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अदालती आदेशों की पालना नहीं करने पर IAS अधिकारियों को अवमानना नोटिस - राजस्थान की खबर

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की पालना नहीं करने पर IAS अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद द्वितीय श्रेणी लिपिक को गृह जिले में पदस्थापित नहीं किया गया है.

Contempt notice to IAS officers, आईएएस अधिकारियों का अवमानना नोटिस
आईएएस अधिकारियों का अवमानना नोटिस
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Published : Jul 4, 2020, 8:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद द्वितीय श्रेणी लिपिक को गृह जिले में पदस्थापित नहीं करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी चेयरमैन को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश महावीर प्रसाद की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को मेरिट के अनुसार गृह जिले हनुमानगढ़ में नियुक्ति मिलनी चाहिए थी, लेकिन उसे भीलवाड़ा में पदस्थापित किया गया. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर अदालत ने गत वर्ष 9 अप्रैल को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर नियुक्ति देने को कहा था. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति नहीं दी गई.

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दूसरी ओर अदालत ने चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी को अदालती आदेश के बावजूद पर लाभ नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और पेंशन निदेशक सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी ने यह आदेश ब्रजनंदन शर्मा की अवमानना याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चयनित वेतनमान का लाभ देने को कहा था. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद द्वितीय श्रेणी लिपिक को गृह जिले में पदस्थापित नहीं करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी चेयरमैन को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश महावीर प्रसाद की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को मेरिट के अनुसार गृह जिले हनुमानगढ़ में नियुक्ति मिलनी चाहिए थी, लेकिन उसे भीलवाड़ा में पदस्थापित किया गया. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर अदालत ने गत वर्ष 9 अप्रैल को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर नियुक्ति देने को कहा था. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को गृह जिले में नियुक्ति नहीं दी गई.

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दूसरी ओर अदालत ने चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी को अदालती आदेश के बावजूद पर लाभ नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और पेंशन निदेशक सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी ने यह आदेश ब्रजनंदन शर्मा की अवमानना याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चयनित वेतनमान का लाभ देने को कहा था. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई.

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