जयपुर. राजधानी के एक स्कूल में बच्चों को ऑनलाइन कक्षा से वंचित करने के मामले में बाल सरंक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रशासन को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी से भी इन मामले में 7 दिनों में मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि बाल संरक्षण आयोग को जयश्री पेडिवाल स्कूल के खिलाफ शिकायत मिली थी कि फीस नहीं देने के चलते स्कूल प्रशासन ने बच्चे को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित कर दिया है. इसके बद बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में संज्ञान लिया और जिला शिक्षा अधिकारी से 7 दिन में पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही स्कूल प्रशासन को भी नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.
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बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना संक्रमण के इस दौरान कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे को फीस जमा नहीं करने की स्थिति में शिक्षा से वंचित नहीं कर सकते. स्कूल प्रशासन की ओर चलाई जा रही ऑनलाइन क्लासेज में सभी बच्चों को शिक्षा देना अनिवार्य किया गया है, चाहे वो फीस जमा करने वाले का बच्चा हो या फीस जमा नहीं करने वाले का बच्चा हो. सभी बच्चों को स्कूल की ओर से ऑनलाइन कक्षा में बैठाना अनिवार्य है.
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बेनीवाल ने कहा कि जयपुर की जयश्री पेरीवाल स्कूल के खिलाफ अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बच्चों को फीस जमा नहीं होने की स्थिति में ऑनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है. यह बहुत गंभीर मामला है. इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है. संगीता बेनीवाल ने कहा कि स्कूल प्रशासन को भी नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे इस पूरे मामले का स्पष्टीकरण मांगा गया है. यो मामला गंभीर है और अन्य स्कूल तरह सब बच्चों को फीस के अभाव में वंचित नहीं करें, इसलिए इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग की ओर से मामले को संज्ञान लेने के बाद स्कूल प्रशासन ने ऑनलाइन शिक्षा से वंचित बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज में फिर से जोड़ लिया गया है.