ETV Bharat / city

नजूल संपत्तियों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग की कवायद तेज, सभी जिलों से सूचना और विभागों से मांगी रिपोर्ट - Shanti dhariwal will take cabinet sub commitee meeting

प्रदेश के नजूल संपत्तियों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने कवायद तेज कर दी है. इसके लिए विभाग ने नूजल संपत्तियों के लिए सभी जिलों से सूचना और विभागों रिपोर्ट मांगी है. जिसको लेकर जल्द मंत्रीमंडलीय उप समिति की बैठक मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में होगी.

cabinet sub commitee meeting, जयपुर न्यूज
नजूल संपत्तियों को लेकर राजस्थान में कैबिनेट मीटिंग
author img

By

Published : Feb 28, 2021, 1:32 PM IST

जयपुर. प्रदेश या प्रदेश के बाहर की नजूल संपत्तियों का उपयोग हो, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इन संपत्तियों को पुरातत्व, पर्यटन और सरकारी कार्यालयों के हिसाब से उपयोग में लिया जा सकेगा. वहीं ऐसी संपत्तियां जिनका उपयोग नहीं हो सकता, उन्हें बेचा जाएगा.

सरकारी रिकॉर्ड की बात की जाए तो 4000 के करीब नजूल संपत्तियां (Nazul Properties) है. जिसमें से 700 के करीब ऐसी है, जो खाली पड़ी है. अन्य पर किसी का कब्जा है. कब्जे वाली संपत्तियों के लिए मंत्रीमंडलीय उप समिति बनी हुई है. नजूल संपत्तियों का निस्तारण नहीं होने में ऊंची दर होने की बात सामने आ रही है. जिसको लेकर जल्द मंत्रीमंडलीय उप समिति की बैठक मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में होगी. जिसमें दरों को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है.

यह भी पढ़ें. राज्यपाल कलराज मिश्र ने 2 दिवसीय लीडरशिप समिट के समापन कार्यक्रम को ऑनलाइन किया संबोधित

जीएडी सचिव दिनेश यादव ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आने वाली नजूल संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा चुका है. वहीं इसके अलावा जिलों में नजूल संपत्तियों का चिन्हीकरण पीडब्ल्यूडी के माध्यम से कराए जाने के लिए कलक्टरों का पत्र लिखा है और सूचनाएं मांगी है. इसके अलावा ऐसी भी संपत्तियां है, जिसकी किसी को जानकारी नहीं है. उन्हें भी चिन्हीकरण करने का काम किया जा रहा है. सभी संपत्तियों के चिन्हीकरण के बाद इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं ऐसी संपत्तियां भी है, जिनका उपयोग नहीं हो सकता, उनका निस्तारण किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश या प्रदेश के बाहर की नजूल संपत्तियों का उपयोग हो, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इन संपत्तियों को पुरातत्व, पर्यटन और सरकारी कार्यालयों के हिसाब से उपयोग में लिया जा सकेगा. वहीं ऐसी संपत्तियां जिनका उपयोग नहीं हो सकता, उन्हें बेचा जाएगा.

सरकारी रिकॉर्ड की बात की जाए तो 4000 के करीब नजूल संपत्तियां (Nazul Properties) है. जिसमें से 700 के करीब ऐसी है, जो खाली पड़ी है. अन्य पर किसी का कब्जा है. कब्जे वाली संपत्तियों के लिए मंत्रीमंडलीय उप समिति बनी हुई है. नजूल संपत्तियों का निस्तारण नहीं होने में ऊंची दर होने की बात सामने आ रही है. जिसको लेकर जल्द मंत्रीमंडलीय उप समिति की बैठक मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में होगी. जिसमें दरों को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है.

यह भी पढ़ें. राज्यपाल कलराज मिश्र ने 2 दिवसीय लीडरशिप समिट के समापन कार्यक्रम को ऑनलाइन किया संबोधित

जीएडी सचिव दिनेश यादव ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आने वाली नजूल संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा चुका है. वहीं इसके अलावा जिलों में नजूल संपत्तियों का चिन्हीकरण पीडब्ल्यूडी के माध्यम से कराए जाने के लिए कलक्टरों का पत्र लिखा है और सूचनाएं मांगी है. इसके अलावा ऐसी भी संपत्तियां है, जिसकी किसी को जानकारी नहीं है. उन्हें भी चिन्हीकरण करने का काम किया जा रहा है. सभी संपत्तियों के चिन्हीकरण के बाद इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं ऐसी संपत्तियां भी है, जिनका उपयोग नहीं हो सकता, उनका निस्तारण किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.