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राजस्थान को सुशासन का मॉडल बनाने का रहेगा प्रयास: सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की पहली बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थिति में प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास को बनाए रखना चुनौती है. हमारा प्रयास है कि विशेषज्ञों की राय के आधार पर आर्थिक सुधार और संसाधनों का समुचित उपयोग कर राजस्थान को सुशासन के एक मॉडल के रूप में स्थापित किया जाए.

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सीएम गहलोत ने कह कि राजस्थान को सुशासन का मॉडल बनाने का रहेगा प्रयास
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Published : Oct 16, 2020, 5:34 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की पहली बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में आर्थिक मंदी, नोटबंदी, जीएसटी संग्रहण में कमी और कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट ने हमें अवसर दिया है कि सतत विकास के लिए हम आर्थिक सुधार करने के साथ ही गवर्नेंस के मॉडल में भी बदलाव लाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय में राजस्थान पहले जैसा बीमारू प्रदेश नहीं रहा है. प्रदेश में लगातार आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, उद्योग आदि क्षेत्रों में राजस्थान तेजी से आगे बढ़ा है.

सीएम ने कहा कि विकास की इस गति को आगे भी बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि इच्छाशक्ति के साथ मजबूत फैसले लिए जाएं, जिनसे राजस्थान की तस्वीर बदल सके. सीएम गहलोत ने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करने, ऑर्गेनिक खेती, गरीब बच्चों तक डिजिटल शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, चिकित्सा सेवाओं के विस्तार, पर्यटन तथा सामाजिक सुरक्षा आदि क्षेत्रों में हमें आगे बढ़ने की जरूरत है. इसके साथ ही हमारा राजकोषीय प्रबंधन कैसे बेहतर हो, यह हमारी प्राथमिकता में है. हमारा प्रयास है कि कुशल वित्तीय प्रबंधन कर हम राजस्थान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं ताकि हमारा प्रदेश विकास के टे्रक पर तेजी से दौड़ सके.

यह भी पढ़ें- समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली की खरीद, 20 अक्टूबर से ऑनलाइन पंजीयन होगा शुरू

परिषद के सदस्य एवं जाने-माने उद्योगपति एलएन मित्तल ने राजस्थान के विकास के लिए इस नवाचार का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना जैसे मुश्किल दौर में भी राजस्थान का प्रबंधन शानदार रहा है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन की दिशा में ट्रिपल आईटी के विशेषज्ञों के अनुभव का उपयोग कर सकती है. उन्होंने राज्य सरकार की सोलर एवं विंड एनर्जी पॉलिसी का स्वागत करते हुए कहा कि उनका समूह इस क्षेत्र में राजस्थान में निवेश करेगा. एयरटेल के पूर्व प्रेसीडेंट नावेद खान ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर एवं हस्तशिल्प उद्योग राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकता है. सरकार इन्हें प्रोत्साहन दे. चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. शिव कुमार सरीन ने निरोगी राजस्थान को जन-जन तक पहुंचाने, प्रदेश में फार्मा उद्योग को बढ़ाने तथा जेएलएफ की तर्ज पर मेडिकल फेस्टीवल आयोजित किए जाने का सुझाव दिया.

जाने-माने कृषि अर्थशास्त्री डॉ. अशोक गुलाटी ने कृषि के क्षेत्र में राजस्थान में व्यापक संभावनाओं के दृष्टिगत पानी, पशुधन और किसान केंद्रीत कार्यक्रमों को प्रमुखता देने की बात कही. चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी ने चिकित्सा क्षेत्र में टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने एवं नर्सिंग शिक्षा के विस्तार पर जोर दिया. प्रमुख शिक्षाविद् डॉ. दिनेश सिंह ने इकॉनोमी को नॉलेज आधारित बनाने पर बल दिया. प्रसिद्ध बैंकर नैना लाल किद्वई ने महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए माइक्रो फाइनेंस से जोड़ने का सुझाव दिया. आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रो. इरोल डिसूजा, जेएनयू की प्रोफेसर कविता सिंह, इन्फ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ अमित कपूर, अर्थशास्त्री रेथिन रॉय, पेट्रोलियम विशेषज्ञ विक्रम मेहता, राज्यसभा सदस्य राजीव गौड़ा, टे्रड एक्सपर्ट प्रदीप मेहता, कलाकार एवं कला विशेषज्ञ नंदिता दास आदि सदस्यों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

यह भी पढ़ें- RPSC सदस्यों के चयन पर सियासी उबाल, भाजपा के आरोप पर मंत्री खाचरियावास का पलटवार

उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि परिषद में विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने विशेषज्ञों को शामिल किया गया है और उनसे मिले सुझाव काफी महत्वपूर्ण हैं. इन सुझावों पर अमल कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकता है. परिषद के उपाध्यक्ष अरविंद मायाराम ने स्वागत उद्बोधन देते हुए परिषद के गठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. शासन सचिव आयोजना सिद्धार्थ महाजन ने बैठक के प्रारम्भ में राजस्थान के आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की पहली बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में आर्थिक मंदी, नोटबंदी, जीएसटी संग्रहण में कमी और कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट ने हमें अवसर दिया है कि सतत विकास के लिए हम आर्थिक सुधार करने के साथ ही गवर्नेंस के मॉडल में भी बदलाव लाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय में राजस्थान पहले जैसा बीमारू प्रदेश नहीं रहा है. प्रदेश में लगातार आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, उद्योग आदि क्षेत्रों में राजस्थान तेजी से आगे बढ़ा है.

सीएम ने कहा कि विकास की इस गति को आगे भी बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि इच्छाशक्ति के साथ मजबूत फैसले लिए जाएं, जिनसे राजस्थान की तस्वीर बदल सके. सीएम गहलोत ने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करने, ऑर्गेनिक खेती, गरीब बच्चों तक डिजिटल शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, चिकित्सा सेवाओं के विस्तार, पर्यटन तथा सामाजिक सुरक्षा आदि क्षेत्रों में हमें आगे बढ़ने की जरूरत है. इसके साथ ही हमारा राजकोषीय प्रबंधन कैसे बेहतर हो, यह हमारी प्राथमिकता में है. हमारा प्रयास है कि कुशल वित्तीय प्रबंधन कर हम राजस्थान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं ताकि हमारा प्रदेश विकास के टे्रक पर तेजी से दौड़ सके.

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परिषद के सदस्य एवं जाने-माने उद्योगपति एलएन मित्तल ने राजस्थान के विकास के लिए इस नवाचार का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना जैसे मुश्किल दौर में भी राजस्थान का प्रबंधन शानदार रहा है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन की दिशा में ट्रिपल आईटी के विशेषज्ञों के अनुभव का उपयोग कर सकती है. उन्होंने राज्य सरकार की सोलर एवं विंड एनर्जी पॉलिसी का स्वागत करते हुए कहा कि उनका समूह इस क्षेत्र में राजस्थान में निवेश करेगा. एयरटेल के पूर्व प्रेसीडेंट नावेद खान ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर एवं हस्तशिल्प उद्योग राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकता है. सरकार इन्हें प्रोत्साहन दे. चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. शिव कुमार सरीन ने निरोगी राजस्थान को जन-जन तक पहुंचाने, प्रदेश में फार्मा उद्योग को बढ़ाने तथा जेएलएफ की तर्ज पर मेडिकल फेस्टीवल आयोजित किए जाने का सुझाव दिया.

जाने-माने कृषि अर्थशास्त्री डॉ. अशोक गुलाटी ने कृषि के क्षेत्र में राजस्थान में व्यापक संभावनाओं के दृष्टिगत पानी, पशुधन और किसान केंद्रीत कार्यक्रमों को प्रमुखता देने की बात कही. चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी ने चिकित्सा क्षेत्र में टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने एवं नर्सिंग शिक्षा के विस्तार पर जोर दिया. प्रमुख शिक्षाविद् डॉ. दिनेश सिंह ने इकॉनोमी को नॉलेज आधारित बनाने पर बल दिया. प्रसिद्ध बैंकर नैना लाल किद्वई ने महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए माइक्रो फाइनेंस से जोड़ने का सुझाव दिया. आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रो. इरोल डिसूजा, जेएनयू की प्रोफेसर कविता सिंह, इन्फ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ अमित कपूर, अर्थशास्त्री रेथिन रॉय, पेट्रोलियम विशेषज्ञ विक्रम मेहता, राज्यसभा सदस्य राजीव गौड़ा, टे्रड एक्सपर्ट प्रदीप मेहता, कलाकार एवं कला विशेषज्ञ नंदिता दास आदि सदस्यों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

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उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि परिषद में विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने विशेषज्ञों को शामिल किया गया है और उनसे मिले सुझाव काफी महत्वपूर्ण हैं. इन सुझावों पर अमल कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकता है. परिषद के उपाध्यक्ष अरविंद मायाराम ने स्वागत उद्बोधन देते हुए परिषद के गठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. शासन सचिव आयोजना सिद्धार्थ महाजन ने बैठक के प्रारम्भ में राजस्थान के आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया.

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