जयपुर. कोरोना संक्रमण के बीच प्रदूषण से होने वाले नुकसान को देखते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों की बिक्री को लेकर सरकार से जवाब मांगा है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए पटाखों और आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण का हवाला देते हुए इसका उपयोग नहीं करने की अपील की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाई कोर्ट की टिप्पणी के आने के बाद सोशल मीडिया पर आम जनता से अपील करते हुए कहा कि पटाखे और आतिशबाजी खतरनाक है.
सीएम ने का कि त्योहार में इसके उपयोग से बचना चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों की राय और अनुभव के मुताबिक प्रदूषण के कारण कोरोना वायरस के मरीजों की सांस लेने में समस्या बढ़ सकती है. इसकी वजह से मृत्यु दर में भी इजाफा होने की आशंका है. ऐसी परिस्थितियों में दशहरा और दिवाली के त्योहार में हमें पटाखों और आतिशबाजी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. इसके अलावा सर्दियों के दौरान कोरोना के संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ सकता है. इसलिए लोगों को शादी समारोह और त्योहार के जश्न के दौरान ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए खुशियों के इस त्योहार में कोई अनहोनी नहीं हो, किसी तरह की कोई दुखद घटना नहीं हो, इसको लेकर अपील की है. बता दें कि राजस्थान में इस दिवाली में आतिशबाजी और पटाखों की गूंजी नहीं हो इसको लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से नोटिस जारी कर पूछा है कि इस दिवाली पर पटाखों पर पाबंदी लगा दी जाए. कोर्ट ने मुख्यसचिव, गृह विभाग के सचिव प्रमुख, चिकित्सा सचिव, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और डीजीपी से जवाब मांगा है. अब सरकार हाईकोर्ट में अपना जवाब देकर यह स्पष्ट करेगी कि इस बार दिवाली में पटाखे और आतिशबाजी पर रोक रहेगी या नहीं.