जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में अवमाना मामलों के निस्तारण और वास्तु स्थति को लेकर मुख्य सचिव ने सभी विभागों के साथ बैठक की. जहां मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने अवमानना मामले को लेकर गंभीरता दिखने और उसके निस्तारण को लेकर निर्देश दिए. 24 अगस्त को मुख्य सचिव सभी विभागों की रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष पेश होंगे.
मुख्य सचिव ने अवमानना प्रकरणों की विभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि अधिकारी इसे विशेष गंभीरता से लें और प्रभावी मॉनिटरिंग कर पालना कराएं. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के प्रकरणों को निस्तारित कराने में कार्मिक और वित्त विभाग की काफी महती भूमिका है. इसलिए यह दोनों विभाग सक्रिय भूमिका निभाकर पालना रिपोर्ट प्रस्तुत कराने में मदद करें. न्यायालय के निर्णय की शीघ्रता से पालना कराएं या अपील दायर कराएं.
उन्होंने कहा कि किसी प्रकरण में उच्च न्यायालय का निर्णय आने पर उसी प्रकृति के अन्य समान प्रकरणों में भी वही प्रोटोकॉल लागू करें और प्रकरणों का निस्तारण करें. बैठक में शिक्षा और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि अधिकतर अवमानना प्रकरणों में पालना रिपोर्ट भिजवा दी गई है, लेकिन प्रकरण निस्तारित नहीं हुए हैं. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को 19 अगस्त तक पालना हो चुके प्रकरणों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता, पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा, वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा, उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार.
कार्मिक विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत, कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा, पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, विधि विभाग के शासन सचिव हुकमसिंह राजपुरोहित, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त सहित विभिन्न विभागों के शासन सचिव और अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहे.