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Congress Meet On ERCP: ईआरसीपी मुद्दा भुनाने की रणनीति पर चर्चा आज, 13 जिलों के 300 प्रतिनिधियों संग सीएम का संवाद

पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की 86 विधानसभा सीटों पर साल 2023 में भी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कांग्रेस पार्टी अब ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना को जीत का सबसे बड़ा मंत्र मान रही है. कैसे इस मुद्दे को अपने पाले में लाना है बस इसको लेकर ही आज बिरला ऑडिटोरियम में संवाद (Congress Meet On ERCP) होगा. जिसमें सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अजय माकन शामिल होंगे. सूत्र ईआरसीपी पर मेहरबानी के पीछे का एक और अहम कारण गिनाते हैं. ये सूबे की मुखिया की छुपी 'इच्छा' से जुड़ा है!

Congress Meet On ERCP
ईआरसीपी मुद्दा भुनाने की रणनीति पर चर्चा आज
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Published : Jul 6, 2022, 7:53 AM IST

Updated : Jul 6, 2022, 2:19 PM IST

जयपुर. कांग्रेस दिलोजान से मिशन 2023 के लिए एक मजबूत और टिकाऊ मुद्दे की तलाश में है. शायद उसकी ये उम्मीद ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना पूरी करता है (Congress Meet On ERCP). तभी इसके नफे नुकसान का गणित लोगों को और अपने अपनों को समझाने की कोशिश की जा रही है. भाजपा को उसके टूल के जरिए ही घेर रही है. दरअसल, ईआरसीपी को खाका भी तत्कालीन प्रदेश भाजपा ने ही खींचा था और परियोजना को लेकर पीएम तक हरी झंडी दे चुके थे. लेकिन दिसंबर 2018 में जनता का फरमान कांग्रेस के पक्ष में आया तो इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी ब्रेक लग गया. इसी ब्रेक का कारण भुनाना चाहती है कांग्रेस. जताना चाहती है कि 13 जिलों की जनता की फिक्र को वो समझती है. पानी की किल्लत का दर्द उसे भाजपा के मुकाबले ज्यादा पता है. कुल मिलाकर कांग्रेस 2018 में मिली बढ़त को बरकरार रखने की जुगत में है.

जादूगर का छुपा एजेंड!: विशेषज्ञ मानते हैं कि राजनीति के माहिर खिलाड़ी 'जादूगर' अशोक गहलोत इस मुद्दे को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Gehlot Vs Pilot) के बरअक्स खड़ा करना चाहते हैं. पूर्वी राजस्थान में पायलट का अच्छा खासा होल्ड है. 2018 में उनकी मेहनत और चेहरे ने कांग्रेस को खास मुकाम दिला दिया. लेकिन 2020 में पायलट के बागी तेवरों ने सीएम को नाराज कर दिया. नाराजगी अब भी कई मंचों पर जाहिर की जाती रही है. यही वजह है कि इस क्षेत्र में वो 'ईआरसीपी बनाम पायलट' के जरिए मैजिक क्रिएट करना चाहते हैं. 2023 के रण में बतौर हथियार नहर परियोजना का इस्तेमाल करना चाहते हैं.

पढ़ें-गहलोत ने पायलट के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को बताया निकम्मा, कहा-पीएम मोदी को निकम्मे मंत्री की क्या जरूरत

ये भी पढ़ें-Congress Focuses on ERCP: उदयपुर घटना से फीका पड़ा अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन, ERCP को ही कांग्रेस बनाएगी मुद्दा...6 जुलाई को सड़क पर उतरेगी पार्टी

गहलोत डोटासरा के साथ दिखेंगे मकान: पूर्वी राजस्थान के लिए ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना काफी महत्वपूर्ण है. तभी सीएम अशोक गहलोत संग प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अजय माकन लंबे समय बाद एक मंच पर दिखेंगे. इनके संग पूर्वी राजस्थान के सभी 13 जिलों भरतपुर ,अलवर, कोटा, झालावाड़ ,सवाई माधोपुर,बारां, अजमेर, टोंक, करौली, बूंदी ,दौसा ,जयपुर और धौलपुर से कांग्रेस के सभी मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद, जिला प्रमुख समेत स्थानीय निकायों के पदाधिकारी और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य जयपुर में जुटेंगे. सभी जयपुर के बिरला सभागार में खुला संवाद करेंगे (Samvad On ERCP). चर्चा करेंगे कि कैसे पूर्वी राजस्थान में इस मुद्दे के सहारे कांग्रेस की नैया पार लगाई जाए.

जयपुर. कांग्रेस दिलोजान से मिशन 2023 के लिए एक मजबूत और टिकाऊ मुद्दे की तलाश में है. शायद उसकी ये उम्मीद ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना पूरी करता है (Congress Meet On ERCP). तभी इसके नफे नुकसान का गणित लोगों को और अपने अपनों को समझाने की कोशिश की जा रही है. भाजपा को उसके टूल के जरिए ही घेर रही है. दरअसल, ईआरसीपी को खाका भी तत्कालीन प्रदेश भाजपा ने ही खींचा था और परियोजना को लेकर पीएम तक हरी झंडी दे चुके थे. लेकिन दिसंबर 2018 में जनता का फरमान कांग्रेस के पक्ष में आया तो इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी ब्रेक लग गया. इसी ब्रेक का कारण भुनाना चाहती है कांग्रेस. जताना चाहती है कि 13 जिलों की जनता की फिक्र को वो समझती है. पानी की किल्लत का दर्द उसे भाजपा के मुकाबले ज्यादा पता है. कुल मिलाकर कांग्रेस 2018 में मिली बढ़त को बरकरार रखने की जुगत में है.

जादूगर का छुपा एजेंड!: विशेषज्ञ मानते हैं कि राजनीति के माहिर खिलाड़ी 'जादूगर' अशोक गहलोत इस मुद्दे को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Gehlot Vs Pilot) के बरअक्स खड़ा करना चाहते हैं. पूर्वी राजस्थान में पायलट का अच्छा खासा होल्ड है. 2018 में उनकी मेहनत और चेहरे ने कांग्रेस को खास मुकाम दिला दिया. लेकिन 2020 में पायलट के बागी तेवरों ने सीएम को नाराज कर दिया. नाराजगी अब भी कई मंचों पर जाहिर की जाती रही है. यही वजह है कि इस क्षेत्र में वो 'ईआरसीपी बनाम पायलट' के जरिए मैजिक क्रिएट करना चाहते हैं. 2023 के रण में बतौर हथियार नहर परियोजना का इस्तेमाल करना चाहते हैं.

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गहलोत डोटासरा के साथ दिखेंगे मकान: पूर्वी राजस्थान के लिए ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना काफी महत्वपूर्ण है. तभी सीएम अशोक गहलोत संग प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अजय माकन लंबे समय बाद एक मंच पर दिखेंगे. इनके संग पूर्वी राजस्थान के सभी 13 जिलों भरतपुर ,अलवर, कोटा, झालावाड़ ,सवाई माधोपुर,बारां, अजमेर, टोंक, करौली, बूंदी ,दौसा ,जयपुर और धौलपुर से कांग्रेस के सभी मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद, जिला प्रमुख समेत स्थानीय निकायों के पदाधिकारी और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य जयपुर में जुटेंगे. सभी जयपुर के बिरला सभागार में खुला संवाद करेंगे (Samvad On ERCP). चर्चा करेंगे कि कैसे पूर्वी राजस्थान में इस मुद्दे के सहारे कांग्रेस की नैया पार लगाई जाए.

Last Updated : Jul 6, 2022, 2:19 PM IST
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