जयपुर. विधानसभा में कटारिया ने कहा कि जिस कैंपस में पुलिस ने कार्रवाई की, वह राजस्थान के प्रतिष्ठित समाचार पत्र का था. लेकिन जिस तरह खुद पुलिस कमिश्नर के साथ भारी पुलिस लवाजमा वहां पहुंचा और बिना किसी महिला कॉन्स्टेबल के कार्रवाई की गई, उसका औचित्य क्या था.? कटारिया के अनुसार समाचार पत्र एक सीरीज चला रहा है, जिससे नाराज होकर यह कार्रवाई हुई. वरना इसके क्या कारण थे, यह सदन में स्पष्ट कर दें.?
कटारिया ने यह भी कहा कि आज तक पुलिस कमिश्नर ऐसे किस भी प्रोग्राम में पहुंचकर 10 बजे के बाद चल रहे साउंड सिस्टम को बंद कराने नहीं पहुंचे. कटारिया ने कहा कि केवल उसी कैंपस में पुलिस घुसी, जबकि उसके 100 मीटर के आसपास और भी गार्डन थे. जहां प्रोग्राम चल रहे थे, वहां क्यों नहीं गई.
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वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. कटारिया ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से पहले क्या पुलिस ने कोई सर्च वारंट लिया था. हालांकि जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह समाचार पत्र राजस्थान का प्रतिष्ठित अखबार है और मौजूदा सरकार उसके खिलाफ इस प्रकार की कोई मंशा रखकर कार्रवाई कर ही नहीं सकती. लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने जरूर इस तरह की कार्रवाई की और इस समाचार पत्र के विज्ञापन तक रोक दिए थे.
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सदन में भाजपा के विधायकों ने हंगामा करने की कोशिश भी की, लेकिन धारीवाल बोलते रहे. धारीवाल ने कहा कि वे इस मामले की पुलिस कमिश्नर से ऊपर के स्तर के अधिकारी से जांच करवा लेंगे.