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Treatment Of Rare Diseases: प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों का इलाज होगा, सरकार बनाने जा रही क्राउडफंडिंग पोर्टल - Union government help for treatment of rare diseases

प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए अब मरीजों को आसानी से धन प्राप्त हो सकेगा और इसके माध्यम से वे जिंदगी की जंग लड़ सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने क्राउडफंडिंग पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी की (Crowdfunding portal for treatment of rare diseases) है. माना यह भी जा रहा है कि क्राउडफंडिंग पोर्टल पर दान दिए जाने वाले पैसे पर टैक्स में भी छूट मिल सकती है. इसके लिए एक बैंक खाता भी पोर्टल पर मौजूद होगा.

Crowdfunding portal for treatment of rare diseases in Rajasthan
प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों का इलाज होगा, सरकार बनाने जा रही क्राउडफंडिंग पोर्टल
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Published : May 24, 2022, 8:10 PM IST

Updated : May 24, 2022, 11:09 PM IST

जयपुर. जेके लोन अस्पताल में हाल ही दो दुर्लभ बीमारियों के इलाज की खोज की. लेकिन प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों का इलाज अभी काफी महंगा है और सामान्य मरीज इसके इलाज में आने वाले खर्च को वहन नहीं कर सकता. ऐसे में एकमात्र उपाय क्राउडफंडिंग से एकत्रित किया गया पैसा होता है. इसे देखते हुए अब दुर्लभ बीमारी के इलाज को लेकर राज्य सरकार भी क्राउडफंडिंग पोर्टल बनाने जा रही (Crowdfunding portal for treatment of rare diseases) है. इसके माध्यम से दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सकेगी.

1 इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़: पॉम्पे डिजीज, स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी-1, टर्नर सिंड्रोम, डाउन सिंड्रोम कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो दुर्लभ मानी गई हैं. उदाहरण के लिए कुछ समय पहले जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक बच्चे को एडमिट किया गया था, जिसमें स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी-1 नामक बीमारी पाई गई थी. इस दवा की पूरी डोज की कीमत बाजार में लगभग 4 करोड़ रुपए प्रति वर्ष है. इसे आजीवन देने की आवश्यकता होती है. कुछ समय पहले जेके लोन में एक अन्य मामला भी सामने आया था जहां 1 बच्चे में दुर्लभ बीमारी पाई गई थी. इसके इलाज के लिए आने वाले 1 इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपए थी. ऐसे में इन महंगी दवाओं को हर कोई व्यक्ति वहन नहीं कर सकता.

दुर्लभ बीमारियों के लिए क्राउडफंडिंग पोर्टल जल्द...

पढ़ें: बच्चों की जान बचाने के लिए इंपोर्ट करना पड़ता है 16 करोड़ का टीका, बीमारों की संख्या पर कठघरे में सरकार

सिर्फ क्राउडफंडिंग से ही इलाज संभव: जेके लोन अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और दुर्लभ बीमारियों पर रिसर्च कर रहे डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि दुर्लभ बीमारियों को लेकर जयपुर के जेके लोन अस्पताल में पिछले 8 साल से एक सेंटर चलाया जा रहा है, जहां लगभग 1300 से अधिक बच्चे दुर्लभ बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं. डॉ गुप्ता का मानना है कि आमतौर पर दुर्लभ बीमारियों का इलाज काफी महंगा होता है. ऐसे में सिर्फ क्राउडफंडिंग के माध्यम से ही इन बच्चों का इलाज संभव हो रहा है. अब राज्य सरकार भी एक क्राउडफंडिंग पोर्टल बनाने की तैयारी कर रही है, जहां दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित बच्चों का इलाज हो सकेगा.

पढ़ें: 19 महीने का मासूम...16 करोड़ का इंजेक्शन, क्या बचा पाएंगे ? पीएम और सीएम से लगाई गुहार

क्या है क्राउडफंडिंग: क्राउडफंडिंग का सीधा सा उद्देश्य काफी सारे लोगों से छोटी-छोटी रकम एकत्रित करना होता है और इस राशि के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है. इसी तर्ज पर अब राज्य सरकार भी क्राउडफंडिंग पोर्टल बनाने की तैयारी कर रही है. जहां कोई भी व्यक्ति दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीज के लिए पैसा दान कर सकेगा. माना यह भी जा रहा है कि क्राउडफंडिंग पोर्टल पर दान दिए जाने वाले पैसे पर टैक्स में भी छूट मिल सकती है. इसके लिए एक बैंक खाता भी पोर्टल पर मौजूद होगा. जहां दान देने वाला व्यक्ति खाते में सीधा पैसा डाल सकता है और जरूरतमंद मरीज को डॉक्टरी सलाह के बाद सीधे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही इलाज के लिए पैसा मिल सकेगा.

