जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में संचालन पर रोक के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने को कहा.
मुख्य सचिव बुधवार को शासन सचिवालय में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए की गई अब तक की कार्रवाई की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. आर्य ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की तरफ से वायु गुणवत्ता प्रबंधन के विषय में जारी दिशा-निर्देशों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यथा अलवर, भरतपुर, भिवाड़ी एवं इनके निकटवर्ती क्षेत्रों में सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए.
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उन्होेंने अलवर, भरतपुर के जिला कलेक्टरों को अपने जिलों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के सुधार को लेकर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. मूल रूप से रोड डस्ट, औद्योगिक इकाइयों एवं वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण में प्रभावी कमी लाई जा सके. साथी ही सभी संबंधित विभागों के साथ कार्य योजना बनाकर समिति को भेजने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि भिवाड़ी पूर्ण रूप से रीको के अंतर्गत आता है और वहां वायु प्रदूषण में औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ रोड डस्ट वायु प्रदूषण का मूल कारण है. इस क्षेत्र में रोड़-डस्ट का प्रदूषण में कुल 76.7 प्रतिशत होता है जो कि बेहद अत्यधिक है. इसके लिए उन्होंने रीको के अधिकारियों को एनसीआर क्षेत्र के रीको क्षेत्र में सीसी रोड का निर्माण कराने के निर्देश दिए.
उन्होंने अवैध खानों को पूर्ण रूप से बंद करने और वैध खानों को जो कि प्राधिकरण की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. परिवहन एवं गृह विभाग को ऐसे सभी वाहनों को जो क्षमता से अधिक माल ढ़ो रहे हैं और प्रदूषण की जांच समय पर नहीं करा रहे हैं उनके लिए अभियान चलाकर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की तरफ से जारी निर्देशों की पालना में समयबद्ध योजना बनाकर एनसीआर क्षेत्र में जीरो एमिशन व्हीकल की तर्ज पर ई-व्हीकल एवं सीएनजी और एलएनजी वाहनों को बढ़ावा दिया जाए.