जयपुर. प्रदेश या प्रदेश के बाहर की नजूल संपत्तियों का उपयोग हो, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इन संपत्तियों को पुरातत्व, पर्यटन और सरकारी कार्यालयों के हिसाब से उपयोग में लिया जा सकेगा. वहीं ऐसी संपत्तियां जिनका उपयोग नहीं हो सकता, उन्हें बेचा जाएगा.
सरकारी रिकॉर्ड की बात की जाए तो 4000 के करीब नजूल संपत्तियां (Nazul Properties) है. जिसमें से 700 के करीब ऐसी है, जो खाली पड़ी है. अन्य पर किसी का कब्जा है. कब्जे वाली संपत्तियों के लिए मंत्रीमंडलीय उप समिति बनी हुई है. नजूल संपत्तियों का निस्तारण नहीं होने में ऊंची दर होने की बात सामने आ रही है. जिसको लेकर जल्द मंत्रीमंडलीय उप समिति की बैठक मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में होगी. जिसमें दरों को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है.
यह भी पढ़ें. राज्यपाल कलराज मिश्र ने 2 दिवसीय लीडरशिप समिट के समापन कार्यक्रम को ऑनलाइन किया संबोधित
जीएडी सचिव दिनेश यादव ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आने वाली नजूल संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा चुका है. वहीं इसके अलावा जिलों में नजूल संपत्तियों का चिन्हीकरण पीडब्ल्यूडी के माध्यम से कराए जाने के लिए कलक्टरों का पत्र लिखा है और सूचनाएं मांगी है. इसके अलावा ऐसी भी संपत्तियां है, जिसकी किसी को जानकारी नहीं है. उन्हें भी चिन्हीकरण करने का काम किया जा रहा है. सभी संपत्तियों के चिन्हीकरण के बाद इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं ऐसी संपत्तियां भी है, जिनका उपयोग नहीं हो सकता, उनका निस्तारण किया जाएगा.