जयपुर. कोरोना जब राजस्थान में पीक पर था तो RUHS से भयावह तस्वीरें आ रही थीं. अस्पताल के बरामदे तक में बेड लगे हुए थे. अस्पताल पर लगातार मरीजों का दबाव बढ़ रहा था. अब यह दवाब घर रहा है. ईटीवी भारत ने RUHS अस्पताल के अधीक्षक डॉ अजीत सिंह से इस बारे में बातचीत की.
आरयूएचएस अधीक्षक डॉ अजीत सिंह ने बताया
वो मंजर याद है जब लगातार अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही थी. बेड की संख्या कम पड़ी तो अस्पताल के फ्लोर, गलियारों, यहां तक कि जमीन पर लेटा कर भी मरीजों का इलाज किया गया. 24 घंटे अस्पताल के बाहर एंबुलेंस की लंबी कतारें लगी रहती थीऔर 24 घंटे अस्पताल में ओपीडी खुली रखती थी, ताकि जरूरतमंद मरीज को इलाज मुहैया करवाया जा सके.
घट रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले
डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में संक्रमण के मामले घट रहे हैं और धीरे-धीरे मरीजों की संख्या भी कम होने लगी है, जो सबसे बड़ी राहत की खबर है. कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में अब तक RUHS अस्पताल में करीब 20 हजार संक्रमित मरीजों का इलाज हो चुका है. कोविड-19 संक्रमण जब पीक पर था तो अस्पताल में हर दिन 200 से अधिक मरीज भर्ती किए जा रहे थे. लेकिन अब मरीजों की संख्या में काफी कमी देखने को मिली है.
अस्पताल से राहत की खबर
गंभीर मरीज अभी भी भर्ती
भले ही अस्पताल में सामान्य लक्षण वाले मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही हो, लेकिन अभी भी अस्पताल के आईसीयू में गंभीर मरीज भर्ती हैं. अस्पताल में तकरीबन 205 आईसीयू बेड हैं और सभी बेड पर कोविड-19 संक्रमण से गंभीर हालत में पहुंचे मरीज भर्ती हैं. डॉ अजीत सिंह का कहना है कि आईसीयू में अभी भी गंभीर अवस्था में मरीज भर्ती हैं. इसका एक कारण यह भी है कि प्राइवेट अस्पताल में जितने भी मरीज आईसीयू में भर्ती थे अब उन्हें आरयूएचएस में शिफ्ट किया जा रहा है. लेकिन उम्मीद है कि धीरे-धीरे आईसीयू में भी मरीजों की संख्या कम होने लगेगी.
RUHS में करीब 1200 बेड उपलब्ध
आर यू एच एस अस्पताल में तकरीबन 1200 बेड इलाज के लिए उपलब्ध हैं. जब संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते रहे थे तो अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही थी. एक ऐसा समय भी था जब अस्पताल में एक साथ 1800 मरीज भर्ती थे. मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से फर्श और गलियारों में भी बेड लगाए गए.