जयपुर. प्रदेश में हाल ही में कई जिलों में हुई ओलावृष्टि का मामला सोमवार को विधानसभा में उठा. इस पर सदन में विशेष चर्चा भी हुई तो सरकार की ओर से मंत्री का जवाब भी आया. सदन में प्रभावित जिलों से आने वाले विधायकों ने पीड़ित किसानों की व्यथा रखी और साथ ही सरकार से मांग की कि वे जल्द से जल्द ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों के खराबे की गिरदावरी करा कर उन्हें उचित मुआवजा दे.
वहीं धौलपुर के बाड़ी तहसील के 6 गांव में भी 33 से 50 प्रतिशत तक खराबे की प्रारंभिक रिपोर्ट है इसी तरह भरतपुर के नदबई कुम्हेर रुपावास में भी 33 प्रतिशत से कम फसल खराबे की अब तक सूचना आई है. वहीं झुंझुनू की दो तहसील मलसीसर और झुंझुनू के साथ गांव में 33 प्रतिशत से कम फसल खराबा सामने आया है.
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मंत्री ने बताया कि आगामी 5 मार्च तक गिरदावरी का काम पूरा किया जाना है लेकिन, यदि एक-दो दिन ज्यादा भी लग जाएंगे तो कोई परेशानी नहीं है. क्योंकि सभी प्रभावित किसानों को इसकी जांच में लिया जाएगा. मेघवाल ने बताया इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर और विभाग के अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं.
इससे पहले सदन में हुई चर्चा के दौरान बोलते हुए विधायक गिर्राज मलिंगा ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक ओलावृष्टि हुई है और सबसे ज्यादा पीड़ित उनके क्षेत्र के ही किसान हैं, जिन्हें सरकार जल्द से जल्द राहत पहुंचाएं.
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वहीं राजाखेड़ा से आने वाले कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने कहा कि उनके क्षेत्र में अन्य फसलें के खराबे की गिरदावरी कर ली जाएगी लेकिन, आलू की फसल जमीन के नीचे होती है और जिस तरह ओलावृष्टि हुई अधिकतर खेतों में पानी जमा हो गया जिससे यह फसलें भी खराब हो गई.
बोहरा ने मांग की कि गिरदावरी के काम में आपदा राहत के साथ ही कृषि विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों की भी मदद ली जाए, ताकि पीड़ित किसान को समुचित मुआवजा मिल सके. बानसूर से आने वाली विधायक शकुंतला रावत ने भी अपने क्षेत्र में हुई सरसों की फसल के खराबे को लेकर कहा कि क्षेत्र के लगभग हर किसान की फसलों को नुकसान हुआ है और सरकार को किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाना चाहिए.