जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर देशभर में डर का माहौल बना हुआ है. वहीं प्रदेश में भी कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत पीएचएम और अकाउटेंट ने काली पट्टी बॉधकर तीन दिन से प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया.
राजस्थान पब्लिक हेल्थ मैनेजर और अकाउंटेंट कम डीईओ यूनियन एनयूएचएम ने नियमितीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया.
एनयूएचएम यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जेपी भारद्वाज ने बताया कि राज्य भर से संविदा कर्मियों की ओर से कोरोना जैसी महामारी में बिना किसी सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा के अभाव में 24 घंटे तत्पर रहते हुए ड्यूटी की जा रही है.
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इसके साथ ही फील्ड वर्कर और महिला कर्मी नियमित स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरह ही कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं. कोरोना संकट में भी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ संविदा कर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना आमजन की सुरक्षा के लिए ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन संविदा कर्मियों को बहुत कम वेतन मिल रहा है. जिसको लेकर संविदा कर्मियों की ओर से तीन दिन से किए गए गांधीवादी प्रदर्शन का राजस्थान सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा. ना ही उनकी ओर से कोई सुनवाई की गई. अब अगर सरकार की ओर से संविदा कर्मियों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. तो इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा. इस दौरान पीएचएम राहुल कुमार शर्मा, ओमप्रकाश खंडेलवाल और विकास कुमार मंगल समेत कई संविदा कर्मी मौजूद रहे.