जयपुर. नया साल हो या कोई भी उत्सव हो, आमतौर पर लोग अपने रिश्तेदारों के साथ ही फेस्टिवल को सेलिब्रेट करते हैं. लेकिन समाज में कई लोग ऐसे भी हैं जो इन खुशियों को जरूरतमंदों के साथ बांटते हैं. जयपुर में ट्रांस वेलफेयर सोसायटी (Trans Welfare Society Jaipur New Year Celebration) के सदस्यों ने जरूरतमंद और विशेष बच्चों के साथ नये साल को सेलिब्रेट (Celebrated New Year in Jaipur) किया.
बच्चों को गिफ्ट में खिलौने और मिठाई मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बच्चों ने फिल्मी गानों पर जमकर डांस किया और नए साल का जश्न मनाया. सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों की मानें तो नए साल के पहले दिन विशेष और जरूरतमंद बच्चों (Celebrated New Year in Jaipur with special children) के बीच पहुंचकर उन्हें खुशी का एहसास हुआ.
उन्होंने नए साल का अनूठे ढंग से आगाज किया. बच्चों को उपहार में खिलौने व मिठाईयां दीं. गिफ्ट पाकर इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान छा गई. इसके बाद यहां डांस पार्टी का भी आयोजन किया गया. बच्चों और सामाजिक संगठन से जुड़े इन लोगों ने फिल्मी गानों पर जमकर डांस किया. मेडिटेशन एक्सपर्ट और कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निर्मला स्वामी ने बताया कि वे और उनकी सोसायटी से जुड़े लोगों ने 2017 में यह अनूठी मुहिम शुरू की थी.
![New Year Celebration In Jaipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-04-newyear1jan-pkg-7203319_01012022160154_0101f_1641033114_152.jpg)
उन्होंने बताया कि तब से हर बार नए साल की शुरुवात इस तरह के बच्चों के साथ करते आ रहे हैं. पहले बच्चों को मेडिटेशन करवाया जाता है. इसके बाद जश्न होता है. बच्चों को उपहार भी देते हैं. उनका कहना है कि नए साल की इससे सुंदर शुरुवात नहीं हो सकती. यह ईश्वर के सामने प्रार्थना करने जैसा पवित्र काम है. इससे पूरे साल उत्साह, उमंग और ताजगी बनी रहती है.
![New Year Celebration In Jaipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-04-newyear1jan-pkg-7203319_01012022160154_0101f_1641033114_26.jpg)
सोसायटी की अध्यक्ष कोमल ने बताया कि वे 7 साल से नया साल इसी तरह मनाती आ रही हैं. इसके पीछे सोच यह थी कि जिस उत्साह और उमंग के साथ हम नए साल का आगाज करते हैं. उसी तरह ये बच्चे भी नए साल का स्वागत करें. पहले साल उन्होंने 50 बच्चों के साथ इस तरह कार्यक्रम की शुरुवात की थी. आज 350 बच्चे उनसे जुड़े हुए हैं.
हालांकि कोविड की गाइड लाइन की पालना करते हुए बच्चों की संख्या कम की गई है. उनका कहना है कि दिवाली पर भी वे इसी तरह बच्चों के साथ त्योहार मनाती हैं. नए साल का कार्यक्रम स्वागतम के नाम से हर साल किया जाता है.