जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को वर्ष 2022-23 का आम बजट (Gehlot government budget 2022) पेश कर दिया, लेकिन इस बजट से प्रदेश के 80 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों की उम्मीद टूटी है. घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार ने बजट में इस पर एक शब्द तक नहीं बोला. अब संविदा कर्मचारी खून से पत्र लिख कर सरकार से बोनस अंक देने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में की थी. तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने इन्हें नियमित नहीं किया. इसके बाद इस बजट में भी सीएम अशोक गहलोत ने कोई घोषणा नहीं की. प्रदेश के संविदा पर लगे नर्सिंग कर्मचारियों को उम्मीद थी की सरकार इस बजट में नियमित नहीं तो भी बोनस अंक का लाभ देगी.
प्रोत्साहन की जगह किया नजरअंदाज: संविदा नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष खुशीराम मीना ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि कोरोना जैसी महामारी में हम संविदा कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आम जनता की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी. जो एक नर्सिंग कर्मचारी की ड्यूटी थी वो ही ड्यूटी संविदा पर लगे नर्सिंग कर्मी ने की है. सरकार प्रोत्साहित करने की जगह नजरअंदाज कर रही है.
कानूनी अड़चनों का बहाना बनाना बंद करे: संविदा कर्मियों ने कहा कि सरकार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर बहाने बना रही है. लेकिन सरकार यह बताएं कि उसी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि समान काम समान वेतन मिलना चाहिए तो फिर हमें वह क्यों नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी अड़चनों का बहाना बनाना बंद करें, जो वादा सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने घोषणा पत्र में किया था नियमितीकरण का उसे पूरा करें. सरकार अगर उसे पूरा नहीं भी करती है तो नर्सिंग संविदा कर्मचारियों के लिए 16 हजार जीएनएम और 8 हजार एएनएम की भर्ती निकालने और इसमें संविदा कर्मियों को 10 से 30 प्रतिशत बोनस अंक का लाभ दे.
सैकड़ों की संख्या में रैली निकाल दिया धरना: पहले तो संविदा कर्मी सैकड़ों की संख्या में 16 हजार जीएनएम और 8 हजार एएनएम की भर्ती निकालने और संविदा कर्मियों को 10 से 30 प्रतिशत बोनस अंक देने की मांग को लेकर पहले नेहरू उद्यान मार्ग पर धरना दिया. इस दौरान कुछ नर्सेज बीमार हो गईं. नर्सेज स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के आवास पर पहुंचे और खून के लिखा ज्ञापन सौंपा. इनका आरोप था दो बार समय देने के बाद भी मंत्री नहीं मिले. एसोसिएशन के अध्यक्ष खुशीराम मीना और कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सियाराम डोडवाड़ी ने बताया कि 2018 के बाद एएनएम की नियमित भर्ती नहीं निकली है.