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राजस्थान में थर्मल इकाइयों को कोयले की आपूर्ति होगी सुचारू...पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में उत्खनन की अनुमति मिली

राजस्थान की थर्मल इकाइयों को कोयला आपूर्ति को लेकर सीएम अशोक गहलोत के प्रयास (CM Gehlot Chhattisgarh visit successful) रंग लाए हैं. सीएम गहलोत के आग्रह पर छत्तीसगढ़ सरकार ने पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन (chattisgarh government allows Excavation) के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति दे दी है.

chattisgarh government allows Excavation
राजस्थान में थर्मल इकाइयों को कोयले की आपूर्ति होगी सुचारू
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Published : Mar 26, 2022, 5:32 PM IST

जयपुर. राज्य की थर्मल इकाइयों को कोयला आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयास (CM Gehlot Chhattisgarh visit successful) रंग लाए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन (chattisgarh government allows Excavation) के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति दे दी है. अब प्रदेश की थर्मल इकाइयों को कोयले की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी.

उन्होंने राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में माइनिंग करने की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री की बघेल के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ को समुचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.

पढ़ें-Ashok Gehlot Chhattisgarh Visit : मोदी सरकार पर जमकर बरसे गहलोत, कहा- लोकतंत्र खतरे में है, संविधान की उड़ाई जा रही धज्जियां

रंग लाया प्रयासः बता दें कि भारत सरकार ने राजस्थान को वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ के पारसा ईस्ट-कांटा बासन (पीईकेबी) में 15 एमटीपीए और पारसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किए थे. पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस माह में पूरा हो चुका है. ऐसे में राजस्थान की विद्युत उत्पादन इकाइयों के लिए यहां से कोयले की आपूर्ति (Coal Crisis in Rajasthan) नहीं होने से राज्य में विद्युत संकट उत्पन्न होने की स्थिति बन गई थी. गहलोत ने पर्यावरण संरक्षण और राजस्थान की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से इस विषय पर जल्द समुचित सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया था.

जयपुर. राज्य की थर्मल इकाइयों को कोयला आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयास (CM Gehlot Chhattisgarh visit successful) रंग लाए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन (chattisgarh government allows Excavation) के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति दे दी है. अब प्रदेश की थर्मल इकाइयों को कोयले की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी.

उन्होंने राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में माइनिंग करने की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री की बघेल के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ को समुचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.

पढ़ें-Ashok Gehlot Chhattisgarh Visit : मोदी सरकार पर जमकर बरसे गहलोत, कहा- लोकतंत्र खतरे में है, संविधान की उड़ाई जा रही धज्जियां

रंग लाया प्रयासः बता दें कि भारत सरकार ने राजस्थान को वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ के पारसा ईस्ट-कांटा बासन (पीईकेबी) में 15 एमटीपीए और पारसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किए थे. पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस माह में पूरा हो चुका है. ऐसे में राजस्थान की विद्युत उत्पादन इकाइयों के लिए यहां से कोयले की आपूर्ति (Coal Crisis in Rajasthan) नहीं होने से राज्य में विद्युत संकट उत्पन्न होने की स्थिति बन गई थी. गहलोत ने पर्यावरण संरक्षण और राजस्थान की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से इस विषय पर जल्द समुचित सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया था.

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