पढ़ें: दुर्लभ बीमारी: 8 महीने के तनिष्क को है 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत, पिता ने मदद की लगाई गुहार

केंद्र भी दे रही सहायता: केंद्र सरकार दुर्लभ बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए आर्थिक तौर पर 50 लाख रुपए की सहायता उपलब्ध करवाती (Union government help for treatment of rare diseases) है, लेकिन प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस मौजूद नहीं है. ऐसे में यह सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही. करीब 1 साल पहले की बात करें तो बीकानेर के 7 वर्षीय एक बच्ची दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी जिसे तकरीबन 16 करोड़ रुपए के 1 इंजेक्शन की आवश्यकता थी जो अमेरिका से आयात किया जाता है. लेकिन क्राउडफंडिंग के माध्यम से सिर्फ 40 लाख रुपए ही एकत्रित हो पाए और इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ दिया.

जयपुर. जेके लोन अस्पताल में हाल ही दो दुर्लभ बीमारियों के इलाज की खोज की. लेकिन प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों का इलाज अभी काफी महंगा है और सामान्य मरीज इसके इलाज में आने वाले खर्च को वहन नहीं कर सकता. ऐसे में एकमात्र उपाय क्राउडफंडिंग से एकत्रित किया गया पैसा होता है. इसे देखते हुए अब दुर्लभ बीमारी के इलाज को लेकर राज्य सरकार भी क्राउडफंडिंग पोर्टल बनाने जा रही (Crowdfunding portal for treatment of rare diseases) है. इसके माध्यम से दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सकेगी.

1 इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़: पॉम्पे डिजीज, स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी-1, टर्नर सिंड्रोम, डाउन सिंड्रोम कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो दुर्लभ मानी गई हैं. उदाहरण के लिए कुछ समय पहले जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक बच्चे को एडमिट किया गया था, जिसमें स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी-1 नामक बीमारी पाई गई थी. इस दवा की पूरी डोज की कीमत बाजार में लगभग 4 करोड़ रुपए प्रति वर्ष है. इसे आजीवन देने की आवश्यकता होती है. कुछ समय पहले जेके लोन में एक अन्य मामला भी सामने आया था जहां 1 बच्चे में दुर्लभ बीमारी पाई गई थी. इसके इलाज के लिए आने वाले 1 इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपए थी. ऐसे में इन महंगी दवाओं को हर कोई व्यक्ति वहन नहीं कर सकता.

दुर्लभ बीमारियों के लिए क्राउडफंडिंग पोर्टल जल्द...

पढ़ें: बच्चों की जान बचाने के लिए इंपोर्ट करना पड़ता है 16 करोड़ का टीका, बीमारों की संख्या पर कठघरे में सरकार

सिर्फ क्राउडफंडिंग से ही इलाज संभव: जेके लोन अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और दुर्लभ बीमारियों पर रिसर्च कर रहे डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि दुर्लभ बीमारियों को लेकर जयपुर के जेके लोन अस्पताल में पिछले 8 साल से एक सेंटर चलाया जा रहा है, जहां लगभग 1300 से अधिक बच्चे दुर्लभ बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं. डॉ गुप्ता का मानना है कि आमतौर पर दुर्लभ बीमारियों का इलाज काफी महंगा होता है. ऐसे में सिर्फ क्राउडफंडिंग के माध्यम से ही इन बच्चों का इलाज संभव हो रहा है. अब राज्य सरकार भी एक क्राउडफंडिंग पोर्टल बनाने की तैयारी कर रही है, जहां दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित बच्चों का इलाज हो सकेगा.

पढ़ें: 19 महीने का मासूम...16 करोड़ का इंजेक्शन, क्या बचा पाएंगे ? पीएम और सीएम से लगाई गुहार

क्या है क्राउडफंडिंग: क्राउडफंडिंग का सीधा सा उद्देश्य काफी सारे लोगों से छोटी-छोटी रकम एकत्रित करना होता है और इस राशि के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है. इसी तर्ज पर अब राज्य सरकार भी क्राउडफंडिंग पोर्टल बनाने की तैयारी कर रही है. जहां कोई भी व्यक्ति दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीज के लिए पैसा दान कर सकेगा. माना यह भी जा रहा है कि क्राउडफंडिंग पोर्टल पर दान दिए जाने वाले पैसे पर टैक्स में भी छूट मिल सकती है. इसके लिए एक बैंक खाता भी पोर्टल पर मौजूद होगा. जहां दान देने वाला व्यक्ति खाते में सीधा पैसा डाल सकता है और जरूरतमंद मरीज को डॉक्टरी सलाह के बाद सीधे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही इलाज के लिए पैसा मिल सकेगा.

पढ़ें: दुर्लभ बीमारी: 8 महीने के तनिष्क को है 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत, पिता ने मदद की लगाई गुहार

केंद्र भी दे रही सहायता: केंद्र सरकार दुर्लभ बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए आर्थिक तौर पर 50 लाख रुपए की सहायता उपलब्ध करवाती (Union government help for treatment of rare diseases) है, लेकिन प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस मौजूद नहीं है. ऐसे में यह सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही. करीब 1 साल पहले की बात करें तो बीकानेर के 7 वर्षीय एक बच्ची दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी जिसे तकरीबन 16 करोड़ रुपए के 1 इंजेक्शन की आवश्यकता थी जो अमेरिका से आयात किया जाता है. लेकिन क्राउडफंडिंग के माध्यम से सिर्फ 40 लाख रुपए ही एकत्रित हो पाए और इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ दिया.

Last Updated : May 24, 2022, 11:09 PM IST
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