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कोरोना समीक्षा बैठक में सीएम ने चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें के ड्यूटी प्रोटोकॉल में जरूरी बदलाव के दिए आदेश

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Published : Aug 18, 2020, 8:20 AM IST

मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी से बचाव और मृत्युदर में कमी लाने के लिए गंभीर मरीजों की देखभाल पर फोकस करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. साथ ही आईसीयू में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें के ड्यूटी प्रोटोकॉल में जरूरी बदलाव करने के आदेश दिए हैं.

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सीएम ने चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें के ड्यूटी प्रोटोकॉल में जरूरी बदलाव के आदेश दिए

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में दूसरे राज्यों के मुकाबले कोरोना की रिकवरी रेट बेहतर होने और मृत्युदर कम होने के बावजूद हमें क्रिटिकल केयर पर फोकस करना होगा. राज्य सरकार ने बीते कुछ महीनों के दौरान चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार जिला स्तर तक कर दिया है. अब मरीजों का जीवन बचाने के लिए इन सभी उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में टूटे कोरोना के सारे रिकॉर्ड, 24 घंटे में 1,334 नए केस आए सामने

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी से बचाव और मृत्युदर में कमी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गंभीर मरीजों की देखभाल पर फोकस किया जाए. उन्होंने इसके लिए आईसीयू में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें के ड्यूटी प्रोटोकॉल में जरूरी बदलाव करने के आदेश दिए हैं.

आईसीयू बेड पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने पर विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में कोरोना के कहर से मरने वालों की संख्या 50 हजार से भी अधिक हो गई है, जो चिंता का विषय है. ऐसे में प्रदेश में अधिक सतर्कता बरतते हुए आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले कोरोना मरीजों की देखभाल का जिम्मा सर्वाधिक योग्य, अनुभवी और सतर्क चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें को दिया जाए.

उन्होंने कहा कि रात के समय ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों को अधिक अलर्ट और जिम्मेदार रहने की जरूरत होती है, क्योंकि कई बार रात के समय ही मरीज के ऑक्सीजन के स्तर में अचानक गिरावट आ जाती है. उन्होंने कहा कि आईसीयू और ऑक्सीजन बेड पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने पर विचार किया जा सकता है.

स्वास्थ्य मित्र योजना शहरी क्षेत्रों में भी होगी लागू

गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों को कोविड-19 तथा अन्य बीमारियों से बचाव के क्रम में चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए लागू की गई स्वास्थ्य मित्र योजना को शहरी क्षेत्रों में भी लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सुपर स्प्रेडर के कारण कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के जागरूकता अभियान में स्वास्थ्य मित्रों की मदद लेने का सुझाव दिया है. बैठक में बताया गया कि विभिन्न जिलों में चयनित स्वास्थ्य मित्रों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है और अब वे क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए जुटेंगे.

नियमित टीकाकरण के कार्य में कोई कोताही नहीं हो

गहलोत ने अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के नियमित टीकाकरण के कार्य में कोई कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बीते कुछ महीनों के दौरान लॉकडाउन और आवागमन के संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण जो महिलाएं और बच्चे आवश्यक टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं पहुंच सके, उन्हें चिन्हित कर टीकाकरण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को मौसमी बीमारियों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण में वृद्धि के प्रति सतर्क रहने के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन से मिले सचिन पायलट

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव, अति. मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति हेमन्त गेरा, शासन सचिव स्वायत शासन भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में दूसरे राज्यों के मुकाबले कोरोना की रिकवरी रेट बेहतर होने और मृत्युदर कम होने के बावजूद हमें क्रिटिकल केयर पर फोकस करना होगा. राज्य सरकार ने बीते कुछ महीनों के दौरान चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार जिला स्तर तक कर दिया है. अब मरीजों का जीवन बचाने के लिए इन सभी उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी से बचाव और मृत्युदर में कमी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गंभीर मरीजों की देखभाल पर फोकस किया जाए. उन्होंने इसके लिए आईसीयू में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें के ड्यूटी प्रोटोकॉल में जरूरी बदलाव करने के आदेश दिए हैं.

आईसीयू बेड पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने पर विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में कोरोना के कहर से मरने वालों की संख्या 50 हजार से भी अधिक हो गई है, जो चिंता का विषय है. ऐसे में प्रदेश में अधिक सतर्कता बरतते हुए आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले कोरोना मरीजों की देखभाल का जिम्मा सर्वाधिक योग्य, अनुभवी और सतर्क चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियाें को दिया जाए.

उन्होंने कहा कि रात के समय ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों को अधिक अलर्ट और जिम्मेदार रहने की जरूरत होती है, क्योंकि कई बार रात के समय ही मरीज के ऑक्सीजन के स्तर में अचानक गिरावट आ जाती है. उन्होंने कहा कि आईसीयू और ऑक्सीजन बेड पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने पर विचार किया जा सकता है.

स्वास्थ्य मित्र योजना शहरी क्षेत्रों में भी होगी लागू

गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों को कोविड-19 तथा अन्य बीमारियों से बचाव के क्रम में चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए लागू की गई स्वास्थ्य मित्र योजना को शहरी क्षेत्रों में भी लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सुपर स्प्रेडर के कारण कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के जागरूकता अभियान में स्वास्थ्य मित्रों की मदद लेने का सुझाव दिया है. बैठक में बताया गया कि विभिन्न जिलों में चयनित स्वास्थ्य मित्रों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है और अब वे क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए जुटेंगे.

नियमित टीकाकरण के कार्य में कोई कोताही नहीं हो

गहलोत ने अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के नियमित टीकाकरण के कार्य में कोई कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बीते कुछ महीनों के दौरान लॉकडाउन और आवागमन के संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण जो महिलाएं और बच्चे आवश्यक टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं पहुंच सके, उन्हें चिन्हित कर टीकाकरण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को मौसमी बीमारियों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण में वृद्धि के प्रति सतर्क रहने के निर्देश दिए.

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बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव, अति. मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति हेमन्त गेरा, शासन सचिव स्वायत शासन भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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