जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की दूसरे राज्यों के साथ सीमाओं पर प्रवासियों के प्रवेश को रोका नहीं गया है, बल्कि अंतरराज्यीय आवागमन को सुगम बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जिन लोगों को ई-पास जारी हो चुके हैं, उनके राजस्थान में प्रवेश पर कोई रोक नहीं है. इसी प्रकार, राजस्थान में फंसे हुए अन्य राज्यों के प्रवासी भी भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अनुमति लेकर अपने स्थान पर जा सकते हैं.
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सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण से बचाव की स्थिति की नियमित समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना और कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकना है. उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय, अंतरजिला और जिले के अंदर आवागमन को सुगम बनाने के लिए अनुमति देने की प्रक्रिया को अधिक बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शुक्रवार को ही स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किया गया है. उन्होंने ई-पास की अनुमति के लिए जिला स्तर पर विशेष सेल बनाने के निर्देश दिए है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के तीसरे चरण के लागू होने के समय राजस्थान के 10 जिले ग्रीन जोन में थे, जो संक्रमण बढ़ने से घटकर 2 रह गए हैं. इस कारण श्रमिकों और अन्य प्रवासियों के आवागमन की प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाया गया है. साथ ही, आपात स्थिति में राजस्थान में अंतरजिला आवागमन के लिए कलेक्टर और उपखण्ड अधिकारी (एसडीएम) को पास जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है.
दूसरे राज्यों के श्रमिकों से पैदल नहीं निकलने की अपील
मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों के श्रमिकों से अपने गृह राज्य के लिए पैदल नहीं निकलने की अपील करते हुए कहा कि वे बिना अनुमति लिए प्रस्थान ना करें. निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर अनुमति प्राप्त करने वाले श्रमिकों के लिए राजस्थान सरकार उनके गृह राज्य से एनओसी प्राप्त कर उचित प्रबंध कर रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 18 लाख लोग अंतरराज्यीय आवागमन के लिए रजिस्टर करा चुके हैं, जिनमें से 11 लाख लोग प्रदेश में आने वाले हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को यहां आना तब तक संभव नहीं है, जब तक लॉकडाउन समाप्त होने पर नियमित रूप से सड़क, हवाई और रेलवे सेवाएं शुरू नहीं हो जाएं.
गहलोत ने कहा कि आवागमन के लिए प्राथमिकता उन लोगों को मिलनी चाहिए, जो धार्मिक यात्रा, पर्यटन, व्यापार या अस्थाई रूप से किसी दूसरे राज्य में गए और अचानक लॉकडाउन के कारण वहां फंस गए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी ऐसे लोगों को अपने गृह स्थान जाने के लिए यह छूट दी है. शेष प्रवासियों से पुनः आग्रह है कि धैर्य बनाए रखें और अपने स्थान पर रहें. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति दूसरे राज्य से आएगा उसे 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन की असुविधा का सामना करना पडे़गा, इसलिए जल्दबाजी नहीं करें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल प्रवासी बंधु ही नहीं पूरे प्रदेश और देश में सभी लोग लॉकडाउन के कारण मानसिक रूप से परेशान हैं. इसका अहसास हम सभी को और राज्य सरकार को भी है. एक तरफ लोगों का जीवन बचना सर्वोपरि है, तो आजीविका का महत्व भी कम नहीं है. इसीलिए प्रदेश में मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू करके संक्रमण को रोकने और आमजन जीवन को पटरी पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.