जयपुर. पाली में शराब ठेकेदार की ओर से बच्चों से कराई जा रही शराब की बिक्री के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीर मानते हुए पाली जिला कलेक्टर, जिला आबकारी अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास ने आगामी 10 फरवरी तक इन अधिकारियों को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञानः पाली में बच्चों के जरिए शराब की बिक्री से जुड़ी खबर मीडिया में प्रकाशित होने के बाद राज्य मानव अधिकार आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास की एकल पीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया. आयोग ने माना कि यह घटना वास्तविकता में छोटे बच्चों के मानव अधिकारों का हनन है.
प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकारः आयोग ने अपने निर्णय में यह भी लिखा कि संविधान अनुच्छेद 21 प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार देता है, लेकिन मौजूदा मामले में शराब ठेके के छोटे बच्चों को खेलों में गली-गली घूमकर शराब बेचने के लिए बच्चों को दी जाती है. जो बच्चों के मानव अधिकार का हनन है. आयोग ने इस मामले की विशेषज्ञों से जांच करवा कर 10 फरवरी तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.