जयपुर. चूरू जिले के खारिया गांव के रहने वाले दंपती की संतान हेमंत 'एसएमए-2' (Spinal Muscular Atrophy Type 2) नामक की दुर्लभ और गंभीर बीमारी से ग्रसित है. महज 19 महीने के मासूम हेमंत के परिजनों का कहना है कि इसके इलाज के लिए 16 करोड़ कीमत का जोलगेन्स्मा इंजेक्शन (Zolgensma Injection) काफी मददगार साबित हो सकता है.
वहीं, अगर दो साल की उम्र से पहले हेमंत को ये इंजेक्शन नहीं लगाया जाएगा तो आगे चलकर उसकी जान को खतरा भी हो सकता है. परिजन बताते हैं कि हेमंत का आधा शरीर काम नहीं कर रहा है. ऐसे में समय पर दवा नहीं मिलने से उसकी परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है.
हेमंत के पिता विजेंद्र सिंह एक फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं. लिहाजा वो इतने महंगे इंजेक्शन खरीदने और इलाज करवा पाने की स्थिति में नहीं हैं. मजबूरन मदद के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालांकि, हेमंत से मिलने के बाद सम्पूर्ण शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर बच्चे की जान बचाने का आग्रह किया है.
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क्या है SMA बीमारी...
स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (एसएमए) एक आनुवांशिक बीमारी है, जो नर्वस सिस्टम और स्वैच्छिक मांसपेशी के काम को प्रभावित करती है. इस बीमारी के कारण हाथ, पैर और श्वसन तंत्र की मांसपेशियां आम तौर पर पहले प्रभावित होती हैं. डॉक्टरों के अनुसार एसएमए (SMA) एक असाध्य रोग है, जिसमें जन्मजात बच्चों के धीरे-धीरे मांसपेशियां कमजोर होती हैं. उम्र बढ़ने के साथ-साथ रोग बढ़ता जाता है.