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स्वर्णिम विजय दिवस पर गहलोत सरकार की घोषणा, शहीद के दूर परिजन नवासा-नवासी भी होंगे नौकरी के पात्र - CM Gehlot in Vijay Diwas programme

स्वर्णिम विजय दिवस पर गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने बड़ी घोषणा की है. अब शहीद के दूर परिजन नवासा, नवासी भी नौकरी के पात्र होंगे.

Gehlot Government, Vijay Diwas programme
CM Gehlot
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Published : Dec 16, 2021, 5:28 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 10:25 PM IST

जयपुर. स्वर्णिम विजय दिवस पर गहलोत सरकार ने सैनिकों के आश्रितों के लिए बड़ी घोषणा की है. सरकार अब शहीद के दूर परिजन जिसमें नवासा, नवासी भी नौकरी के पात्र मानते हुए नौकरी (martyr grandson granddaughter get job) देगी. इसके लिए गहलोत सरकार नियमों में परिवर्तन करने जा रही है. जिसकी घोषणा सीएम गहलोत ने घोषणा की.

उन्होंने शहीदों के आश्रितों की श्रेणी में शहीद की पुत्री के पुत्र और पुत्री (नवासा-नवासी), दत्तक नवासा-नवासी और शहीद के भाई-बहन के पुत्र और पुत्री को भी सम्मिलित करने की घोषणा की .

गहलोत सरकार की घोषणा

सीएम गहलोत गुरूवार को स्वर्णिम विजय दिवस के 50 साल पूरे होने के अवसर पर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti in Jaipur) पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे . मुख्यमंत्री की इस घोषणा से 1971 के भारत-पाक युद्ध (CM Gehlot in Vijay Diwas programme) में शहीद हुए सैन्य अधिकारियों-जवानों के आश्रितों को नियुक्ति मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा . पूर्व के नियमों में 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 1970 तक के राजस्थान के शहीदों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को नियुक्ति देने का प्रावधान है.

यह भी पढ़ें. CM Gehlot on religion based politics : धर्म के नाम पर देश बनाना आसान, लेकिन वह कायम नहीं रह सकता...पाकिस्तान और रूस उदाहरण हैंः गहलोत

हमारी सेनाओं के पराक्रम के आगे पाकिस्तान ने घुटने टेके

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 16 दिसंबर 1971 के दिन को याद (1971 war) किया. उन्होंने कहा कि देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मजबूत इच्छा शक्ति और दृढ निश्चय के साथ ही हमारी सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के आगे पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेक दिए. बांगलादेश का एक अलग राष्ट्र के रूप में उदय हुआ .

राजस्थान के हर घर में शहादत का जज्बा

गहलोत ने कहा कि मुझे गर्व है कि में ऐसे प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं जहां हर घर में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहादत का जज्बा है . उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध (Kargil war) में शहीद हुए प्रदेश के जवानों के घर जाने का मुझे मौका मिला तो वहां शहीद बेटे की मां और पिता ने अपने दूसरे बेटे को भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर भेजने का जज्बा नजर आया . हमारी सशस्त्र सेनाओं के इस अदम्य साहस और पराक्रम पर हम सभी को गर्व है.

शहीदों की वीरांगनाओं का शॉल ओढाकर सम्मान

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 1971 की लड़ाई में शहीद हुए लांस नायक बहादुर सिंह की वीरांगना मिश्री देवी, शहीद रायफलमैन मोहन सिंह की वीरांगना नवल कंवर, शहीद ग्रेनेडियर सरदार सिंह की वीरांगना रूपा देवी को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. इसी प्रकार शहीद रायफल मैन रामसिंह के पुत्र नरेन्द्र सिंह, शहीद भारतीय नौसेना के जवान मदन सिंह के पुत्र नरेन्द्र सिंह शेखावत और शहीद हुकमाराम के पुत्र बलवीर जितरवाल को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया.

जयपुर. स्वर्णिम विजय दिवस पर गहलोत सरकार ने सैनिकों के आश्रितों के लिए बड़ी घोषणा की है. सरकार अब शहीद के दूर परिजन जिसमें नवासा, नवासी भी नौकरी के पात्र मानते हुए नौकरी (martyr grandson granddaughter get job) देगी. इसके लिए गहलोत सरकार नियमों में परिवर्तन करने जा रही है. जिसकी घोषणा सीएम गहलोत ने घोषणा की.

उन्होंने शहीदों के आश्रितों की श्रेणी में शहीद की पुत्री के पुत्र और पुत्री (नवासा-नवासी), दत्तक नवासा-नवासी और शहीद के भाई-बहन के पुत्र और पुत्री को भी सम्मिलित करने की घोषणा की .

गहलोत सरकार की घोषणा

सीएम गहलोत गुरूवार को स्वर्णिम विजय दिवस के 50 साल पूरे होने के अवसर पर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti in Jaipur) पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे . मुख्यमंत्री की इस घोषणा से 1971 के भारत-पाक युद्ध (CM Gehlot in Vijay Diwas programme) में शहीद हुए सैन्य अधिकारियों-जवानों के आश्रितों को नियुक्ति मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा . पूर्व के नियमों में 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 1970 तक के राजस्थान के शहीदों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को नियुक्ति देने का प्रावधान है.

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हमारी सेनाओं के पराक्रम के आगे पाकिस्तान ने घुटने टेके

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 16 दिसंबर 1971 के दिन को याद (1971 war) किया. उन्होंने कहा कि देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मजबूत इच्छा शक्ति और दृढ निश्चय के साथ ही हमारी सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के आगे पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेक दिए. बांगलादेश का एक अलग राष्ट्र के रूप में उदय हुआ .

राजस्थान के हर घर में शहादत का जज्बा

गहलोत ने कहा कि मुझे गर्व है कि में ऐसे प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं जहां हर घर में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहादत का जज्बा है . उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध (Kargil war) में शहीद हुए प्रदेश के जवानों के घर जाने का मुझे मौका मिला तो वहां शहीद बेटे की मां और पिता ने अपने दूसरे बेटे को भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर भेजने का जज्बा नजर आया . हमारी सशस्त्र सेनाओं के इस अदम्य साहस और पराक्रम पर हम सभी को गर्व है.

शहीदों की वीरांगनाओं का शॉल ओढाकर सम्मान

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 1971 की लड़ाई में शहीद हुए लांस नायक बहादुर सिंह की वीरांगना मिश्री देवी, शहीद रायफलमैन मोहन सिंह की वीरांगना नवल कंवर, शहीद ग्रेनेडियर सरदार सिंह की वीरांगना रूपा देवी को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. इसी प्रकार शहीद रायफल मैन रामसिंह के पुत्र नरेन्द्र सिंह, शहीद भारतीय नौसेना के जवान मदन सिंह के पुत्र नरेन्द्र सिंह शेखावत और शहीद हुकमाराम के पुत्र बलवीर जितरवाल को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया.

Last Updated : Dec 16, 2021, 10:25 PM IST
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