ETV Bharat / city

अस्पताल में इलाज के दौरान 7 साल की बच्ची की मौत, प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

जयपुर में एक 7 साल की बच्ची की इलाज के दौरान मौत के मामले में प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया (Case against hospital in girl death case) है. बच्ची की मां ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

Case against hospital in girl death case
अस्पताल में इलाज के दौरान 7 साल की बच्ची की मौत, प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
author img

By

Published : Oct 3, 2022, 7:03 PM IST

जयपुर. राजधानी के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 7 साल की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. पीड़ित बच्ची के परिजनों ने प्रताप नगर थाने में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करवाया है. बच्ची को कम उम्र में ही सांस भरने की प्रॉब्लम थी. पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट पर रविवार को गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया (Case against hospital in girl death case) है.

बच्ची की मां ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना पूछे ही बच्ची पर दवाइयों का ट्रायल किया और बच्चे की मौत हो गई. बच्ची को वेंटीलेटर पर भी रखा गया. अस्पताल प्रबंधन ने रुपए बिना दिए डेड बॉडी परिजनों को नहीं दी. जबकि चिरंजीवी योजना के तहत इलाज किया जा रहा था. बच्ची के परिजन कई दिन तक पुलिस थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, तो परिजन न्यायालय की शरण में पहुंचे. आखिर न्यायालय की दखल के बाद इस्तगासा के जरिए रविवार को अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रताप नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

पढ़ें: इलाज के दौरान हिला तो डॉक्टर ने मरीज पर बरसाए थप्पड़, मथुरागेट थाने में मामला दर्ज

प्रताप नगर थाना अधिकारी भजनलाल के मुताबिक सीकर निवासी हिना शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि 7 साल की बच्ची पीहू को जयपुर के प्रतापनगर इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था. बच्ची को समस्या थी कि वह कुछ वजन उठाती थी, तो उसका सांस भरता था. डॉक्टरों का कहना था कि सामान्य समस्या है, जल्द ही सही हो जाएगी. पहले अजमेर के अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया था, जहां डॉक्टर ने एंजियोग्राफी, सीटी स्कैन समेत कई जांचें करवाई. सभी जांच नॉर्मल बताई गई थी.

पढ़ें: प्रसूता की मौत पर उम्मेद अस्पताल में हंगामा, परिजनों ने नहीं उठाया मृतका का शव, लगाया लापरवाही का आरोप

इसके बाद परिजन जयपुर के प्रतापनगर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे. जहां डॉक्टरों की सलाह पर भर्ती करवाया गया. डॉक्टरों ने नए तरीके से सभी जांचें करवाई. बच्ची को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया. 2 दिन तक बच्ची स्वस्थ थी. आईसीयू में बच्ची से परिजनों को दूर रखा गया. बच्ची की मां का आरोप है कि जबरन आईसीयू में जाने पर देखा कि बच्ची को बड़े इंजेक्शन दिए जा रहे थे.

पढ़ें: Maternal Death In Dholpur Hospital : प्रसूता की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

डॉक्टरों ने जवाब दिया कि बच्ची मर चुकी है. बच्ची के मरने के बाद भी डॉक्टर दवाओं का परीक्षण कर रहे थे. बच्ची की मां ने विरोध किया तो धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद बच्ची को वेंटीलेटर पर छोड़ दिया गया. अस्पताल प्रबंधन ने लाखों रुपयों का बिल बना दिया. रुपए नहीं देने पर बच्ची का शव देने से भी इनकार कर दिया. बच्ची की मां की रिपोर्ट के अनुसार कई दिनों बाद बच्ची का शव परिजनों को मिला. परिजनों ने बच्ची का अंतिम संस्कार किया. पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गई, तो कोर्ट से इस्तगासा करवाकर प्रताप नगर थाने में मामला दर्ज करवाया गया.

जयपुर. राजधानी के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 7 साल की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. पीड़ित बच्ची के परिजनों ने प्रताप नगर थाने में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करवाया है. बच्ची को कम उम्र में ही सांस भरने की प्रॉब्लम थी. पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट पर रविवार को गैर इरादतन हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया (Case against hospital in girl death case) है.

बच्ची की मां ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना पूछे ही बच्ची पर दवाइयों का ट्रायल किया और बच्चे की मौत हो गई. बच्ची को वेंटीलेटर पर भी रखा गया. अस्पताल प्रबंधन ने रुपए बिना दिए डेड बॉडी परिजनों को नहीं दी. जबकि चिरंजीवी योजना के तहत इलाज किया जा रहा था. बच्ची के परिजन कई दिन तक पुलिस थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, तो परिजन न्यायालय की शरण में पहुंचे. आखिर न्यायालय की दखल के बाद इस्तगासा के जरिए रविवार को अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रताप नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

पढ़ें: इलाज के दौरान हिला तो डॉक्टर ने मरीज पर बरसाए थप्पड़, मथुरागेट थाने में मामला दर्ज

प्रताप नगर थाना अधिकारी भजनलाल के मुताबिक सीकर निवासी हिना शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि 7 साल की बच्ची पीहू को जयपुर के प्रतापनगर इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था. बच्ची को समस्या थी कि वह कुछ वजन उठाती थी, तो उसका सांस भरता था. डॉक्टरों का कहना था कि सामान्य समस्या है, जल्द ही सही हो जाएगी. पहले अजमेर के अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया था, जहां डॉक्टर ने एंजियोग्राफी, सीटी स्कैन समेत कई जांचें करवाई. सभी जांच नॉर्मल बताई गई थी.

पढ़ें: प्रसूता की मौत पर उम्मेद अस्पताल में हंगामा, परिजनों ने नहीं उठाया मृतका का शव, लगाया लापरवाही का आरोप

इसके बाद परिजन जयपुर के प्रतापनगर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे. जहां डॉक्टरों की सलाह पर भर्ती करवाया गया. डॉक्टरों ने नए तरीके से सभी जांचें करवाई. बच्ची को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया. 2 दिन तक बच्ची स्वस्थ थी. आईसीयू में बच्ची से परिजनों को दूर रखा गया. बच्ची की मां का आरोप है कि जबरन आईसीयू में जाने पर देखा कि बच्ची को बड़े इंजेक्शन दिए जा रहे थे.

पढ़ें: Maternal Death In Dholpur Hospital : प्रसूता की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

डॉक्टरों ने जवाब दिया कि बच्ची मर चुकी है. बच्ची के मरने के बाद भी डॉक्टर दवाओं का परीक्षण कर रहे थे. बच्ची की मां ने विरोध किया तो धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद बच्ची को वेंटीलेटर पर छोड़ दिया गया. अस्पताल प्रबंधन ने लाखों रुपयों का बिल बना दिया. रुपए नहीं देने पर बच्ची का शव देने से भी इनकार कर दिया. बच्ची की मां की रिपोर्ट के अनुसार कई दिनों बाद बच्ची का शव परिजनों को मिला. परिजनों ने बच्ची का अंतिम संस्कार किया. पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गई, तो कोर्ट से इस्तगासा करवाकर प्रताप नगर थाने में मामला दर्ज करवाया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.