जयपुर. सीएम अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान आवासन मण्डल की विधायक आवास परियोजना, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब प्रोजेक्ट और आईएएस परियोजना सहित मण्डल के अन्य प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास और शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नए विधायक आवासों में पर्याप्त जगह के साथ विभिन्न सुविधाएं होंगी. इससे विधायकों से मिलने आने वाले उनके क्षेत्र के लोगों को भी परेशानी नहीं होगी. उन्होंने इस परियोजना को मूर्त रूप देने में सहयोग के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को साधुवाद दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के पास प्रस्तावित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के निर्माण से पहले आवासन मण्डल के अधिकारी दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब जाकर वहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लें और वैसी ही सुविधाएं यहां विकसित करें. उन्होंने कहा कि इस क्लब में वर्तमान के साथ पूर्व विधायकों को भी सदस्यता दी जाए. उन्होंने विधायक आवास परियोजना और कॉन्स्टीट्यूशन क्लब दोनों परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से पूरी करने के निर्देश दिए.
गहलोत ने कहा कि राजस्थान आवासन मण्डल एक समय में बंद होने के कगार पर था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार की इच्छाशक्ति और आवासन मण्डल के अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्पण भाव से काम करने का ही परिणाम है कि पिछले कुछ समय में मंडल को नया जीवन मिला है. उन्होंने जयपुर शहर में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि 20 साल पहले के जयपुर की आज से तुलना की जाए तो काफी बदलाव आया है. शहर में फ्लाईओवर, अण्डरपास, चौड़ी सड़कें बनी हैं, यह सब मजबूत इच्छा शक्ति की वजह से संभव हो पाया है.
यह भी पढ़ेंः कमेटी या जुमला : कमेटियों में उलझी राज्य कमर्चारियों की मांगें...अब आंदोलन की राह पर 8 लाख कर्मचारी
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने विधायकों के आवास की परियोजना को मूर्त रूप देने और इसके लिए वित्तीय प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि अभी तक विधायक अलग-अलग जगह बने आवासों में रह रहे थे. एक साथ 160 आवास बनने से वे एक-दूसरे से वैचारिक चर्चाएं कर पाएंगे और आपसी संबंध प्रगाढ़ होंगे. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना समय पर पूरी होगी.
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि सभी विधायकों को एक ही जगह पर आवास उपलब्ध कराने के लिए बरसों से लंबित योजना आज मूर्त रूप ले रही है. आवासन मण्डल के माध्यम से विधायक आवास परियोजना के साथ ही मानसरोवर में 52 एकड़ में सेंट्रल पार्क, प्रताप नगर में ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के लिए आवास योजना, कोचिंग हब और स्टूडियो अपार्टमेंट्स जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं हाथ में ली गई हैं. उन्होंने कहा कि मकानों की बिक्री और दुकानों की नीलामी से बोर्ड ने अच्छा राजस्व प्राप्त किया है. इसके अलावा करीब 500 करोड़ रुपए की प्रापर्टी से कब्जे हटवाकर उन्हें खाली करवाया है.
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि नए आवास बनने से जनप्रतिनिधियों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी तो वे जन सेवा के काम और अच्छे तरीके से कर पाएंगे. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि विधायकों के लिए नए आवास बनने के बाद उन्हें अपने क्षेत्र से आने वाले लोगों को बिठाने और उनकी समस्याएं सुनने में आसानी होगी. उन्होंने बहुप्रतीक्षित विधायक आवास परियोजना को मूर्त रूप देने और विधायकों को शिफ्ट करने के चुनौतीपूर्ण कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के साथ ही नगरीय आवास मंत्री को भी साधुवाद दिया. उन्होंने कहा कि एक साथ रहने पर विधायकों के परिवारों को एक-दूसरे से जुड़ने का मौका मिलेगा.
266 करोड़ रुपए की लागत से बनेंगे 160 फ्लैट्स
266 करोड़ रुपए की लागत से 24,160 वर्गमीटर क्षेत्र में 6 ब्लॉक में कुल 160 फ्लैट्स निर्मित किए जा रहे हैं. इसमें क्लब हाउस, एसटीपी, गैस बैंक और मीटर्ड गैस पाइपलाइन जैसी सुविधाएं भी होंगी. परियोजना क्षेत्र में 40,000 वर्गफीट का सेन्ट्रल पार्क होगा. अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित होने वाले इन आवासों में राजस्थान शैली के स्थापत्य की झलक मिलेगी. उन्होंने बताया कि मण्डल की ओर से ऑल इंडिया सर्विसेज के अधिकारियों के लिए स्व वित्त पोषित परियोजना के तहत प्रतापनगर में 17,860 वर्गमीटर क्षेत्र में एआईएस रेजीडेंसी में 125 करोड़ रुपए की लागत से 180 फ्लैट्स निर्मित किए जाएंगे.