जयपुर/प्रतापगढ़: एक हत्या के मामले में अभियुक्त पिता-पुत्र को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्तों ने एक व्यक्ति की साल 2016 में हत्या कर दी थी. वहीं, महिला से रेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की कैद की सजा दी (Rape convict sent to 20 year in Jail) है. अभियुक्त पर एक लाख 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
प्रतापगढ़ के विशिष्ठ न्यायाधीश न्यायालय अजा, अजजा(अनिप्र) एवं अपर सेशन न्यायाधीश पूरणसिंह ने सोमवार को अपने निर्णय में हत्या के अभियुक्त पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोनों पर 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. विशिष्ठ लोक अभियोजक प्रकाश शर्मा ने बताया कि तेजसिंहं और उसके पुत्र देवेन्द्रसिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. प्रकरण अनुसार डोराना के प्रार्थी भंवरलाल ने एक रिपोर्ट थाने में दी कि 27 मई, 2016 को दिन में वे कुएं पर काम कर रहे थे.
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उसके पिता रतनलाल व दूसरे लोग बाहर थे. कुछ देर बाद बाहर आया तो उसके पिता जमीन पर पड़े थे. उनकी गर्दन व सिर पर चोटें थीं और खून निकल रहा था. इस पर परिवार के लोगों ने बताया कि गांव के तेजसिहं व देवेन्द्र सिहं दोनों बाइक लेकर आए थे. जिनके हाथ में कुल्हाड़ी थी. आते ही तेजसिंह ने पिता को पकड़ा व देवेन्द्रसिंह ने गर्दन के पीछे तीन बार लगातार वार किए और भाग गए. पिताजी को घायल अवस्था में चौराहे तक लेकर आए. तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. इस पर अरनोद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया. अनुसंधान कर चार्जशीट न्यायालय में पेश की गई.
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पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने रात को घर में घुसकर महिला से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त अन्नू नागौरी को बीस साल की सजा सुनाई (Rape case in Jaipur) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि पीड़िता ने 9 जून, 2019 को चौमूं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि बीती रात करीब तीन बजे अभियुक्त ने उसके कमरे में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं विरोध करने पर अभियुक्त खिड़की तोड़कर भाग गया. इस दौरान अभियुक्त के टी-शर्ट का टुकड़ा पीड़िता के पास रह गया.
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रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त की फरारी में अदालत के समक्ष आरोप पत्र पेश किया. वहीं बाद में अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त में आ गया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि पीड़िता के कपड़ों पर अभियुक्त का डीएनए मिला है. जिससे अपराध प्रमाणित होता है. वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसके कई सालों से पीड़िता से प्रेम संबंध थे. दोनों ने सहमति से संबंध बनाए थे. पीड़िता ने अपने आप को तलाकशुदा बताया था और वह उसका खर्च उठाता था. वहीं लॉकडाउन के कारण उसने खर्च बंद कर दिया, तो पीड़िता ने उसके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया. अभियुक्त की ओर से यह भी कहा गया कि उसने पीड़िता के खिलाफ ब्लैकमेल करने का मामला भी दर्ज करा रखा है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.