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PM मोदी की VC में गहलोत ने प्रदेश के लिए मांगे 1 लाख करोड़, इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल भी लागू करे केंद्र

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Published : Apr 2, 2020, 6:06 PM IST

कोरोना वायरस से देशभर में उपजे संकट की स्थिति में राज्य सरकारों की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इस महामारी से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करवाई जाए.

प्रधानमंत्री मोदी से सीएम गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंस, CM Gehlot's video conference with Prime Minister Modi
प्रधानमंत्री मोदी से सीएम गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंस

जयपुर. देश में कोरोना संकट से उपजी स्थितियों के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गुरुवार को संवाद किया. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करवाई जाए.

साथ ही संकट की इस घड़ी में आवश्यक वस्तुओं, दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल शीघ्र लागू करे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से बेसहारा एवं निराश्रितों, गरीबों, निर्माण श्रमिकों सहित तमाम जरूरतमंद वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए फैसलों से की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार का पर्याप्त सहयोग राज्यों के लिए बेहद जरूरी है.

प्रधानमंत्री मोदी से सीएम गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंस

उधार लेने की क्षमता बढ़ाई जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के कारण देश के अधिकतर राज्य पहले से ही विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन होने से प्रदेश का पूरा अर्थतंत्र प्रभावित हो रहा है. उद्योग-धंधे बंद पडे़ हैं. राजस्व अर्जन की ज्यादातर गतिविधियां बंद होने से लक्ष्य के मुकाबले काफी कम राजस्व एकत्र हो पाया है.

पढ़ें- परोपकारी पहल: महंत काशीनाथ महाराज ने लिया निर्णय, 30 किराएदारों से लॉकडाउन में नहीं लेंगे किराया

जबकि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार को जरूरतमंद वर्गों को अतिरिक्त सहायता एवं आर्थिक पैकेज उपलब्ध करवाना पड़ा है. इसके चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राहत पैकेज उपलब्ध करवाए. प्रदेश के लिए उधार लेने की क्षमता को 2 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की जाए.

उपकरणों की खरीद का समन्वय हो

गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए फिलहाल सभी राज्य पीपीई उपकरणों एवं वेंटिलेटर की अलग-अलग खरीद कर रहे हैं. इससे इनकी दरें ज्यादा आने के साथ ही उनमें भिन्नता भी रहती है. केंद्र सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से इस खरीद व्यवस्था का समन्वय करे, ताकि सभी राज्यों को जरूरी मेडिकल उपकरण एवं वेंटिलेटर उचित दरों पर एवं समय पर उपलब्ध हो सकें.

मनरेगा का पैसा एडवांस मिले

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि गरीब तबके को संकट के इस समय में और मदद मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को रजिस्टर्ड एवं एक्टिव मनरेगा श्रमिकों का पैसा एडवांस दे. साथ ही केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं को राज्य की ओर से देय ऋण की किश्तों को भी स्थगित करें.

पढ़ें- लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों को बेदखल नहीं कर सकेंगे नियोक्ता : केंद्र सरकार

चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे काम

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस आपदा का पूरे संकल्प एवं समर्पण भाव के साथ सामना कर रही है. हम इस चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं. इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर वॉर रूम बनाए गए हैं. निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर ग्रुप भी बनाया गया है. राज्य आइसोलेशन के लिए एक लाख बेड की व्यवस्था कर ली गई है. पूर्व में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए विकसित की गई जांच एवं अन्य सुविधाओं, अनुभवों का भी हमें लाभ मिल रहा है.

हर वर्ग को पहुंचाई राहत

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए. इसके लिए 78 लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली पेंशन का फरवरी माह का भुगतान कर दिया गया है. मार्च माह का भुगतान भी इसी सप्ताह हो जाएगा. राज्य सरकार इस पर 1500 करोड़ रूपए वहन कर रही है.

साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद वर्गों के करीब 31 लाख परिवारों को 2500 रूपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध करवाई जा रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. देश में कोरोना संकट से उपजी स्थितियों के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गुरुवार को संवाद किया. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करवाई जाए.

साथ ही संकट की इस घड़ी में आवश्यक वस्तुओं, दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल शीघ्र लागू करे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से बेसहारा एवं निराश्रितों, गरीबों, निर्माण श्रमिकों सहित तमाम जरूरतमंद वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए फैसलों से की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार का पर्याप्त सहयोग राज्यों के लिए बेहद जरूरी है.

प्रधानमंत्री मोदी से सीएम गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंस

उधार लेने की क्षमता बढ़ाई जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के कारण देश के अधिकतर राज्य पहले से ही विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन होने से प्रदेश का पूरा अर्थतंत्र प्रभावित हो रहा है. उद्योग-धंधे बंद पडे़ हैं. राजस्व अर्जन की ज्यादातर गतिविधियां बंद होने से लक्ष्य के मुकाबले काफी कम राजस्व एकत्र हो पाया है.

पढ़ें- परोपकारी पहल: महंत काशीनाथ महाराज ने लिया निर्णय, 30 किराएदारों से लॉकडाउन में नहीं लेंगे किराया

जबकि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार को जरूरतमंद वर्गों को अतिरिक्त सहायता एवं आर्थिक पैकेज उपलब्ध करवाना पड़ा है. इसके चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राहत पैकेज उपलब्ध करवाए. प्रदेश के लिए उधार लेने की क्षमता को 2 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की जाए.

उपकरणों की खरीद का समन्वय हो

गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए फिलहाल सभी राज्य पीपीई उपकरणों एवं वेंटिलेटर की अलग-अलग खरीद कर रहे हैं. इससे इनकी दरें ज्यादा आने के साथ ही उनमें भिन्नता भी रहती है. केंद्र सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से इस खरीद व्यवस्था का समन्वय करे, ताकि सभी राज्यों को जरूरी मेडिकल उपकरण एवं वेंटिलेटर उचित दरों पर एवं समय पर उपलब्ध हो सकें.

मनरेगा का पैसा एडवांस मिले

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि गरीब तबके को संकट के इस समय में और मदद मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को रजिस्टर्ड एवं एक्टिव मनरेगा श्रमिकों का पैसा एडवांस दे. साथ ही केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं को राज्य की ओर से देय ऋण की किश्तों को भी स्थगित करें.

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चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे काम

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस आपदा का पूरे संकल्प एवं समर्पण भाव के साथ सामना कर रही है. हम इस चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं. इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर वॉर रूम बनाए गए हैं. निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर ग्रुप भी बनाया गया है. राज्य आइसोलेशन के लिए एक लाख बेड की व्यवस्था कर ली गई है. पूर्व में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए विकसित की गई जांच एवं अन्य सुविधाओं, अनुभवों का भी हमें लाभ मिल रहा है.

हर वर्ग को पहुंचाई राहत

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए. इसके लिए 78 लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली पेंशन का फरवरी माह का भुगतान कर दिया गया है. मार्च माह का भुगतान भी इसी सप्ताह हो जाएगा. राज्य सरकार इस पर 1500 करोड़ रूपए वहन कर रही है.

साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद वर्गों के करीब 31 लाख परिवारों को 2500 रूपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध करवाई जा रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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