जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने पीड़िता से रिश्वत में अस्मत मांगने वाले आरोपी आरपीएस कैलाश बोहरा को 26 मार्च तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. वहीं, अदालत ने जेल अधीक्षक को कहा है कि वह जेल नियमों के तहत आरोपी को चिकित्सा सहित अन्य सुविधाएं दे.
एसीबी की ओर से कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी कैलाश बोहरा को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. एसीबी की ओर से कहा गया कि मामले में आरोपी से पूछताछ पूरी कर ली गई है. ऐसे में उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जाए. इस पर अदालत ने आरोपी को 26 मार्च तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया.
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वहीं, आरोपी की ओर से अधिवक्ता संदीप लुहाड़िया ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि आरोपी पिछले लंबे समय से पुलिस सेवा में रहा है. ऐसे में उससे रंजिश रखने वाले कई कैदी जेल में बंद हैं. इसलिए उसे जेल में अलग बैरक में रखा जाए. इसके अलावा आरोपी को पूर्व में कोविड हुआ था, जिसके चलते चिकित्सक ने उसके खान-पान और दवाइयों को लेकर दिनचर्या तय कर रखी है. ऐसे में उसे उचित खान-पान और चिकित्सा सुविधाएं दिलाई जाए. इस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को जेल नियमों के तहत आरोपी को सुविधाएं देने को कहा है.
जानें पूरा मामला
दरअसल, पीड़ित महिला ने जवाहर नगर थाने में एक युवक के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करवाया था. इसके साथ ही अन्य मामले भी दर्ज करवाए थे. इन तीन मामलों में जांच एसीपी कैलाश चंद बोहरा कर रहे थे. पिछले दिनों जब पीड़ित महिला ने एसीपी से मुलाकात कर मामले में फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई तो आरोपी को गिरफ्तार करने की एवज में तत्कालीन एसीपी कैलाश चंद बोहरा ने पीड़ित महिला से अस्मत मांग डाली. जिसके बाद महिला ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई.
शिकायत का सत्यापन करने के बाद रविवार को एसीबी की टीम ने ट्रैप का आयोजन किया. रिश्वत के रूप में अस्मत मांग करने वाले एसीपी कैलाश ने अवकाश वाले दिन रविवार को महिला को मिलने के लिए अपने कार्यालय में बुलाया. उसी दौरान एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए एसीपी कैलाश चंद को आपत्तिजनक स्थिति में गिरफ्तार कर लिया.