जयपुर. अभी एक दिन भी नहीं बीता, जब कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने अपनी ही पार्टी से आने वाले मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी पर निशाना साधते हुए राजस्थान की पुलिस पर एफआईआर दर्ज नहीं करने के आरोप लगाते हुए डीजीपी को कटघरे में खड़ा किया था. बुधवार को एक बार फिर दिव्या मदेरणा ने प्रदेश के डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस बार उन्होंने कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा के समर्थन में ट्वीट करते हुए डीजीपी पर निशाना साधा (Divya Maderna tweets targeting DGP of Rajasthan) है.
मदेरणा ने अपने ट्वीट में लिखा कि विधायक मलिंगा ने कहा था कि डीजीपी मुझसे व्यक्तिगत दुश्मनी रखते हैं. इस पर डीजीपी ने कहा था कि गिरफ्तारी के डर से विधायक आरोप लगा रहे हैं. लेकिन मलिंगा ने तो आज नैतिकता दिखाते हुए गिरफ्तारी से डरे बिना सरेंडर कर दिया है, लेकिन अब डीजीपी पर लगाए गए आरोपों की भी जांच बनती है. उसकी जांच कौन करेगा? अपने ट्वीट के जरिए मदेरणा ने एक बार फिर प्रदेश के डीजीपी पर सवाल खड़े किए हैं. क्योंकि कल उन्होंने डीजीपी को यह कहते हुए कटघरे में खड़ा किया था कि जब 2019 से एफआईआर दर्ज करना राज्य सरकार ने जरूरी किया है, तो फिर क्या कारण है कि पीड़िता को दिल्ली जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी.
गौरतलब है कि धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड के विद्युत निगम कार्यालय में गत 28 मार्च को सहायक अभियंता हर्षदापति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी के साथ बेरहमी से मारपीट हुई थी. जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मारपीट के मामले में घायल सहायक अभियंता ने पुलिस को पर्चा बयान दिए थे. पर्चा बयान के आधार पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 के पार्षद प्रतिनिधि समीर खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. उन पर एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया था. इसी मामले में मलिंगा ने अब समर्पण किया है.