जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए उचित निर्णय लेने को लेकर उलझन स्थिति में होने पर युवती को उदयपुर के नारी निकेतन में रखने के निर्देश दिए (Court sent girl to Nari Niketan) हैं. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष एक याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि युवती के साथ विवाह करने के बाद उसके परिजन उसे जबरन बंधक बनाकर रख रहे हैं.
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने युवती को पेश करने के लिए कहा तो कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. युवती ने कहा कि ये सही है कि उसने युवक के साथ विवाह किया है और उसके माता-पिता उसकी इच्छा के विरुद्ध उसे ले गए. वह युवक के साथ रहने को लेकर उलझन में है. उसे निर्णय लेने के लिए समय दिया जाए. इस पर कोर्ट ने 6 जुलाई तक नारी निकेतन उदयपुर भेज दिया और कहा कि वहां किसी से मिलने पर पाबंदी रहेगी. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर युवक के अधिवक्ता ने कहा था कि युवती ने एक ई-मेल राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा था, जिसमें उसने आरोप लगाया (Girl accusations on police) था कि पुलिस ने जबरन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए और उसे अवैध बंधक बनाया गया है.
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