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राजस्थान निकाय चुनाव: किस पार्टी का रहा पलड़ा भारी, क्या कहते हैं आंकड़े...

13 दिसंबर को प्रदेश के निकाय चुनावों के परिणाम आए. सत्ताधारी कांग्रेस जहां जीत का जश्न मना रही है तो भाजपा भी दावा कर रही है कि उसने कांग्रेस को वो सफलता नहीं हासिल करने दी जिसके लिए उसने परिसीमन किया था. क्या कहते हैं आंकड़ें पढ़ें रिपोर्ट...

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राजस्थान निकाय चुनाव
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Published : Dec 14, 2020, 4:36 AM IST

जयपुर. जब कांग्रेस के 200 में से 21 विधायक थे तो कांग्रेस ने इन 50 निकायों में 14 निकायों में जीत दर्ज की थी. अबकी बार सरकार भी कांग्रेस की और इन 50 स्थानीय निकायों से 32 विधायक भी कांग्रेस के आते हैं बावजूद इसके कांग्रेस 14 में पूर्ण बहुमत ला सकी. अब कांग्रेस को निर्दलीय से उम्मीद है. अगर कांग्रेस को निर्दलीय का समर्थन मिलता है तो उसके जीते हुए वार्डों की संख्या में करीब 3 गुना इजाफा हो जाएगा.

पढ़ें: नगर निकाय चुनाव: कांग्रेस के विधायक और मंत्री पास या फेल

भाजपा के लिए भी ये चुनाव परिणाम खतरे की घंटी बजा रहे हैं. पिछली बार इन्हीं 50 निकायों में से 34 निकाय भाजपा के पास थे. लेकिन इन चुनावों में पार्टी घट कर 4 पर आ गई है. राजस्थान में रविवार को 12 जिलों के स्थानीय निकायों के नतीजे आए. नतीजो में 50 स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 14 स्थानीय निकायों में पूर्ण बहुमत मिला है तो वहीं भाजपा 4 जगह तो निर्दलीय 10 जगह बहुमत में हैं. 21 निकाय ऐसे हैं जहां किसी को बहुमत नहीं है,

नतीजों से कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है लेकिन हकीकत यह है कि जब कांग्रेस के 200 में से महज 21 विधायक थे तो भी कांग्रेस के इन 50 निकायों में से 14 स्थानीय निकायों में सभापति और अध्यक्ष बने थे, जबकि अबकी बार तो इन 50 में स्थानीय निकायों में कांग्रेस के 32 विधायक हैं और प्रदेश में सरकार भी कांग्रेस की है तो भी कांग्रेस को 15 नगरपालिकाओं में ही पूर्ण बहुमत मिला है.

हालांकि भाजपा के लिए नतीजे काफी चिंता में डालने वाले हैं क्योंकि भाजपा 34 निकायों से घटकर महज 4 निकायों तक सीमित रह गई है. वहीं इन चुनावों की खास बात यह है कि जहां पिछली बार इन 50 स्थानीय निकायों में केवल 2 स्थानीय निकाय ऐसे थे जहां निर्दलीय बोर्ड बनाने में कामयाब हुए थे, जो इस बार ऐसे बोर्डों की संख्या जहां निर्दलीय बहुमत में हैं उनकी संख्या बढ़कर 10 हो गी है.

अब दोनों पार्टियों की नजर उन 21 स्थानीय निकायों पर है जहां किसी को समर्थन नहीं मिला है. निर्दलीयों से जोड़-तोड़ कर दोनों पार्टियां अपनी संख्या में इजाफा करने का प्रयास करेंगी. इन 14 निकायों में कांग्रेस को 2015 में खेड़ली, अंता, बारां, नगर, कुम्हेर, बांदीकुई, बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा, चाकसू, हिंडौन, टोडाभीम, अनूपगढ़, केसरीसिंहपुर में जीत दर्ज की थी. वहीं 2 जगह भुसावर और वैर नगरपालिका में निर्दलीयों ने बाजी मारी थी. अन्य 34 स्थानीय निकायों में भाजपा ने जीत दर्ज की थी.

