जयपुर. कोविड-19 महामारी से उपजी विषम आर्थिक परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय प्रबंधन के जरिए विभिन्न योजनाओं के लिए 427 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया है. राज्य निधि से संचालित योजनाओं के साथ ही केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में भी राज्य की हिस्सा राशि उपलब्ध करवा कर विकास औक सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है. अतिरिक्त प्रावधान किए जाने से योजनाओं को गति मिलेगी.
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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण योजना में 33 करोड़ 10 लाख रुपए, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के लिए 16 करोड़ 13 लाख रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) के तहत टेक्सटाइल उद्योग क्षेत्र में अनुदान के भुगतान के लिए 73 करोड़ रुपए, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत राज्यांश के रूप में 108 करोड़ 25 लाख 81 हजार रुपए के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दी गई है.
अमृत योजना के लिए 134 करोड़...
अमृत योजना के तहत राज्य की हिस्सा राशि के रूप में 134 करोड़ 37 लाख रुपए का अतिरिक्त प्रावधान स्वीकृत किया है. इससे केन्द्रीय सहायता के रूप में प्राप्त 41 करोड़ 25 लाख रूपए का उपयोग इस योजना के तहत प्रदेश के चयनित शहरों में जलापूर्ति, स्वच्छता, सीवरेज प्रबंधन आदि कार्यों में किया जा सकेगा.
सरिस्का टाइगर प्रोजेक्ट को मिलेगी गति...
सरिस्का टाइगर प्रोजेक्ट में ग्राम विस्थापन कार्य के लिए राज्यांश के रूप में 3 करोड़ 28 लाख रुपए उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र में बाघों तथा अभयारण्य के संरक्षण के उद्देश्य से ग्राम विस्थापन के कार्य को गति दी जा सकेगी.
खाद्य मिशन, कृषि सिंचाई के लिए अतिरिक्त बजट...
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य मिशन (दलहन) के लिए राज्यांश के रूप में 29 करोड़ 26 लाख रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है. अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 6 करोड़ 75 लाख रुपए के अतिरिक्त प्रावधान को स्वीकृति दी है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशैड कंपोनेंट) के अन्तर्गत राज्य के हिस्से के रूप में 13 करोड़ 51 लाख का अतिरिक्त प्रावधान किया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान के लिए राज्य के अंश के रूप में 10 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है.