जयपुर. एंटीक और पुरखों के हथियारों को अब आप अपने घर पर संजो कर रख सकेंगे. प्रदेश की गहलोत सरकार ने एंटीक (100 साल पुराने हथियार) और क्यूरियो हथियार (50 साल पुराने या पौराणिक हथियार) रखने की मंजूरी दे दी है. गृह विभाग ने इस संबंध में डीजीपी जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी कर दिए हैं. हालांकि, इसके लिए पहले इन हथियारों को निष्क्रिय करवाना होगा, ताकि इनका किसी तरह से उपयोग नहीं किया जा सके.
राज्य सरकार ने बदला नियम : बता दें कि ऐतिहासिक, प्राचीन और एंटीक हथियारों को रखने को लेकर आ रही दिक्कतों की शिकायतों पर प्रदेश की गहलोत सरकार ने फरवरी 2021 में नियमाें में संशोधन कर दिया. इसके तहत क्यूरियो और एंटीक हथियारों को लाइसेंस और रिन्यूअल की प्रक्रिया से मुक्त कर दिया. गृह विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया था कि दो से ज्यादा एंटीक हथियारों को रखने की आवश्यकता में तीसरे हथियार को निष्क्रिय करना (Third antique weapon to be inactive) होगा.
यह नियम रहेंगे लागू:
- नए संशोधन के बाद लोगों के पास दो विकल्प आ गए हैं. अगर लोगों के पास तीसरा हथियार है और वह किसी काम का नहीं, तो उसे निष्क्रिय करवाएं.
- दूसरे विकल्प के रूप में पुराने हथियार हर साल रिन्यूअल कराने के झंझट से मुक्ति.
- इन हथियारों को घर में ही रखा जा सकता है, कहीं ले जाया नहीं जा सकता.
- किसी शस्त्रधारी को अपने लाइसेंस पर दर्ज फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने का आवेदन करने पर यह कार्रवाई की जाएगी.
- आवेदक के पास वैद्य लाइसेंस होना जरूरी है.
- फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने के लिए पुलिस लाइन के आर्मोरर को निर्देश दिया जाएगा.
- इसके बाद आवेदक निर्धारित तारीख पर आर्मोरर से हथियार निष्क्रिय करवाएगा.
- फिर आर्मोरर हथियार निष्क्रियीकरण का प्रमाण पत्र जारी करेगा.
- कलेक्टर-कमिश्नर प्रमाण-पत्र के आधार पर फायर आर्म्स को लाइसेंस से डिलीट करने के आदेश जारी करेंगे.
- आवेदक निष्क्रिय किए गए फायर आर्म्स का पुन: उपयाेग, मरम्मत और परिवहन नहीं करेगा, केवल सुरक्षित रख सकेगा.
- प्राधिकृत अधिकारी निष्क्रिय किए गए हथियारों और उनके मालिकों का रिकॉर्ड रखेगा.
आर्म्स एक्ट 1959 में संशोधन : दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिसम्बर 2019 में आर्म्स एक्ट 1959 में संशोधन कर दिया. इस संशोधन के अनुसार व्यक्ति तीन के बजाय दो ही हथियार रख सकता है. संशोधन के बाद तीसरा हथियार रखने को लेकर आ रही परेशानियों को देखते हुए यह राहत दी गई. बता दें कि उन लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही थी, जिनके पास पुरखों के हथियार थे. ऐसे में पीढ़ी दर पीढ़ी लोग उन हथियारों को अपने पास रखते आ रहे हैं. आर्म्स एक्ट में संशोधन होने के बाद दो ही हथियार रखने के बाद उन्हें हथियार बेचने पड़ रहे थे या थाने में जमा कराने पड़ रहे थे अथवा निस्तारित करने पड़ रहे थे.