जयपुर. कोरोना के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन से जहां हर किसी की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है, तो वहीं सहकारिता विभाग के उपभोक्ता भंडार संघ और कॉनफैड की आय में इजाफा हुआ है. दरअसल इस इजाफे के साथ ही उपभोक्ता भंडार संघ और कॉनफैड के कुछ कर्मचारी संकट के इस समय कोरोना योद्धाओं के रूप में भी नजर आए क्योंकि संक्रमण के कारण जिन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था, उनमें से अधिकतर स्थानों पर घर-घर तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी इनके कंधों पर ही थी.
सहकारिता विभाग जिला कलेक्टरों से समन्वय कर जिलों की मांग के अनुसार मोबाइल वैन और सहकारिता विभाग के 1 हजार से अधिक कर्मचारियों की संयुक्त टीम बनाकर रूट मैप के अनुसार खाद्य सामग्री को घर-घर वितरण किया जा रहा है.
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सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना के अनुसार राज्य में संचालित 34 उपभोक्ता भंडारों और जयपुर में कॉनफैड को घर-घर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सहकारिता के कोरोना वॉरियर्स ने कुछ इलाकों में अपनी सेवाएं देकर विभाग की पहचान सब एक के लिए और एक सबके लिए की भावना को साकार भी किया.
संकटकाल में इस तरह दी अपनी सेवाएं
सबसे पहले भीलवाड़ा जिले में 21 मोबाइल वैन के द्वारा लोगों को खाद्य सामग्री पहुंचाना शुरू किया गया था और पूरे जिले में 1.25 लाख से अधिक परिवारों को खाद्य सामग्री का वितरण किया जा चुका है. इस प्रकार लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अजमेर संभाग में 33, भरतपुर संभाग में 36, बीकानेर संभाग में 103, जयपुर संभाग में 22, जोधपुर संभाग में 88, कोटा संभाग में 20 और उदयपुर संभाग में 24 मोबाइल वैन सहित कुल 326 वेन का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है.
बता दें कि अबतक राज्य के 10 लाख से अधिक परिवारों को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है. सहकारिता मंत्री के अनुसार प्रतिदिन औसत 23 हजार परिवारों को विभाग के माध्यम से खाद्य सामग्री का वितरण हो रहा है. इसके अलावा 1 लाख राशन किट वितरित कर परिवारों को राहत पहुंचाई गई है.