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IO हाजिर होकर बताए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की- कोर्ट

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Published : Oct 21, 2021, 9:19 PM IST

जयपुर मेट्रो-प्रथम की मजिस्ट्रेट कोर्ट-19 ने जगतपुरा स्थित विवासिटी मॉल के निदेशकों की ओर से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी मामले में रिपोर्ट मांगी है. मामले में जुर्म प्रमाणित पाए जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आईओ को शुक्रवार को कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट सहित हाजिर होने का निर्देश दिया है.

Fraud of crores on the part of directors of Vivasity Mall , Rajasthan News
जयपुर में विवासिटी मॉल के निदेशकों की ओर से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी मामले में कोर्ट ने आईओ से मांगा जवाब

जयपुर. मेट्रो-प्रथम की मजिस्ट्रेट कोर्ट-19 ने जगतपुरा स्थित विवासिटी मॉल के निदेशकों की ओर से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में जुर्म प्रमाणित पाए जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आईओ को शुक्रवार को कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट सहित हाजिर होने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने आईओ से पूछा है कि उन्होंने आरोपी डॉ. लालचंद और विकास अग्रवाल सहित अन्य की गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की है और क्या प्रयास किए जा रहे हैं. कोर्ट ने यह आदेश परिवादी राजेश कुमार जैन के प्रार्थना पत्र पर दिया.

पढ़ें. नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती के खेल कोटे में नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि पूर्व में आईओ ने कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश कर माना था कि मामले में पुलिस ने लालचंद और विकास अग्रवाल के खिलाफ धारा 420 और 406 और गवाह ललित अग्रवाल, अखलेश अग्रवाल, राजेश खंडेलवाल और लक्ष्मी अग्रवाल के खिलाफ धारा 420, 404 सपठित धारा 120 बी का अपराध प्रमाणित माना था. लेकिन पुलिस ने जुर्म प्रमाणित होने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था. जिस पर परिवादी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर आरोपियों की गिरफ्तारी करवाए जाने की गुहार की थी.

पढ़ें. सेवानिवृत्ति के दिन 10 साल पुराने मामले में दी चार्जशीट, हाइकोर्ट ने मांगा जवाब

परिवादी राजेश कुमार जैन ने आरोपी ललित अग्रवाल और उसके बेटे विकास अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ शिवदासपुरा पुलिस थाने में 4 जून 2020 को एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि वह मैसर्स विवासिटी मॉल कंपनी का शेयर होल्डर है. इसके निदेशक लालचंद मोरानी, ललित अग्रवाल और विकास अग्रवाल हैं. आरोपियों की ओर से फर्जी इकरारनामों से अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. प्रार्थी को भी करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लिहाजा मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए

जयपुर. मेट्रो-प्रथम की मजिस्ट्रेट कोर्ट-19 ने जगतपुरा स्थित विवासिटी मॉल के निदेशकों की ओर से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में जुर्म प्रमाणित पाए जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आईओ को शुक्रवार को कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट सहित हाजिर होने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने आईओ से पूछा है कि उन्होंने आरोपी डॉ. लालचंद और विकास अग्रवाल सहित अन्य की गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की है और क्या प्रयास किए जा रहे हैं. कोर्ट ने यह आदेश परिवादी राजेश कुमार जैन के प्रार्थना पत्र पर दिया.

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प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि पूर्व में आईओ ने कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश कर माना था कि मामले में पुलिस ने लालचंद और विकास अग्रवाल के खिलाफ धारा 420 और 406 और गवाह ललित अग्रवाल, अखलेश अग्रवाल, राजेश खंडेलवाल और लक्ष्मी अग्रवाल के खिलाफ धारा 420, 404 सपठित धारा 120 बी का अपराध प्रमाणित माना था. लेकिन पुलिस ने जुर्म प्रमाणित होने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था. जिस पर परिवादी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर आरोपियों की गिरफ्तारी करवाए जाने की गुहार की थी.

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परिवादी राजेश कुमार जैन ने आरोपी ललित अग्रवाल और उसके बेटे विकास अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ शिवदासपुरा पुलिस थाने में 4 जून 2020 को एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि वह मैसर्स विवासिटी मॉल कंपनी का शेयर होल्डर है. इसके निदेशक लालचंद मोरानी, ललित अग्रवाल और विकास अग्रवाल हैं. आरोपियों की ओर से फर्जी इकरारनामों से अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. प्रार्थी को भी करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लिहाजा मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए

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