1995 से लेकर साल 2015 तक स्थानीय निकायों में कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन

सालकांग्रेसभाजपाबसपासीपीआईनिर्दलीयकुल
19953476000127138
200065 52000021138
200534 89000015 138
2010526202 0022138
20153994000008141

जयपुर. जब कांग्रेस के 200 में से 21 विधायक थे तो कांग्रेस ने इन 50 निकायों में 14 निकायों में जीत दर्ज की थी. अबकी बार सरकार भी कांग्रेस की और इन 50 स्थानीय निकायों से 32 विधायक भी कांग्रेस के आते हैं बावजूद इसके कांग्रेस 14 में पूर्ण बहुमत ला सकी. अब कांग्रेस को निर्दलीय से उम्मीद है. अगर कांग्रेस को निर्दलीय का समर्थन मिलता है तो उसके जीते हुए वार्डों की संख्या में करीब 3 गुना इजाफा हो जाएगा.

पढ़ें: नगर निकाय चुनाव: कांग्रेस के विधायक और मंत्री पास या फेल

भाजपा के लिए भी ये चुनाव परिणाम खतरे की घंटी बजा रहे हैं. पिछली बार इन्हीं 50 निकायों में से 34 निकाय भाजपा के पास थे. लेकिन इन चुनावों में पार्टी घट कर 4 पर आ गई है. राजस्थान में रविवार को 12 जिलों के स्थानीय निकायों के नतीजे आए. नतीजो में 50 स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 14 स्थानीय निकायों में पूर्ण बहुमत मिला है तो वहीं भाजपा 4 जगह तो निर्दलीय 10 जगह बहुमत में हैं. 21 निकाय ऐसे हैं जहां किसी को बहुमत नहीं है,

नतीजों से कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है लेकिन हकीकत यह है कि जब कांग्रेस के 200 में से महज 21 विधायक थे तो भी कांग्रेस के इन 50 निकायों में से 14 स्थानीय निकायों में सभापति और अध्यक्ष बने थे, जबकि अबकी बार तो इन 50 में स्थानीय निकायों में कांग्रेस के 32 विधायक हैं और प्रदेश में सरकार भी कांग्रेस की है तो भी कांग्रेस को 15 नगरपालिकाओं में ही पूर्ण बहुमत मिला है.

हालांकि भाजपा के लिए नतीजे काफी चिंता में डालने वाले हैं क्योंकि भाजपा 34 निकायों से घटकर महज 4 निकायों तक सीमित रह गई है. वहीं इन चुनावों की खास बात यह है कि जहां पिछली बार इन 50 स्थानीय निकायों में केवल 2 स्थानीय निकाय ऐसे थे जहां निर्दलीय बोर्ड बनाने में कामयाब हुए थे, जो इस बार ऐसे बोर्डों की संख्या जहां निर्दलीय बहुमत में हैं उनकी संख्या बढ़कर 10 हो गी है.

अब दोनों पार्टियों की नजर उन 21 स्थानीय निकायों पर है जहां किसी को समर्थन नहीं मिला है. निर्दलीयों से जोड़-तोड़ कर दोनों पार्टियां अपनी संख्या में इजाफा करने का प्रयास करेंगी. इन 14 निकायों में कांग्रेस को 2015 में खेड़ली, अंता, बारां, नगर, कुम्हेर, बांदीकुई, बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा, चाकसू, हिंडौन, टोडाभीम, अनूपगढ़, केसरीसिंहपुर में जीत दर्ज की थी. वहीं 2 जगह भुसावर और वैर नगरपालिका में निर्दलीयों ने बाजी मारी थी. अन्य 34 स्थानीय निकायों में भाजपा ने जीत दर्ज की थी.

1995 से लेकर साल 2015 तक स्थानीय निकायों में कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन

सालकांग्रेसभाजपाबसपासीपीआईनिर्दलीयकुल
19953476000127138
200065 52000021138
200534 89000015 138
2010526202 0022138
20153994000008141
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