जयपुर. राज्य में संस्कृत शिक्षा, टीएडी, नगरीय विकास विभाग, विभिन्न न्यायालयों के लिए नए पद स्वीकृत किए गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर राज्य सरकार युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए लगातार विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भर रही है, साथ ही जरूरत के हिसाब से नए पदों का सृजन भी किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा, टीएडी एवं नगरीय विकास विभाग के साथ ही विभिन्न न्यायालयों के लिए 337 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है. साथ ही सुनियोजित नगरीय विकास के लिए सहायक नगर नियोजक के 46 पदों पर भर्ती की भी स्वीकृति दी है.
संस्कृत शिक्षा में 308 नए पद...
मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा विभाग में 308 नए शैक्षणिक पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इनमें प्राचार्य के 48, प्रधानाध्यापक के 10, व्याख्याता के 184 और तृतीय श्रेणी अध्यापक के 66 पद शामिल हैं. इन पदों के सृजन से संस्कृत शिक्षा विभाग में क्रमोन्नत और नए खोले गए विद्यालयों में जरूरत के हिसाब से शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे.
छात्रावास अधीक्षक के 4 नए पद...
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग में कॉलेज छात्रावास अधीक्षक के 4 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति दी है. सराड़ा, सलूम्बर, खैरवाड़ा एवं आबूरोड में नवनिर्मित कॉलेज छात्रावासों के लिए ये पद मंजूर किए गए हैं. इन छात्रावासों के संचालन के लिए रसोइये, चौकीदार, चतुर्थ श्रेणी कार्मिक और साफ-सफाई कार्य के लिए जॉब बेसिस पर आउटसोर्सिंग सेवाएं लेने पर भी सहमति दी है.
न्यायालयों के लिए 25 पद...
मुख्यमंत्री ने नवसृजित 8 न्यायालयों में विशिष्ट लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक, शीघ्र लिपिक, क्लर्क ग्रेड द्वितीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के कुल 25 पदों के सृजन की मंजूरी दी है. इनमें नवसृजित विशिष्ट न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) श्रीगंगानगर के लिए विशिष्ट लोक अभियोजक, शीघ्र लिपिक, क्लर्क ग्रेड द्वितीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के के एक-एक पद के सृजन को मंजूरी दी है. सांगानेर, सांचौर, बिलाड़ा, देसूरी, अटरू, सिकराय एवं पिंडवाड़ा में अपर जिला न्यायाधीश के नवसृजित न्यायालय के लिए अपर लोक अभियोजक, क्लर्क ग्रेड द्वितीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के एक-एक पद सृजित करने की मंजूरी दी है.
एटीपी के 46 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती...
नगर नियोजन विभाग, विभिन्न प्राधिकरणों, न्यासों एवं अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं में सहायक नगर नियोजक और सहायक नगर नियोजक (पीआर) के 46 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती करने की सहमति भी मुख्यमंत्री ने दी है. मुख्यमंत्री ने इन पदों पर राजस्थान लोकसेवा आयोग से नियमित चयनित या फिर पदोन्नत अभ्यर्थी उपलब्ध होने तक अर्जेन्ट टेम्पररी आधार पर अस्थाई नियुक्ति किए जाने की भी मंजूरी दी है.