोगों में छात्रों की संख्या अधिक है जो ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भर रहे हैं.

फेक वेबसाइट के जरिए साइबर ठग बना रहे लोगों को अपना शिकार

ऐसे ही एक पीड़ित ने बताया कि उसने एक प्रतियोगी परीक्षा का फॉर्म भरा और उसका ऑनलाइन पेमेंट किया. जब परीक्षाओं की तारीख घोषित होने के बाद वेबसाइट पर प्रवेश पत्र अपलोड किए गए और पीड़ित ने अपना प्रवेश पत्र खोजा तो वह नहीं मिला. इस पर जब पीड़ित ने पता किया तो यह बात सामने आई कि उसके द्वारा भरा गया फॉर्म एक फर्जी वेबसाइट के जरिए भरवाया गया और उसका पेमेंट भी फर्जी तरीके से पेटीएम अकाउंट में जमा करवाया गया.

इस तरह से कई लोगों को साइबर ठग अपना शिकार बना चुके हैं. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट को सर्च करते वक्त उसके यूआरएल को अवश्य जांचे. यदि एक ही नाम की या किसी एक ही संस्थान की दो अलग-अलग वेबसाइट नजर आए तो उसकी रिपोर्ट करें. इंटरनेट पर सेफ सर्च करके ही साइबर ठगों की इस चाल से बचा जा सकता है.

बता दें कि इन दिनों फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी के अनेक मामले सामने आ रहे हैं और मामलों की पड़ताल के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है.

जयपुर. साइबर ठग किसी भी यूनिवर्सिटी, शॉपिंग वेबसाइट और प्रतियोगी परीक्षाएं कंडक्ट करवाने वाली संस्थाओं की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस तरह से ठगी का शिकार हुए लोगों में छात्रों की संख्या अधिक है जो ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भर रहे हैं.

फेक वेबसाइट के जरिए साइबर ठग बना रहे लोगों को अपना शिकार

ऐसे ही एक पीड़ित ने बताया कि उसने एक प्रतियोगी परीक्षा का फॉर्म भरा और उसका ऑनलाइन पेमेंट किया. जब परीक्षाओं की तारीख घोषित होने के बाद वेबसाइट पर प्रवेश पत्र अपलोड किए गए और पीड़ित ने अपना प्रवेश पत्र खोजा तो वह नहीं मिला. इस पर जब पीड़ित ने पता किया तो यह बात सामने आई कि उसके द्वारा भरा गया फॉर्म एक फर्जी वेबसाइट के जरिए भरवाया गया और उसका पेमेंट भी फर्जी तरीके से पेटीएम अकाउंट में जमा करवाया गया.

इस तरह से कई लोगों को साइबर ठग अपना शिकार बना चुके हैं. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट को सर्च करते वक्त उसके यूआरएल को अवश्य जांचे. यदि एक ही नाम की या किसी एक ही संस्थान की दो अलग-अलग वेबसाइट नजर आए तो उसकी रिपोर्ट करें. इंटरनेट पर सेफ सर्च करके ही साइबर ठगों की इस चाल से बचा जा सकता है.

बता दें कि इन दिनों फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी के अनेक मामले सामने आ रहे हैं और मामलों की पड़ताल के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है.

Intro:जयपुर
एंकर- साइबर ठग इन दिनों फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने में लगे हुए हैं। साइबर ठग किसी भी वेबसाइट के यूआरएल से मिलते जुलते यूआरएल का प्रयोग कर फर्जी वेबसाइट बना रहे हैं और लोगों को बड़ी आसानी से अपने जाल में फंसा रहे हैं। लोग भी असली और नकली वेबसाइट में फर्क नहीं कर पा रहे और साइबर ठगों द्वारा बिछाए ठगी के जाल में फंस रहे हैं। फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी के अनेक मामले सामने आए हैं और मामलों की पड़ताल के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है।


Body:वीओ- साइबर ठग किसी भी यूनिवर्सिटी, शॉपिंग वेबसाइट और प्रतियोगी परीक्षाएं कंडक्ट करवाने वाली संस्थाओं की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं। इस तरह से ठगी का शिकार हुए लोगों में छात्रों की संख्या अधिक है जो ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भर रहे हैं। एक पीड़ित ने बताया कि उसने एक प्रतियोगी परीक्षा का फॉर्म भरा और उसका ऑनलाइन पेमेंट किया। जब परीक्षाओं की तारीख घोषित होने के बाद वेबसाइट पर प्रवेश पत्र अपलोड किए गए और पीड़ित ने अपना प्रवेश पत्र खोजा तो वह नहीं मिला। इस पर जब पीड़ित ने पता किया तो यह बात सामने आई कि उसके द्वारा भरा गया फॉर्म एक फर्जी वेबसाइट के जरिए भरवाया गया और उसका पेमेंट भी फर्जी तरीके से पेटीएम अकाउंट में जमा करवाया गया। इस तरह से कई लोगों को साइबर ठग अपना शिकार बना चुके हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट को सर्च करते वक्त उसके यूआरएल को अवश्य जांचे। यदि एक ही नाम की या किसी एक ही संस्थान की दो अलग-अलग वेबसाइट नजर आए तो उसकी रिपोर्ट करें। इंटरनेट पर सेफ सर्च करके ही साइबर ठगों की इस चाल से बचा जा सकता है।

बाइट- आयुष भारद्वाज, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
बाइट- भानु प्रताप सिंह, पीड़ित


Conclusion:
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