जयपुर. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को राहत पैकेज दिलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे सांसद किरोड़ी लाल मीणा के मामले को बाल संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बच्चों को धरने में शामिल करने के मामले में संज्ञान लेते हुए नोटिस भी जारी किया है. आयोग ने कड़े शब्दों में अनाथ बच्चों को सिर्फ राजनीति चमकाने के लिए सड़क पर धरने पर बिठाने की कड़े शब्दों में निंदा की.
आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि संज्ञान में आया है कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा दौसा के कुछ अनाथ बच्चों को जिनके माता-पिता कोरोना काल में दुनिया छोड़ कर चले गए हैं, उन्हें सहायता दिलाने के लिए मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बिठाया है. किसी भी जनप्रतिनिधि को यह शोभा नहीं देता कि वह सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए पीड़ित अनाथ बच्चों को इस तरह सड़कों पर धरने पर बिठा दे.
उन्होंने कहा कि संज्ञान में आया कि बच्चों को हाथों में तख्तियां देकर उन्हें धरने पर बिठाया गया है जोकि बेहद गलत है. सांसद किरोड़ी लाल मीणा से इस पूरे प्रकरण का जवाब मांगा जाएगा. संगीता बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए जो मुख्यमंत्री कोरोना सहायता कोष बनाया है उसमें इन बच्चों के लिए कई तरह की घोषणा की गई है.
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इन बच्चों को तत्काल 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने, शिक्षा और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं बच्चों के 18 साल की उम्र होने पर उन्हें एक साथ 5 लाख की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी. संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग भी लगातार ऐसे बच्चों के आंकड़े जुटा रहा है.