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प्रदेश में सहकारी समितियों में 500 से 1 हजार मीट्रिक टन के गोदामों का होगा निर्माण - जयपुर न्यूज

जयपुर में सहकारी समितियों में 500 से 1 हजार मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित किए जाएंगे. इसमें  सरकार बड़े स्तर पर योजना तैयार कर रही है. इससे गोदामों की भंडारण क्षमता में भी वृद्धि होगी, साथ ही सैकड़ों मीट्रिक टन अनाज खराब होने से भी बचेगा.

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प्रदेश में सहकारी समितियों में 500 से 1हजार मीट्रिक टन के गोदामों का होगा निर्माण
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Published : Aug 10, 2020, 10:31 PM IST

जयपुर. प्रदेश में सहकारी समितियों में 500 से 1 हजार मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित किए जाएंगे. जिसके तहत अब अनाज न खराब होंगे और ना ही बरसात में भीग सकेंगे. सरकार इसके लिए एक बड़े स्तर पर योजना तैयार कर रही है. इससे गोदामों की भंडारण क्षमता में भी वृद्धि होगी, साथ ही सैकड़ों मीट्रिक टन अनाज खराब होने से भी बचेगा.

राज्य के पात्र सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों में 500 से 1 हजार मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित किए जाएंगे. राज्य के अभी भी कुछ सहकारी समितियों में गोदाम नहीं हैं. ऐसी समितियों में जमीन की उपलब्धता के अनुसार गोदाम निर्मित होंगे. यह जानकारी सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने सोमवार को दी है.

कुंजीलाल मीणा ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों में पदस्थापित अधिकारियों से चर्चा भी की. उन्होंने कहा कि राज्य के भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जिन सहकारी समितियों के पास जमीन नहीं है. ऐसी सहकारी समितियों को जमीन आवंटन करने के प्रयास किए जाएंगे.

पढ़ें: बाड़मेर: अभ्यार्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं कुंजीलाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में बंद स्कूलों के भवनों का उपयोग सहकारी समितियों के लिए करने का भी प्रयास किया जाएगा. रजिस्टार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यरत ग्राम सेवा सहकारी समितियों के आधारभूत सूचना को एकत्रित किया जाएगा. ताकि एक ही क्लिक पर समितियों की सूचना मिल सक. इसे चरणबद्ध रूप से समितियों का विकास हो सके और जनता को सहज सुविधा मिल सके.

जयपुर. प्रदेश में सहकारी समितियों में 500 से 1 हजार मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित किए जाएंगे. जिसके तहत अब अनाज न खराब होंगे और ना ही बरसात में भीग सकेंगे. सरकार इसके लिए एक बड़े स्तर पर योजना तैयार कर रही है. इससे गोदामों की भंडारण क्षमता में भी वृद्धि होगी, साथ ही सैकड़ों मीट्रिक टन अनाज खराब होने से भी बचेगा.

राज्य के पात्र सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों में 500 से 1 हजार मीट्रिक टन के गोदाम निर्मित किए जाएंगे. राज्य के अभी भी कुछ सहकारी समितियों में गोदाम नहीं हैं. ऐसी समितियों में जमीन की उपलब्धता के अनुसार गोदाम निर्मित होंगे. यह जानकारी सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने सोमवार को दी है.

कुंजीलाल मीणा ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों में पदस्थापित अधिकारियों से चर्चा भी की. उन्होंने कहा कि राज्य के भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जिन सहकारी समितियों के पास जमीन नहीं है. ऐसी सहकारी समितियों को जमीन आवंटन करने के प्रयास किए जाएंगे.

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वहीं कुंजीलाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में बंद स्कूलों के भवनों का उपयोग सहकारी समितियों के लिए करने का भी प्रयास किया जाएगा. रजिस्टार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यरत ग्राम सेवा सहकारी समितियों के आधारभूत सूचना को एकत्रित किया जाएगा. ताकि एक ही क्लिक पर समितियों की सूचना मिल सक. इसे चरणबद्ध रूप से समितियों का विकास हो सके और जनता को सहज सुविधा मिल सके.

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