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राजस्थान में यूरिया संकट : यूरिया के लिए सीएम ने लिखा पत्र...पीएम से पर्याप्त यूरिया आपूर्ति की मांग

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर (CM wrote letter for urea) प्रदेश में किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया खाद मुहैया कराने की अपील (Demand for adequate urea supply from PM) की है. पत्र के जरिए सीएम गहलोत ने स्वीकृत आवंटन के अनुपात में राजस्थान को कम यूरिया की आपूर्ति (shortage of urea in rajasthan) की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया.

Demand for adequate urea supply from PM
राजस्थान में यूरिया संकट
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Published : Dec 10, 2021, 9:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान में यूरिया की कमी से किसान परेशान हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य भी केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को पत्र लिखकर और फोन पर बात कर राजस्थान में यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने की मांग (Demand for adequate urea supply from PM) कर चुके हैं. आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान में यूरिया की आपूर्ति संतुलित तरीके से करने की मांग की है.

प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं आयुक्त कृषि भी केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय जाकर यूरिया खाद की कम आपूर्ति के कारण प्रदेश के किसानों को आ रही कठिनाइयों से अवगत करा चुके हैं. इसके अतिरिक्त भारत सरकार की ओर से हर सप्ताह की जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी राज्य सरकार यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आग्रह करती रही है. इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने दिसम्बर माह में 3.52 लाख मीट्रिक टन यूरिया के आवंटन की पूर्ण आपूर्ति किये जाने एवं राज्य को प्रतिदिन कम से कम 5 रैक यूरिया जिसमें 15,000 मीट्रिक टन मात्रा आती है, उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है.

13.50 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता

बता दें कि राज्य में रबी सीजन के दौरान सामान्यतः 90 से 95 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई होती है, जिसके लिए 13.50 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता रहती है. इस वर्ष सितम्बर महीने के अन्त में अच्छी वर्षा होने की वजह से सरसों एवं चने की बुवाई अधिक क्षेत्र में हुई, जिसके चलते इस बार बुवाई क्षेत्र 1 करोड़ हैक्टेयर रहने का अनुमान है. राज्य में सरसों का क्षेत्र औसतन 27 लाख हैक्टेयर रहता था, जो इस वर्ष बढ़कर 33 लाख हैक्टेयर तक रहने का अनुमान है.

पढ़ें- DAP के बाद किसानों के सामने यूरिया संकट, बाजार में मांग के अनुरूप नहीं मिल रही सप्लाई

विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया

रबी की बुवाई के दौरान राज्य को डीएपी उर्वरक की कम आपूर्ति होने के चलते किसानों ने विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया का उपयोग किया. जिसके कारण राज्य में यूरिया की आंकलित मांग 13.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 14.50 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है. इस मांग की पूर्ति के लिए भारत सरकार की ओर से माह अक्टूबर एवं नवम्बर 2021 में 8 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग को स्वीकृत किया गया, लेकिन आपूर्ति मात्र 5.52 लाख मीट्रिक टन की ही करवाई गई.

2.48 मीट्रिक टन यूरिया की कमी

इसके कारण नवम्बर माह के अन्त तक राज्य में आवंटन के विरूद्ध 2.48 मीट्रिक टन यूरिया की कमी (urea crisis in rajasthan) उत्पन्न हो गई. कई क्षेत्रों में माह नवम्बर में व्यापक वर्षा के कारण एक साथ यूरिया की मांग का आना एवं भारत सरकार की ओर से स्वीकृत मांग से भी कम आपूर्ति करना कृषकों के लिये परेशानी का कारण बना.

कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे भण्डारण करने की बजाय अपनी आवश्यकता के अनुसार ही पीओएस मशीन के जरिए निर्धारित 266.50 रूपये प्रति बैग की दर से ही यूरिया खरीदें. कहीं जमाखोरी, कालाबाजारी या मुनाफाखोरी की जानकारी मिले तो स्थानीय कृषि विभाग या जिला प्रशासन को सूचित करें, जिससे कि ऐसे लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जा सके.

जयपुर. राजस्थान में यूरिया की कमी से किसान परेशान हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य भी केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को पत्र लिखकर और फोन पर बात कर राजस्थान में यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने की मांग (Demand for adequate urea supply from PM) कर चुके हैं. आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान में यूरिया की आपूर्ति संतुलित तरीके से करने की मांग की है.

प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं आयुक्त कृषि भी केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय जाकर यूरिया खाद की कम आपूर्ति के कारण प्रदेश के किसानों को आ रही कठिनाइयों से अवगत करा चुके हैं. इसके अतिरिक्त भारत सरकार की ओर से हर सप्ताह की जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी राज्य सरकार यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आग्रह करती रही है. इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने दिसम्बर माह में 3.52 लाख मीट्रिक टन यूरिया के आवंटन की पूर्ण आपूर्ति किये जाने एवं राज्य को प्रतिदिन कम से कम 5 रैक यूरिया जिसमें 15,000 मीट्रिक टन मात्रा आती है, उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है.

13.50 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता

बता दें कि राज्य में रबी सीजन के दौरान सामान्यतः 90 से 95 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई होती है, जिसके लिए 13.50 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता रहती है. इस वर्ष सितम्बर महीने के अन्त में अच्छी वर्षा होने की वजह से सरसों एवं चने की बुवाई अधिक क्षेत्र में हुई, जिसके चलते इस बार बुवाई क्षेत्र 1 करोड़ हैक्टेयर रहने का अनुमान है. राज्य में सरसों का क्षेत्र औसतन 27 लाख हैक्टेयर रहता था, जो इस वर्ष बढ़कर 33 लाख हैक्टेयर तक रहने का अनुमान है.

पढ़ें- DAP के बाद किसानों के सामने यूरिया संकट, बाजार में मांग के अनुरूप नहीं मिल रही सप्लाई

विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया

रबी की बुवाई के दौरान राज्य को डीएपी उर्वरक की कम आपूर्ति होने के चलते किसानों ने विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया का उपयोग किया. जिसके कारण राज्य में यूरिया की आंकलित मांग 13.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 14.50 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है. इस मांग की पूर्ति के लिए भारत सरकार की ओर से माह अक्टूबर एवं नवम्बर 2021 में 8 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग को स्वीकृत किया गया, लेकिन आपूर्ति मात्र 5.52 लाख मीट्रिक टन की ही करवाई गई.

2.48 मीट्रिक टन यूरिया की कमी

इसके कारण नवम्बर माह के अन्त तक राज्य में आवंटन के विरूद्ध 2.48 मीट्रिक टन यूरिया की कमी (urea crisis in rajasthan) उत्पन्न हो गई. कई क्षेत्रों में माह नवम्बर में व्यापक वर्षा के कारण एक साथ यूरिया की मांग का आना एवं भारत सरकार की ओर से स्वीकृत मांग से भी कम आपूर्ति करना कृषकों के लिये परेशानी का कारण बना.

कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे भण्डारण करने की बजाय अपनी आवश्यकता के अनुसार ही पीओएस मशीन के जरिए निर्धारित 266.50 रूपये प्रति बैग की दर से ही यूरिया खरीदें. कहीं जमाखोरी, कालाबाजारी या मुनाफाखोरी की जानकारी मिले तो स्थानीय कृषि विभाग या जिला प्रशासन को सूचित करें, जिससे कि ऐसे लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जा सके.

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